कमला हैरिस ने डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवारी को आधिकारिक तौर पर स्वीकार किया (फोटो- X)
वाशिंगटन: अमेरिका में डेमोक्रेटिक पार्टी नेता कमला हैरिस ने शुक्रवार को शिकागो में पार्टी के एक सम्मेलन के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति पद के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवारी को आधिकारिक तौर पर स्वीकार कर लिया। इसके बाद उन्होंने अपने भाषण में अपनी और अपनी भारतीय मां के बारे में बहुत सी बातें बताईं। उनकी मां श्यामला गोपालन भारतीय मूल की अमेरिकी नागरिक थीं।
कमला ने कहा कि उनके जमैकी मूल के पिता डोनाल्ड जैस्पर हैरिस ने उन्हें हमेशा "निडर" बनने के लिए प्रेरित किया और उनकी मां श्यामला गोपालन ने उन्हें जिंदगी में हमेशा "कठोर और साहसी" बनने की शिक्षा दी।
साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि उनकी बहन माया का भी उनकी जिंदगी पर विशेष प्रभाव रहा है। वह कहती हैं कि "मेरी मां ने उन्हें (खुद के साथ बहन माया को भी) अन्याय के बारे में कभी शिकायत न कर इसके खिलाफ लड़ना सिखाया है।”
उन्होंने कहा, "मेरी मां श्यामला हैरिस एक अनोखी शख्सियत थीं। अब उनकी मुझे रोज याद आती है। मुझे पता है कि वह आज मेरी उम्मीदवारी स्वीकार करने के मौके पर वह आसमान से नीचे देख कर मुस्कुरा रही होंगी।"
अपनी मां के बारे में बताते हुए हैरिस ने कहा कि उनकी मां सिर्फ 19 साल की उम्र में वैज्ञानिक बनने के सपने को लेकर अकेले अमेरिका आई थीं।
वह आगे कहती हैं, “मेरी मां 19 साल की थीं जब उन्होंने अकेले भारत से अमेरिका के कैलिफोर्निया की यात्रा की। उनका सपना स्तन कैंसर का इलाज ढूंढने वाली वैज्ञानिक बनने का था। जब उन्होंने अपनी पढ़ाई खत्म की तो तो उन्हें पारंपरिक तरीके से शादी कर घर लौटना चाहिए था। लेकिन उनकी किस्मत को कुछ और मंजूर था। इसके बाद वह जमैका के एक छात्र, मेरे पिता डोनाल्ड हैरिस से मिली। वे प्यार में पड़ गए, फिर उन्होंने शादी कर ली।”
अपने पिता के बारे में बात करते हुए, हैरिस ने कहा, "मेरे शुरुआती जीवन में, उन्होंने मुझे निडर होना सिखाया। इसके बाद मेरे माता-पिता के बीच तालमेल नहीं रहा। जब मैं शुरुआती शिक्षा ले रही थी तब वह अलग हो गए... यह मेरी मां ही थी, जिन्होंने हमें पाला।”
अपने भाषण के दौरान, उन्होंने "अमेरिकियों को एकजुट करने वाली" और "अमेरिका के भविष्य के लिए लड़ने वाली" राष्ट्रपति बनने की भी शपथ ली।
इसके बाद उन्होंने कहा, "इस चुनाव के साथ, देशवासियों के पास पुराने बुरे अनुभवों, निराशावाद और विभाजनकारी झगड़ों से आगे बढ़ने का एक बहुमूल्य अवसर है। किसी एक पार्टी या गुट के सदस्य के रूप में नहीं बल्कि अमेरिकियों के रूप में हमें आगे बढ़ने का एक नया रास्ता तैयार करने का यह सबसे अच्छा मौका है।”
जो बाइडन हो चुके हैं रेस से बाहर
इससे पहले जो बाइडन ने हाल में अमेरिकी राष्ट्रपति पद की रेस से खुद को अलग करने का ऐलान कर दिया था। रिपब्लिकन उम्मीदवार और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ टीवी डिबेट के बाद से बाइडन के पार्टी के अंदर से ही उनके खिलाफ आवाज उठने लगी थी। इन सबके बावजूद अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन लगातार खुद को दोबारा चुनाव लड़ने के लिए फिट साबित करने की कोशिश में जुटे थे।
हालांकि, उन पर लगातार इस रेस से बाहर होने का दबाव बढ़ रहा था। बाइडन ने अपना नाम वापस लेने के साथ-साथ उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को डेमोक्रेट उम्मीदवार बनाए जाने का समर्थन भी किया था।
(समाचार एजेंसी IANS की इनपुट के साथ)
यह भी पढ़ें- कौन हैं थाईलैंड की सबसे कम उम्र की नई प्रधानमंत्री पैटोंगटार्न शिनावात्रा?