नई दिल्ली: इजराइल ने कई दिनों के सस्पेंस के बाद आखिरकार दावा किया है कि उसने हमास के मिलिट्री कमांडर मोहम्मद दिएफ को मार दिया है। दिएफ के बारे में माना जाता है कि पिछले साल 7 अक्टूबर को इजराइल पर हुए हमले का वह मास्टरमाइंड था। इजराइल पर इसी हमले के बाद गाजा और फिलिस्तीनी क्षेत्रों में युद्ध शुरू हुए। इजराइल ने गुरुवार (1 अगस्त) को कहा कि दिएफ को पिछले महीने गाजा में किए गए एक हवाई हमले में मारा गया।
13 जुलाई को मारा गया मोहम्मद दिएफ
इजराइल की ओर से दिएफ के मारे जाने का दावा उस समय हुआ है जब एक दिन पहले ही ईरान की राजधानी तेहरान में हमास के शीर्ष राजनीतिक नेता इस्माइल हानिया के मारे जाने की खबर आई है। इजराइल डिफेंस फोर्सेस (आईडीएफ) की ओर से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर कहा गया, ‘अब हम पुष्टि कर सकते हैं कि मोहम्मद दिएफ को मार दिया गया है।’
In a world where you can be anything, Mohammed Deif chose to be a mastermind of terrorism. pic.twitter.com/8jeAtvW0Lv
— Israel Defense Forces (@IDF) August 1, 2024
दरअसल, 13 जुलाई को आईडीएफ लड़ाकू विमानों ने दक्षिणी गाजा के खान यूनिस क्षेत्र में एक आवासीय परिसर पर हमला किया था। इजराइल के अनुसार इसी हमले में दिएफ मारा गया। इजराइली सेना ने उस समय बताया था कि हवाई हमले में एक और हमास कमांडर राफा सलामाह भी मारा गए था। सलामाह हमास के खान यूनिस ब्रिगेड का कमांडर था। उस वक्त हालांकि इजराइली सेना ने दिएफ के मौत की पुष्टि नहीं की थी। इजराइल के अनुसार सलामाह भी सात अक्तूबर के हमले के मास्टरमाइंड्स में से एक था।
सात बाद इजराइल के हमले में बचा था दिएफ
दिएफ के बारे में बताया जाता है कि 2001 से लेकर अब तक सात बार उसे इजराइल द्वारा मारने की कोशिश हुई, लेकिन हर बार वो बचता चला गया। 13 जुलाई के हमले के बाद गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा था कि विस्थापित परिवारों के लिए बनाए ‘मानवीय क्षेत्र’ पर हमले में 90 फिलिस्तीनियों की मौत हो गई। वहीं, समाचार एजेंसी एएफपी के अनुसार इसराइली सेना ने दावा किय कि उसकी सूचना के अनुसार उस जगह पर केवल हमास के आतंकवादी थे और कोई आम नागरिक मौजूद नहीं था।
कौन था मोहम्मद दिएफ?
इजराइल ने दिएफ को 7 अक्टूबर, 2023 के हमले का मास्टरमाइंड बताया था। दक्षिणी इजराइल में हुए उस हमले में 1,200 लोग मारे गए थे और लगभग 250 लोगों को गाजा पट्टी में बंधक बना लिया गया था। इस हमले के बाद से गाजा युद्ध शुरू हुआ था, जो अब तक जारी है। मोहम्मद दियाब अल-मासरी था।
दिएफ को हमास के सबसे प्रभावशाली लोगों में से एक माना जाता था। वह हमास के प्रमुख याह्या सिनवार के बाद दूसरे नंबर के सबसे प्रभावशाली शख्स के रूप में देखा जाता था। दिएफ दशकों से इजराइल की मोस्ट वॉन्टेड लिस्ट में शीर्ष पर था। पूर्व में दिएफ ने आत्मघाती बम विस्फोटों में दर्जनों इजराइलियों की मौत की जिम्मेदारी ली थी।
1987 में हमास से जुड़ा था दिएफ
दिएफ बहुत कम मौकों पर सार्वजनिक तौर पर नजर आया है। वह 1987 में हमास से जुड़ा था। दिएफ ने गाजा में इस्लामिक विश्वविद्यालय से विज्ञान में डिग्री हासिल की थी। यही नहीं, दिएफ यूनिवर्सिटी के मनोरंजन समिति का प्रमुख थे और उसने स्टेज पर कई कॉमेडी नाटकों में हिस्सा भी लिया था। इसी दौरान वह मुस्लिम ब्रदरहुड से जुड़ा और फिर हमास के साथ हो गया।
साल 1989 में इजराइल ने दिएफ को गिरफ्तार भी किया था और तब वह 16 महीने इजराइल की कैद में रहा था। गाजा में सुरंगों का जो नेटवर्क है, जिसने इजराइली बलों के लिए सबसे ज्यादा मुश्किल पैदा की है, उसे विकसित करने में दिएफ की बड़ी भूमिका थी। दिएफ के पास बम बनाने की भी विशेषज्ञता थी। दिएफ को 2015 में अमेरिका ने अपनी अंतरराष्ट्रीय आतंकवादियों की सूची में डाला था।
शरणार्थी शिविर में जन्म
इजराइली और फिलिस्तीनी मीडिया की रिपोर्टों में कहा गया है कि दिएफ का जन्म 1965 में गाजा के खान यूनिस शरणार्थी शिविर में हुआ था। उस दौरान इस क्षेत्र पर मिस्र का कब्जा था। दिएफ को मारने की कई कोशिशें इजराइन ने की। दिएफ पर 1996 में इजराइल में बसों में धमाके कराने के भी आरोप हैं, जिसमें कई लोगों की जान चली गई। 1990 के दशक में उस पर तीन इजराइली सैनिकों को मारने के भी आरोप थे।
साल 2014 में इजराइल ने गाजा के पास शेख राडवान इलाके में एक घर पर हवाई हमला करके दिएफ को मारने का प्रयास किया था इसमें दिएफ की पत्नी विदाद और नवजात बेटे अली की मौत हो गई थी। इजराइल को लगा कि उसने दिएफ को भी मार डाला है, लेकिन वह उस समय इमारत में मौजूद नहीं था। माना जाता है कि मौजूदा संघर्ष के दौरान दिएफ लगातार गाजा के अंदर भूमिगत सुरंगों से हमास के सैन्य अभियानों की देखरेख कर रहा था।