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पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में महंगाई, भारी टैक्स को लेकर हजारों लोग सड़कों पर उतर आए हैं। 14 मई को यहां प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के साथ झड़प में तीन लोगों की मौत हो गई जबकि 6 लोघ घायल हो गए। द डॉन के मुताबिक, अर्धसैनिक रेंजरों ने झड़प के दौरान प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलाईं। भारतीय समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, मुजफ्फराबाद, दादियाल, मीरपुर और पीओके के अन्य हिस्सों में कानून प्रवर्तन और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें हुईं हैं। इससे पहले शनिवार को ताजा झड़पों में एक पुलिस अधिकारी की मौत हो गई थी और 90 लोग घायल हुए थे।
प्रदर्शनकारी गेहूं के आटे की ऊंची कीमतों, भारी टैक्स और मंगला बांध से कर मुक्त बिजली की मांग कर रहे हैं। पिछले शुक्रवार को शुरू हुए इस प्रदर्शन की वजह पीओके में तनाव बना हुआ है। विरोध प्रदर्शन को देखते हुए सोमवार को सरकारी कार्यालय और शैक्षणिक संस्थान बंद कर दिए गए। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, पूरे क्षेत्र में बाजार, व्यापार केंद्र, कार्यालय, स्कूल और रेस्तरां सब बंद रहे।
जेएएसी 70 कार्यकर्ता गिरफ्तार, हिंसक हुए प्रदर्शनकारी
पिछले शनिवार को प्रदर्शनकारियों ने पुंछ-कोटली रोड पर एक मजिस्ट्रेट की कार समेत कई वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया था। हिंसा के बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की और मुजफ्फराबाद में दर्जनों लोगों को गिरफ्तार किया। डॉन की एक रिपोर्ट के 9 मई और 10 मई को जेएएसी के लगभग 70 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार करने के बाद विरोध प्रदर्शन हिंसक रूप ले लिया है। शुक्रवार को सरकार ने मुजफ्फराबाद के विभिन्न हिस्सों में मोबाइल फोन और इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया था।
23 अरब का फंड जारी
पीओके के प्रधान मंत्री चौधरी अनवारुल हक ने कहा कि निवासी पिछले कुछ दिनों से सस्ती बिजली और आटा सब्सिडी की वकालत कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोई भी सुलभ बिजली और सस्ती रोटी की आवश्यकता को नजरअंदाज नहीं कर सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान सरकार को तत्काल राहत देने के लिए 23 अरब पाकिस्तानी रुपये (पीकेआर) आवंटित करने के लिए मजबूर होना पड़ा।
पीओके में विरोध प्रदर्शन क्यों?
बिजली और खाद्य पदार्थों की ऊंची कीमतों के विरोध में व्यापारी शुक्रवार को सड़कों पर उतर आए। अगस्त 2023 में भी ऊंचे बिजली बिलों के खिलाफ ऐसे ही विरोध प्रदर्शन हुए थे। मौजूदा प् हड़ताल के कारण पीओके की राजधानी और सबसे बड़े शहर मुजफ्फराबाद में सार्वजनिक परिवहन, दुकानें, बाजार और व्यवसाय बंद हो गए हैं। मीरपुर और मुजफ्फराबाद डिवीजनों में बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेड तोड़ दिए और पुलिस के साथ झड़प की। रविवार को, विधान सभा और अदालतों जैसी सरकारी इमारतों की सुरक्षा के लिए अर्धसैनिक रेंजरों को बुलाया गया था। बढ़ती ऊर्जा लागत के कारण पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था चरमरा गई है डॉन अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, मई 2022 से उपभोक्ता मुद्रास्फीति 20% से ऊपर रही है। जो मई 2023 में 38% तक पहुंच गई है।
विरोध प्रदर्शन का कौन कर रहा नेतृत्व?
विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व जम्मू-कश्मीर संयुक्त अवामी एक्शन कमेटी (जेएएसी) कर रही है। जिसमें व्यापारी सबसे आगे हैं। शुक्रवार को हड़ताल का आह्वान करने के बाद एक्शन कमेटी के दर्जनों नेताओं और सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है। समाचार एजेंसी आईएएनस ने बताया कि ट्रेडर्स एसोसिएशन मुजफ्फराबाद के अध्यक्ष और सदस्य सौकत नवाज मीर ने कहा, दादयाल में हमारे शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों के खिलाफ पुलिस की बर्बरता के खिलाफ पीओके और विशेष रूप से मुजफ्फराबाद में पूरी तरह से शटडाउन और चक्काजाम हड़ताल होने जा रही है।