हमास की कैद में रहीं इजराइली महिला नोआ अरगामानी से धुलवाए जाते थे बर्तन, 8 महीनों में चार बार बदले गए थे ठिकाने

बंधकों को बचाने के लिए आईडीएफ ने बीते शनिवार को मध्य गाजा के नुसेरात में व्यापक बचाव अभियान चलाया था। \xa0इजराइली सेनाओं और हमास के चरमपंथियों के बीच हुई सघन लड़ाई में 270 से अधिक लोग मारे गए जिनमें कुछ बच्चे और आम नागरिक भी हैं। करीब 400 घायल हुए थे।\xa0\xa0

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Noa Argamani with his father. Photo-x (@InbarCohen13)

अपने पिता के साथ नोआ अरगामनी। फोटो- एक्स (@InbarCohen13)

तेल अवीवः पिछले दिनों हमास की कैद से छुड़ाई गईं इजराइली महिला नोआ अरगामनी ने बताया है कि जब इजराइली सैनिक उन्हें बचाने के लिए घर में घुसे, उस वक्त वह बर्तन धो रही थींं। इजराइली सेना (आईडीएफ) ने 8 जून को एक ऑपरेशन के तहत नोआ अरगामानी के अलावा हमास की कैद से तीन बंधकों-अल्मोग मीर जान, एंड्री कोजलोव और श्लोमी जिव को छुड़ाया था। इन चारों इजराइली महिलाओं को हमास ने  गाजा में करीब 245 दिनों तक बंधक बनाकर रखा था।

हमास की कैद से बचाई गईं नोआ ने एक इजराइली मीडिया संस्थान  'चैनल 13' से बात करते हुए कहा कि उसे यकीन था कि अपहरण के बाद गाजा में उसे मार दिया जाएगा। नोआ के मुताबिक, हमास ने उसे पिछले आठ महीनों में चार अलग-अलग स्थानों पर बंदी बनाकर रखा था। जिस घर से उन्हें छुड़ाया गया, वहां रहने वाले परिवार उससे बर्तन धुलवाते थे। अरगामनी ने यह भी बताया कि जब भी उसके कैद की जगह बदली जाती थी, उसे फिलिस्तीनी महिला की तरह कपड़े पहनाए जाते थे।

इजराइली सैनिक जब बचाने आए, मैं बर्तन धो रही थीः नोआ

इजराइली सेना (आईडीएफ) द्वारा बचाव अभियान के बारे में बात करते हुए नोआ ने कहा कि जब इजराइली सैनिक उसे बचाने के लिए घर में घुसे, तो वह बर्तन धो रही थी। नोआ के मुताबिक, वह पल काफी डरावना था। सैनिक बहादुर थे। यह कुछ सेकेंड की बात थी, वरना आज मैं यहां नहीं होती।

गौरतलब है कि  7 अक्टूबर 2023 को इजराइल के खिलाफ हुए हमले के दौरान नोआ को संगीत समारोह से हमास ने अगवा कर लिया था। नोआ के हमास के लड़ाकों द्वारा अपहरण का वीडियो भी खूब वायरल हुआ था। कई रिपोर्टों में दावा किया गया कि नोआ को अज जजीरा के पत्रकार ब्दुल्लाह अलजमल के घर में बंधक बना कर रखा गया था।

ओपन सोर्स इंटेलिजेंस मॉनिटर ने एक्स पोस्ट में यह दावा किया था कि कि पत्रकार अब्दुल्लाह अलजमल के घर में नोआ अर्गमानी को रखा गया था। अब्दुल्लाह अलजमल गाजा स्थित फोटो जर्नलिस्ट और कतर स्थिति मीडिया हाउस अल-जजीरा के लिए काम करता था।

अब्दुल्लाह अल-जजीरा के अलावा फिलिस्तीनी क्रॉनिकल से भी जुड़ा हुआ था। हालांकि अल जजीरा ने इससे इनकार किया। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, इजराइली अभियान के दौरान अब्दुल्लाह और पत्नी फातिमा के साथ परिवार के अन्य सदस्य भी मारे गए थे।

हमास की कैद में अभी भी 120 इजराइली

इजराइल ने हमास की कैद में अपने नागरिकों को बचाने की कसम खाई है। बंधकों को बचाने के लिए आईडीएफ ने बीते शनिवार को मध्य गाजा के नुसेरात में व्यापक बचाव अभियान चलाया था।  इजराइली सेनाओं और हमास के चरमपंथियों के बीच हुई सघन लड़ाई में 270 से अधिक लोग मारे गए जिनमें कुछ बच्चे और आम नागरिक भी हैं। करीब 400 घायल हुए थे।

हमास के राजनीतिक ब्यूरो के प्रमुख इस्माइल हनीयेह ने एक बयान में कहा कि इजरायल ने बच्चों और महिलाओं को निशाना बनाया। उन्होंने कहा कि फिलिस्तीनी "आत्मसमर्पण नहीं करेंगे"। फिलिस्तीनी समाचार एजेंसी ने एक प्रेस बयान में कहा कि यह युद्ध "सब कुछ नष्ट कर देगा। किसी को सुरक्षा या शांति हासिल नहीं होगी।" उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से गाजा पर युद्ध को रोकने का आह्वान किया।

गाजा स्वास्थ्य अधिकारियों के मुताबिक, क्षेत्र में चल रहे इजराइली हमलों में मरने वाले फिलिस्तीनियों की संख्या अब बढ़कर 36,801 हो गई है, जबकि 83,680 लोग घायल हुए हैं। चार लोगों को छुड़ाए जाने के बाद, गाजा पट्टी में अब 120 इजरायली बंधक बचे हैं, जिनमें से 43 को इजरायल ने मृत मान लिया है।

 

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