इजराइल वार कैबिनेट के मुख्य सदस्य बेनी गैंट्ज ने दिया इस्तीफा, पीएम नेतन्याहू को ठहराया जिम्मेदार...

गैंट्ज के जाने का मतलब है कि नेतन्याहू को अब उस मध्यमार्गी गुट का समर्थन नहीं मिलेगा जिसने इजराइल के भीतर और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सरकार के लिए समर्थन जुटाने में मदद की।

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Chief member of Israel's war cabinet Benny Gantz resigns, holds PM Netanyahu responsible

Chief member of Israel's war cabinet Benny Gantz resigns, holds PM Netanyahu responsible

तेल अवीवः इजराइल की 3 सदस्यों वाली वॉर कैबिनेट के मुख्य सदस्य बेनी गैंट्ज ने रविवार इस्तीफा दे दिया। इससे इजराइल की नेन्याहू सरकार को बड़ा झटका लगा है। इजराइल के मंत्री बेनी गैंट्ज ने रविवार को कहा कि उन्होंने बेंजामिन नेतन्याहू की आपातकालीन सरकार से इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफे के पीछे की वजह बेनी ने हमास के साथ युद्ध में रणनीति की कमी बताई है।

उन्होंने एक टेलीविजन संबोधन में कहा कि प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की वजह से हम हमास का खात्मा नहीं कर पा रहे हैं। इसलिए आपातकालीन सरकार को भारी मन से, लेकिन आत्मविश्वास के साथ छोड़ रहा हूं। नेतन्याहू ने गैंट्ज से अपना फैसला वापस लेने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि ये समय लड़ाई से पीछे हटने का नहीं बल्कि इसमें शामिल होने का है।

गैंट्ज ने इस्तीफे की  दी थी धमकी

गैंट्ज ने कहा कि नेतन्याहू गाजा में हमास फिलिस्तीनी उग्रवादियों के खिलाफ युद्ध में असफल हो रहे हैं। गैंट्ज ने पिछले महीने कहा था कि यदि नेतन्याहू ने 8 जून तक गाजा के लिए एक युद्धोत्तर योजना को मंजूरी नहीं दी, तो वह युद्ध कैबिनेट से इस्तीफा दे देंगे।

इस्तीफे के साथ ही गैंट्ज ने समय से पहले चुनाव कराने को कहा है। उन्होंने कहा कि चुनाव होना चाहिए और एक ऐसी सरकार चुनी जानी चाहिए जो लोगों का विश्वास जीत सके और चुनौतियों का सामना कर सके। बकौल गैंट्ज, मैं नेतन्याहू से आह्वान करता हूं कि एक सहमति चुनाव तिथि निर्धारित करें। गौरतलब है कि गैंट्ज की मध्यमार्गी नेशनल यूनियन पार्टी ने पिछले सप्ताह संसद को भंग करने और समय से पहले चुनाव कराने के लिए एक विधेयक भी पेश किया था।

गैंट्ज के सरकार से बाहर जाने के मायने

गैंट्ज के सरकार से बाहर निकलने सत्तारूढ़ दक्षिणपंथी गठबंधन के 120 सीटों वाले नेसेट में 64 सीटों के संसदीय बहुमत को कोई खतरा नहीं होगा। हालांकि गैंट्ज के जाने का मतलब है कि नेतन्याहू को अब उस मध्यमार्गी गुट का समर्थन नहीं मिलेगा जिसने इजराइल के भीतर और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सरकार के लिए समर्थन जुटाने में मदद की।

पिछले 8 महीनों से इजराइल-गाजा युद्ध चल रहा है। युद्ध खत्म करने के लिए इजराइल पर कूटनीतिक और आंतरिक के साथ अंतराराष्ट्रीय दबाव बढ़ रहा है। खबरों की मानें तो गैंट्ज शनिवार को ही इस्तीफा देने वाले थे लेकिन इजराइली सेना द्वारा चार बंधकों को छुड़ाने के बाद उन्होंने एक दिन बाद इसकी घोषणा की। हमास द्वारा संचालित क्षेत्र के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, गाजा में हमास को निशाना बनाकर इजराइल के जवाबी सैन्य हमले में कम से कम 37,084 लोग मारे गए हैं, जिनमें ज्यादादातर नागरिक हैं।

बेनी गैंट्ज एक प्रमुख इजराइली नेता और पूर्व सैन्य अधिकारी हैं। उन्होंने इजरायली रक्षा बलों (IDF) में 37 वर्षों तक सेवा की और फिर आईडीएफ के चीफ ऑफ स्टाफ बने। उनके सैन्य करियर ने उन्हें व्यापक अनुभव और प्रसिद्धी दिलाई। सैन्य करियर से रिटायरमेंट के बाद बेनी गैंट्ज ने राजनीति में कदम रखा। उन्होंने 2018 में "इजराइल रेसिलिएंस पार्टी" की स्थापना की, जो बाद में "ब्लू एंड व्हाइट" गठबंधन का हिस्सा बनी।

चुनाव से पहले, गैंट्ज ने एक ऐसी सरकार बनाने की कसम खाई थी जिसमें नेतन्याहू शामिल नहीं होंगे। हालाँकि, चुनाव के बाद कोविड-19 महामारी के दौराैन गैंट्ज ने अपना रुख बदल दिया और  नेतन्याहू के साथ एक आपातकालीन गठबंधन का समर्थन करने के लिए तैयार हो गए।

बेनी गैंट्ज एक मध्यमार्गी नेता माने जाते हैं, जो सुरक्षा और शांति दोनों को प्राथमिकता देते हैं। गैंट्ज के इस्तीफे के बाद आपातकालीन सरकार में मध्यमार्गी नेता की कमी खलेगी। वह सैन्य मुहावरों में बोलना पसंद करते हैं, जैसे "स्ट्रेचर के नीचे जाना", जिसका मतलब है कि हर किसी को राष्ट्रीय बोझ का हिस्सा उठाना चाहिए। उन्होंने हमेशा राष्ट्रीय एकता और सुरक्षा के मुद्दों पर जोर दिया है।

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