लंदन: लेबर पार्टी के मुख्या किएर स्टार्मर अब ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री बन गए हैं। वे ऋषि सुनक की जगह ले रहे। ब्रिटेन में गुरुवार को हुए चुनाव में किएर स्टार्मर की लेबर पार्टी ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की है। पार्टी 14 साल बाद ब्रिटेन में सत्ता पर काबिज हुई है। ब्रिटेन की कुल 650 सीटों में से लेबर पार्टी ने 411 सीटों पर दर्ज की है। जबकि बहुमत का आंकड़ा 326 का है। दूसरी ओर ऋषि सुनक की कंजर्वेटिव पार्टी केवल 121 सीटें जीत सकी है।
इन नतीजों के बाद अब सवाल है कि भारत के लिए इसमें क्या संकेत छुपे है। लेबर पार्टी के सत्ता में आने के बाद भारत से ब्रिटेन के रिश्ते कैसे होंगे, क्या बदलाव आएंगे? क्या भारत के रिश्ते पहले के मुकाबले ब्रिटेन से और मजबूत होंगे। इन पहलुओं को समझने की कोशिश करते हैं। यहां ये भी गौर करना होगा कि ब्रिटेन में भारतीय मूल के करीब 15 लाख से अधिक लोग रहते हैं, जो एक बड़ी तादाद है।
किएर स्टार्मर की जीत के भारत के लिए क्या मायने?
प्रधानमंत्री बनने के बाद कीएर स्टार्मर के कार्यकाल का पहला महीना अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और यूरोपीय नेताओं के साथ बैठकों आदि में गुजरेगा। 2010 से सत्ता से बाहर रही लेबर पार्टी ने इन चुनाव में ‘प्रोग्रेसिव रियलिज्म’ विदेश नीति का वादा किया है। माना जा रहा है कि डेविड लैमी विदेश मंत्री बन सकते हैं और यह भारत के लिए अच्छा है।
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डेविड लैमी के बारे में कहा जाता है कि उन्हें दक्षिण एशियाई मामलों की अच्छी-खासी समझ है। यहां गौर करने वाली बात ये भी है कि स्टार्मर से पहले जर्मी कोर्बिन लेबर पार्टी के प्रमुख थे। उस समय कोर्बिन के रूख और खासकर कश्मीर को लेकर उनके बयानों के बाद भारत काफी नाराज हुआ था। ऐसे में स्टार्मर को भारत के साथ रिश्तों को नए सिरे से बेहतर करने की शुरुआत करनी होगी।
मुक्त व्यापार समझौता पर जल्द चर्चा
भारत और ब्रिटेन के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट को लेकर कंजर्वेटिव पार्टी ने भी सक्रियता दिखाई थी। वहीं, लेबर पार्टी ने भी अपने घोषणापत्र में इसका जिक्र किया था। पिछले ही हफ्ते लंदन में इंडिया ग्लोबल फोरम (IGD) में डैरन लैमी ने कहा था, ‘बिना ट्रेड डील के कई दिवाली आई और चली गई। कई बिजनेस इंतजार कर रहे हैं। वित्त मंत्री (भारत के) निर्मला सीतारमण और (व्यापार) मंत्री पीयूष गोयल को मेरा संदेश है कि लेबर तैयार हैं। चलिए हमारे फ्री ट्रेड डील को अंजाम तक पहुंचाते हैं और आगे बढ़ते हैं।’
यह भी कहा जा रहा है कि लेबर पार्टी इस ट्रेड डील को जल्द से जल्द पूरा करना चाहती है। संभव है कि अगले एक महीने के भीतर या जुलाई खत्म होने से पहले लैमी भारत दौरे पर पहुंचे। रिपोर्ट्स के मुताबिक इस समझौते में 26 बिंदुओं पर दोनों देशों में सहमति बन चुकी है।
गौरतलब है कि फ्री ट्रेड एग्रीमेंट की बातचीत औपचारिक रूप से जनवरी 2022 में शुरू हुई थी। उस समय बोरिस जॉनसन ब्रिटिश प्रधान मंत्री थे। हालांकि तब से ब्रिटेन में राजनीतिक उथल-पुथल खूब रही। पहले करीब 40 दिनों के लिए लिज ट्रस प्रधानमंत्री बनीं। इसके बाद ऋषि सुनक ब्रिटेन के पहले भारतीय मूल के प्रधानमंत्री बने। इस उठापटक के बीच ट्रेड डील पीछे रह गया था।
लेबर पार्टी, कश्मीर और किएर स्टार्मर
स्टार्मर अभी तक अपने बयानों से भारत के करीब नजर आते रहे हैं। इसका एक उदाहरण 2019 में नजर आता है। उस समय जर्मी कोर्बिन के नेतृत्व में लेबर पार्टी ने अपने सलाना कार्यक्रम में एक प्रस्ताव पारित किया था। इसमें कहा गया कि कश्मीर में मानवीय संकट है। प्रस्ताव में ये भी कहा गया कि कश्मीर को खुद फैसला लेने का अधिकार देना चाहिए।
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भारत तब लेबर पार्टी के इस रवैये से काफी नाराज था। उसी समय लेबर पार्टी के नेता किएर स्टार्मर ने सफाई भी दी थी कि कश्मीर असल में भारत और पाकिस्तान का आपसी मामला है। हालांकि, मामल तब तक बिगड़ चुका था। स्टार्मर लेबर पार्टी का नेतृत्व संभालने के बाद भी कई बार कहते रहे हैं कि वे भारत के साथ रिश्तों को और बेहतर करना चाहते हैं।
चुनावी कैंपेन में भारत के लिए सकारात्मक नजर आए हैं स्टार्मर
स्टार्मर को एहसास है कि दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के साथ संबंध कितने महत्वपूर्ण हैं। इसकी झलक उनके चुनावी कैंपेन और पिछले दो-तीन सालों के बयानों में भी नजर आता है। लेबर पार्टी के घोषणापत्र में व्यापार समझौते पर जोर देते हुए भारत के साथ ‘नई रणनीतिक साझेदारी’ को आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता की बात कही गई है।
वहीं, भारतीय प्रवासियों के साथ अपने कैंपेन और कई सार्वजनिक संबोधनों के दौरान स्टार्मर ने बार-बार कहा कि कश्मीर एक आंतरिक मुद्दा है और इसे भारत और पाकिस्तान द्वारा हल किया जाना चाहिए। स्टार्मर ने लेबर फ्रेंड्स ऑफ इंडिया के साथ एक बैठक के दौरान भी कहा, ‘भारत में कोई भी संवैधानिक मुद्दा भारतीय संसद का मामला है और कश्मीर भारत और पाकिस्तान के लिए एक द्विपक्षीय मुद्दा है जिसे शांतिपूर्ण ढंग से हल किया जाना चाहिए।’