सियोलः दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्री किम योंग-ह्यून ने मार्शल लॉ विवाद को लेकर बुधवार को सार्वजनिक माफी मांगी और इस्तीफे की पेशकश की। किम ने कहा कि “मैंने इमरजेंसी मार्शल लॉ के कारण हुई उथल-पुथल की पूरी जिम्मेदारी लेते हुए राष्ट्रपति को अपना इस्तीफा सौंप दिया है।” कथित तौर पर किम ने मार्शल लॉ लागू करने का प्रस्ताव रखा था, जिसके कारण विपक्ष के साथ-साथ सत्तारूढ़ पार्टी के भीतर भी उनके इस्तीफे की मांग तेज हो गई थी।
छह घंटे का लागू रहा मार्शल लॉ
राष्ट्रपति यून सुक-योल ने मंगलवार रात देश में आपातकालीन मार्शल लॉ की घोषणा की थी, जिसे केवल छह घंटे बाद बुधवार सुबह रद्द करना पड़ा। किम ने अपने बयान में कहा कि रक्षा मंत्रालय देश की सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए अपनी जिम्मेदारी निभाता रहेगा।
उन्होंने कहा, “मार्शल लॉ हटा दिया गया है, और लोग अपने दैनिक जीवन में लौट रहे हैं। लेकिन घरेलू राजनीतिक और सुरक्षा स्थितियां अब भी चुनौतीपूर्ण बनी हुई हैं। रक्षा मंत्रालय यह सुनिश्चित करेगा कि सुरक्षा अभियान बिना किसी रुकावट के चलें और विवादास्पद मुद्दों को स्थिरता से प्रबंधित किया जाए।”
महाभियोग प्रस्ताव के बाद मांगी माफी
किम की माफी मुख्य विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी (डीपी) द्वारा उनके खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पेश करने के एक घंटे के भीतर आई। डीपी ने राष्ट्रपति यून के खिलाफ भी महाभियोग प्रस्ताव लाने की तैयारी कर ली है, जिसे गुरुवार को संसद में पेश किया जा सकता है।
राष्ट्रपति यून ने एक टीवी संबोधन में मार्शल लॉ लागू करने का बचाव करते हुए कहा कि यह कदम देश की उदारवादी संवैधानिक व्यवस्था की रक्षा के लिए उठाया गया था। उन्होंने इसे “राज्य विरोधी ताकतों को खत्म करने” का प्रयास बताया। उन्होंने विपक्ष पर आरोप लगाया कि महाभियोग प्रस्ताव और बजट कटौती के माध्यम से सरकार को “पंगु” करने की कोशिश की जा रही है।
सत्तारूढ़ पार्टी ने भी मार्शल लॉ का किया विरोध
राष्ट्रपति यून के मार्शल लॉ फैसले का विरोध उनकी अपनी पार्टी पीपुल्स पावर पार्टी (पीपीपी) के भीतर भी हुआ। पार्टी अध्यक्ष हान दोंग-हून ने राष्ट्रपति से स्पष्ट स्पष्टीकरण की मांग की। उन्होंने कहा, “राष्ट्रपति को इस असामान्य और विनाशकारी स्थिति की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। रक्षा मंत्री, जिन्होंने यह प्रस्ताव दिया, उन्हें तुरंत बर्खास्त किया जाना चाहिए।”
रिपोर्ट्स के मुताबिक, राष्ट्रपति यून की पार्टी पीपीपी की लोकप्रियता में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। उनकी पत्नी भी कथित घोटालों और विवादों में फंसी रही हैं, जिससे सरकार की छवि पर और अधिक असर पड़ा है। दक्षिण कोरिया में इस विवाद ने न केवल राजनीतिक हलचल बढ़ाई है, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा और राजनीतिक स्थिरता पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।