वाशिंगटन/लॉस एंजिल्स: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने लॉस एंजिल्स में भड़की हिंसा और व्यापक विरोध प्रदर्शनों को देखते हुए 2,000 नेशनल गार्ड्स की तैनाती का आदेश जारी किया है। यह कदम इमिग्रेशन एंड कस्टम्स एनफोर्समेंट (आईसीई) की छापेमारी के बाद उपजे हालात के मद्देनज़र उठाया गया है, जिसमें अब तक 44 लोगों को हिरासत में लिया गया है। छापों के विरोध में कई जगहों पर प्रदर्शन उग्र हो गए, जिसमें पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच टकराव की स्थिति बनी।
ट्रंप का कड़ा संदेश- लॉ एंड ऑर्डर लागू करेंगे
राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर पोस्ट करते हुए कैलिफ़ोर्निया के गवर्नर गैविन न्यूसम और लॉस एंजिल्स की मेयर करेन बैस को आड़े हाथों लिया। उन्होंने लिखा, “अगर गवर्नर और मेयर अपना काम नहीं कर सकते, जो कि वे कर नहीं सकते तो संघीय सरकार दंगों और लूट को वैसे रोकेगी जैसे उसे रोका जाना चाहिए।”
व्हाइट हाउस की ओर से जारी बयान में कहा गया कि हालिया हिंसा में "हजार से अधिक उपद्रवियों" ने आईसीई एजेंटों और संघीय कानून प्रवर्तन अधिकारियों पर हमला किया, वाहनों के टायर काटे, इमारतों को नुकसान पहुंचाया और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया। राष्ट्रपति के अनुसार, यह कार्रवाई कानून व्यवस्था बहाल करने के लिए आवश्यक थी।
क्या है पूरा मामला?
6 जून को आईसीई, एफबीआई और होमलैंड सिक्योरिटी की संयुक्त कार्रवाई में लॉस एंजिल्स के फैशन डिस्ट्रिक्ट और पैरामाउंट इलाकों में अवैध अप्रवासियों को संरक्षण देने के आरोप में छापेमारी की गई। इस दौरान 44 लोगों को हिरासत में लिया गया, जिनमें सर्विस एम्प्लॉइज इंटरनेशनल यूनियन के प्रमुख डेविड हुएर्ता भी शामिल थे। यूनियन ने आरोप लगाया कि ह्यूर्टा को घायल कर जबरन हिरासत में लिया गया।
इस कार्रवाई के बाद भारी संख्या में प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए। कुछ ने मेक्सिकन झंडे लहराए तो कई लोगों ने मिर्ची स्प्रे और आंसू गैस से बचने के लिए मास्क पहन रखे थे। पुलिस ने जवाबी कार्रवाई में टियर गैस, स्मोक ग्रेनेड और फ्लैश बेंग का इस्तेमाल किया।
संघीय और राज्य प्रशासन के बीच तकरार
व्हाइट हाउस प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने कैलिफ़ोर्निया की डेमोक्रेटिक सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि "निकम्मी राज्य सरकार" नागरिकों की सुरक्षा में नाकाम रही है, इसलिए राष्ट्रपति ने नेशनल गार्ड्स तैनात करने का फैसला किया।
दूसरी ओर, लॉस एंजिल्स की मेयर करेन बैस ने इस ऑपरेशन को “आतंक फैलाने वाला” बताया और कहा कि इससे शहर में भरोसे की भावना को गहरी चोट पहुंची है। कैलिफ़ोर्निया के गवर्नर गैविन न्यूसम ने भी ट्रंप के फैसले को “जानबूझकर उकसाने वाला” बताते हुए कहा कि इससे हालात और खराब हो सकते हैं।
इमिग्रेशन नीति बनी राजनीतिक जंग का केंद्र
ट्रंप प्रशासन ने अपने दूसरे कार्यकाल में अप्रवासन के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है। व्हाइट हाउस ने आईसीई को प्रतिदिन 3,000 गिरफ्तारी का लक्ष्य दिया है, हालांकि फिलहाल यह संख्या औसतन 1,600 है।
इस विवाद ने डेमोक्रेट-शासित कैलिफोर्निया और ट्रंप के रिपब्लिकन नेतृत्व वाले संघीय प्रशासन के बीच तनाव को और बढ़ा दिया है। जहां एक ओर स्थानीय प्रशासन छापों को समुदाय विरोधी और उत्पीड़क बता रहा है, वहीं ट्रंप सरकार इसे "देश की सुरक्षा" से जोड़कर देख रही है।