सिडनी: रक्तदान कर 24 लाख से ज्यादा बच्चों की जान बचाने वाले ऑस्ट्रेलियाई जेम्स हैरिसन का निधन हो गया है। वे 88 साल के थे। बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, 'गोल्डन आर्म वाले व्यक्ति' के रूप में जाने जाने वाले हैरिसन का 17 फरवरी को न्यू साउथ वेल्स में निधन हो गया।
हैरिसन ने 1954 में 18 साल की उम्र में रक्तदान करना शुरू किया। अपने पूरे जीवन में उन्होंने 81 साल की उम्र यानी साल 2018 तक 1173 बार रक्तदान किया। उनके रक्तदान ने दुनिया भर में 20 लाख से अधिक बच्चों को बचाया।
बीबीसी की रिपोर्ट में कहा गया है कि हैरिसन के प्लाज्मा में एंटी-डी (Anti-D) नाम का एक एक दुर्लभ एंटीबॉडी था, जो प्रसव के दौरान हानिकारक एंटीबॉडी को माताओं से उनके बच्चों में जाने से रोकता है।
14 साल की उम्र में लिया था रक्तदान का संकल्प
ऑस्ट्रेलियाई रेड क्रॉस ब्लड सर्विस के अनुसार हैरिसन की 14 साल की उम्र में फेफड़े से जुड़ी की एक बड़ी सर्जरी हुई थी। इस दौरान उन्हें कई ब्लड ट्रांसफ्यूजन चढ़ाए गए। इसके बाद से उन्होंने रक्तदान बनने का संकल्प लिया था। 2005 में उन्होंने सबसे अधिक रक्त प्लाज्मा दान करने का विश्व रिकॉर्ड बनाया। यह रिकॉर्ड उनके नाम 2022 तक कायम रहा, जब अमेरिका में एक व्यक्ति ने उन्हें पीछे छोड़ दिया।
हैरिसन की बेटी ट्रेसी मेलोशिप ने कहा कि उनके पिता को इतने सारे लोगों की जान बचाने पर बहुत गर्व था। उन्होंने बीबीसी को बताया, 'उन्होंने हमेशा कहा कि इससे दर्द नहीं होता और आप जो जीवन बचाते हैं वह आपका अपना हो सकता है।'
ऑस्ट्रेलिया के 'वाल्टर और एलिजा हॉल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल रिसर्च' के शोधकर्ता इन दिनों ऑस्ट्रेलियाई रेड क्रॉस ब्लड सर्विस (Lifeblood) के साथ मिलकर एक प्रयोगशाला में हैरिसन के एंटीबॉडी को तैयार करने के लिए काम कर रहे हैं। शोधकर्ताओं का लक्ष्य एंटी-डी का सिंथेटिक संस्करण तैयार करना है, जो दुनिया भर में गर्भवती महिलाओं के लिए एक विश्वसनीय और सुलभ उपचार सुनिश्चित करेगा।
ऑस्ट्रेलियाई रेड क्रॉस ब्लड सर्विस के अनुसार, हैरिसन ने 14 साल की उम्र में छाती की एक बड़ी सर्जरी के दौरान रक्त चढ़ाने के बाद दाता बनने का संकल्प लिया था। 2005 में, उन्होंने सबसे अधिक रक्त प्लाज्मा दान करने का विश्व रिकॉर्ड बनाया, यह उपाधि उनके पास 2022 तक बनी रही, जब अमेरिका में एक व्यक्ति ने उन्हें पीछे छोड़ दिया।