जॉर्जटाउन: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को गयाना की संसद के एक विशेष सत्र को संबोधित किया। उन्होंने इस सम्मान के लिए गयाना के लोगों का आभार जताते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच गर्मजोशी और स्नेह से भरे संबंध रहे हैं।
पिछले 56 सालों में वे पहले भारतीय प्रधानमंत्री है जो कैरेबियाई देश गयाना का दौरा किए हैं। गयाना की संसद के विशेष सत्र के दौरान पीएम मोदी ने अपने भाषण में दोनों देशों के बीच विशेष बंधन पर जोर दिया और कहा कि भारत और गयाना की मित्रता बहुत ही पुरानी है। आइए, गयाना की संसद में पीएम मोदी के भाषण को 10 प्वाइंट में समझते हैं।
पीएम मोदी के गयाना की संसद में भाषण…..10 प्वाइंट में
1. भारत और गयाना के बीच के रिश्ते के बारे में बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा, “यह मिट्टी, पसीने और मेहनत का रिश्ता है। लगभग 180 साल पहले गयाना की धरती पर पहले भारतीय ने कदम रखा था। ऐसे में तब से लेकर अब तक सभी परिस्थितियों में भारत और गयाना के बीच संबंध गर्मजोशी और स्नेह से भरे रहे हैं।”
2. पीएम मोदी ने बताया कि आज से 24 साल पूर्व वे “एक जिज्ञासु के रूप में” इस खूबसूरत देश की यात्रा कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि वह गयाना की विरासत के बारे में जानना चाहते थे, इसके इतिहास को समझना चाहते थे। उन्होंने कहा, “गयाना में आज भी ऐसे कई लोग हैं, जिन्हें मेरे साथ हुई मुलाकातें याद हैं। उस समय की मेरी यात्रा कई यादों से भरी हुई है।”
3. प्रधानमंत्री ने कैरेबियाई देश की संसद को संबोधित करते हुए समृद्ध लोकतांत्रिक परंपरा पर बल दिया। उन्होंने कहा, “आज विश्व के सामने आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है ‘डेमोक्रेसी फर्स्ट, ह्यूमैनिटी फर्स्ट’। डेमोक्रेसी फर्स्ट की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो, सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। ह्यूमैनिटी फर्स्ट की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है। जब ह्यूमैनिटी फर्स्ट को निर्णयों का आधार बनाते हैं तो नतीजे भी मानवता के हित करने वाले ही होते हैं।”
4. पीएम मोदी ने कहा कि आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम अपनी जिम्मेदारी मानकर वहां पहुंचे। उन्होंने कहा, “दुनिया के लिए यह समय टकराव का नहीं, टकराव पैदा करने वाली परिस्थितियों को पहचान कर उनको दूर करने का है। हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम संसाधन पर कब्जे की और उसे हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं।”
5. भारत के ‘ग्लोबल साउथ’ के आवाज बनने पर बोलते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि,”आज भारत हर तरह से वैश्विक विकास और शांति के पक्ष में खड़ा है। इसी भावना के साथ आज भारत ‘ग्लोबल साउथ’ की भी आवाज बना है।”
PM @narendramodi’ s clout in the world can be ascertained by thr number of speeches he has given in foreign parliaments. pic.twitter.com/xwqxjibo2W
— Modi Bharosa (@ModiBharosa) November 21, 2024
6. दोनों देशों की ऐतिहासिक समानता की जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आजादी की लड़ाई के दौरान गयाना और भारत में कई लोगों ने अपना जीवन समर्पित किया। उन्होंने अपने भाषण में महात्मा गांधी का भी जिक्र करते हुए कहा कि उनके करीबियों ने यहां पर आजादी की लड़ाई लगी थी।
7. प्रधानमंत्री ने कहा कि गयाना में लोकतंत्र को मजबूत करना हर कदम पर दुनिया के विकास में योगदान दे रहा है। लोकतंत्र को मजबूत करने के साथ-साथ हमें वैश्विक स्थितियों पर भी लगातार नजर रखनी चाहिए।
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8. पीएम मोदी ने यह भी कहा कि जब भारत और गयाना को आजादी मिली तो दुनिया को अलग-अलग चुनौतियों का सामना करना पड़ा। आज 21वीं सदी की चुनौतियां बिल्कुल अलग हैं। उन्होंने कहा, “द्वितीय विश्व युद्ध के बाद स्थापित प्रणालियां और संगठन चरमरा रहे हैं। आज हम आतंकवाद, मादक पदार्थों की तस्करी और साइबर अपराध सहित कई चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। आने वाली पीढ़ियों के लिए बेहतर भविष्य को आकार देने के लिए हमें इन मुद्दों का डटकर सामना करना होगा। इसे केवल ‘डेमोक्रेसी फर्स्ट, ह्यूमैनिटी फर्स्ट’ को प्राथमिकता देकर ही हासिल किया जा सकता है।”
9. प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे लोकतांत्रिक मूल्य विकास के पथ पर चलते हुए हर उत्थान और पतन में हमारा सहारा बनते हैं। एक समावेशी समाज के निर्माण में लोकतंत्र से बड़ा कोई साधन नहीं है। लोकतंत्र उनके अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करता है और उज्ज्वल भविष्य की गारंटी देता है। हमने दिखाया है कि लोकतंत्र हमारे डीएनए और आचरण में है।
10. पीएम मोदी ने कहा कि जब कोरोना संकट आया तब पूरी मानवता के सामने नई चुनौती आई थी। इस समय भारत ने पूरी दुनिया को एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य का संदेश दिया था।
समाचार एजेंसी आईएएनएस के इनपुट के साथ