इटलीः चार दशकों का सबसे बड़ा भूकंप, दहशत में लोग

इटली के नेपल्स में चार दशकों में सबसे तेज भूकंप आया है। इसकी तीव्रता 4.4 रही। क्षति को देखते हुए बचाव कार्य जारी है और कई शहरों में स्कूलों को बंद करने का ऐलान किया गया है।

Earthquake Tremors in italy's naples city

इटली में देर रात महसूस किए गए भूकंप के तेज झटके Photograph: (ग्रोक)

रोमः इटली के नेपल्स और आसपास के इलाकों में सुबह तेज भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप की तीव्रता 4.4 थी जो बीते चार दशकों में आए भूकंप में सबसे ज्यादा थी। स्थानीय समयानुसार भूकंप सुबह करीब 1 बजकर 25 मिनट पर आया। इससे लोगों में दहशत देखी गई। भूकंप के झटकों से डरे लोग सड़कों पर निकल आए और कई लोगों ने अपनी गाडियों में रात गुजारी। 

इटालियन नेशनल इंस्ट्टिट्यूट ऑफ जियोफिजिक्स एंड वोल्कैनोलॉजी यानी आईएनजीवी के अनुसार, भूकंप कैम्पी फ्लेग्रेई क्षेत्र में स्थित पॉज्जुओली शहर के पास तीन किलोमीटर गहराई पर आया। यह क्षेत्र भूकंपीय क्षेत्र है। यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे यानी यूएसजीएस ने भूकंप को 10 किलोमीटर की गहराई पर 4.2 की तीव्रता के साथ रिकॉर्ड किया। 

दहशत में लोग 

भूकंप आने के दौरान तेज आवाजें आईं जिससे पूरे कैंपेनिया क्षेत्र में दहशत हो गई। कुछ प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि भूकंप के झटके बहुत तेज थे और इसके कारण कुछ इलाकों की बिजली आपूर्ति बाधित भी बाधित हुई। 

पॉज्जुओली में एक महिला का घर गिर गया था। हालांकि महिला को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। बगनोली जिले में बचावकर्मियों ने पूरी रात घरों में फंसे लोगों को निकालने का काम किया। भूकंप के दौरान हुई क्षति का आकलन करने के लिए एक बचाव समन्वय केंद्र स्थापित किया गया है। 

भूकंप के शुरुआती झटकों के बाद दो छोटे झटके महसूस किए गए जिससे आगे भूकंप आने की आशंका बढ़ गई। स्थानीय अधिकारियों ने पॉज्जुओली, बगनोली और बकोली के स्कूलों को बंद करने के आदेश दिए हैं। वहीं बकोली के मेयर ने लोगों से शांत रहने की अपील की है। इसके साथ ही उन्हें आधिकारिक स्रोतों से मिलने वाली जानकारी पर भरोसा रखने को कहा गया है।

इटली का नेपल्स शहर फ्लेग्रेई के ऊपर बसा है। यह एक विशाल ज्वालामुखी कैल्डेरा है जो भूकंपीय गतिविधि के लिए जाना जाता है। यहां पर करीब 15 कस्बों में लोग रहते हैं जिनकी आबादी पांच लाख के करीब है। ये लोग उच्च जोखिम वाले लाल-क्षेत्र में रह रहे हैं। 

इस क्षेत्र में ज्वालामुखी का आखिरी विस्फोट साल 1538 में हुआ था। हालांकि बीते कुछ वर्षों में भूकंपीय गतिविधियां बढ़ीं हैं। 

यह भी पढ़ें
Here are a few more articles:
Read the Next Article