इजराइल के साथ बढ़ते तनाव के बीच ईरान सरकार ने मंगलवार को अपने नागरिकों से व्हाट्सएप जैसे मैसेजिंग ऐप को डिवाइस से हटाने की अपील की है। ईरान का कहना है कि यह ऐप उपयोगकर्ताओं की निजी जानकारी एकत्र कर उसे इजराइल को भेजता है। हालांकि, ईरान ने इस दावे के समर्थन में कोई ठोस सबूत पेश नहीं किया है।

व्हाट्सएप ने ईरान के आरोपों को सिरे से खारिज किया है। कंपनी ने बयान जारी कर कहा, "हमें चिंता है कि यह झूठी खबर हमारे ऐप को प्रतिबंधित करने के लिए एक बहाना बन सकती है, जबकि इस समय लोगों को हमारी सेवाओं की सबसे अधिक जरूरत है।"

व्हाट्सएप ने साफ किया कि वह उपयोगकर्ताओं की सटीक लोकेशन ट्रैक नहीं करता। न ही यह रिकॉर्ड रखता है कि कौन किससे चैट कर रहा है। व्हाट्सएप एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन का उपयोग करता है, जिससे केवल भेजने और प्राप्त करने वाले ही संदेश पढ़ सकते हैं। यह किसी भी सरकार को थोक रूप में जानकारी नहीं देता।

ईरान में सोशल मीडिया की स्थिति

ईरान में पिछले कुछ वर्षों में कई प्रमुख सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म प्रतिबंधित किए गए हैं। 2022 में नैतिकता पुलिस की हिरासत में एक महिला की मौत के बाद हुए देशव्यापी विरोध के दौरान, ईरान सरकार ने व्हाट्सएप और गूगल प्ले को ब्लॉक कर दिया था। हालांकि, 2024 में सरकार ने इन प्रतिबंधों को हटा लिया।

व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम और टेलीग्राम ईरान में सबसे लोकप्रिय सोशल मीडिया ऐप्स में गिने जाते हैं। प्रतिबंधों के बावजूद, बड़ी संख्या में ईरानी नागरिक वीपीएन (VPN) के जरिए इन सेवाओं का इस्तेमाल करते हैं।

इजराइल-ईरान तनाव के बीच ट्रंप ने बुलाई NSC बैठक

ईरान-इजराइल टकराव के बढ़ते संकेतों के बीच अमेरिका ने भी मिडिल ईस्ट में अपनी सैन्य तैनाती बढ़ानी शुरू कर दी है। व्हाइट हाउस के अनुसार, मंगलवार को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (NSC) की बैठक बुलाई, जिसमें इस क्षेत्र में बढ़ते तनाव पर चर्चा की गई।

रॉयटर्स के अनुसार, अमेरिका ने क्षेत्र में F-16, F-22 और F-35 जैसे अत्याधुनिक फाइटर जेट, साथ ही बॉम्बर्स को रिफ्यूल करने वाले टैंकर एयरक्राफ्ट भी भेजे हैं। इसके अलावा युद्धपोतों की भी तैनाती की जा रही है। सूत्रों का कहना है कि अमेरिका यह भी विचार कर रहा है कि क्या वह इजरायल के सैन्य अभियानों में खुलकर शामिल हो।