गाजा-इजराइल युद्ध को लेकर इस वक्त अमेरिका में हंगामा मचा हुआ। युद्ध में अमेरिका के इजराइल को समर्थन देने को लेकर यहां के कई विश्वविद्यालयों में छात्र व्यापक प्रदर्शन कर रहे हैं। छात्रों के विरोध का सामना कर रहे अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की मुश्किलें तब और बढ़ गई जब उन्होंने इजराइल को सैन्य आपूर्ति पर रोक लगा दिया।
इस हफ्ते (मंगलवार, 7 मई) की शुरुआत में इजराइली सेना ने गाजा पट्टी और मिस्र के बीच रफाह सीमा पार पर नियंत्रण कर लिया। जिसके बाद यहां शरण लिए भारी आबादी को दिए जाने वाले मानवीय सहायता पर रोक लग गई। रफाह पर पूरी तरह नियंत्रण को लेकर इजराइली सेना ने अपना ऑपरेशन तेज कर दिया।
इजराइल को सैन्य आपूर्ति पर अमेरिका ने लगाई रोक
रफाह में हमले को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने इजराइल को 3500 घातक बमों की आपूर्ति पर रोक लगा दी। सीएनएन को दिए इंटरव्यू में जो बाइडन ने कहा कि इजराइल ने हमले में अमेरीकी बमों का जमकर इस्तेमाल किया जिससे कई फिलिस्तीनी नागरिक मारे गए। और अमेरिका नहीं चाहता कि रफाह में इजराइल में मिलिट्री ऑपरेशन को अंजाम दे। बाइडन के फैसले पर इजराइली प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने युद्ध में अकेले ही खड़े रहने की बात कही। उन्होंने कहा कि अगर हमें अकेले खड़ा होना है, तो हम अकेले खड़े होंगे।
फैसले को लेकर घिरे राष्ट्रपति बाइडन
बाइडन की चेतावनी के बाद उनका विरोध भी शुरू हो गया। रिपब्लिकन नेताओं ने उनके खिलाफ महाभियोग चलाने का आह्वान तक किया है। अरकंसास से रिपब्लिकन सीनेटरों टॉम कॉटन और कोरी मिल्स ने जो बाइडन के खिलाफ महाभियोग आर्टिकल फाइल करने की बात कही है।
रिपब्लिकन सीनेटर कॉटन ने 2019 में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के डेमोक्रेट नेतृत्व वाले महाभियोग की याद दिलाई। कॉटन ने एक्स पर लिखा- पुनर्निर्वाचन में मदद के लिए विदेशी सहायता रोकने की ट्रंप-यूक्रेन की मिसाल के आधार पर सदन के पास बाइडन पर महाभियोग चलाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। रिपब्लिकन अमेरिकी प्रतिनिधि कोरी मिल्स ने भी बाइडन के खिलाफ महाभियोग चलाने की बात कही। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार की कार्रवाई बाइडन कर रहे हैं ऐसी ही कार्रवाई के लिए डेमोक्रेट द्वारा ट्रंप पर महाभियोग चलाया गया था।
दरअसल 2019 में डेमोक्रेटिक (बाइडन की पार्टी) ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प पर महाभियोग का आह्वान किया था। उसने आरोप लगाया था कि ट्रम्प ने यूक्रेन से लगभग 40 करोड़ डॉलर की सहायता इस शर्त पर रोक दी कि उस देश के अधिकारी बाइडन के खिलाफ जांच करें। हालांकि उस समय एक भी रिपब्लिकन सांसद ने ट्रंप के खिलाफ वोट नहीं दिया था।
फिलिस्तीनी समर्थक छात्रों के विरोध का सामना कर रहे राष्ट्रपति
गाजा में बढ़ती नागरिक मौतों और बिगड़ती मानवीय स्थिति को लेकर राष्ट्रपति बाइडन को कुछ डेमोक्रेट और अमेरिकी जनता के कुछ हिस्सों से दबाव का सामना करना पड़ रहा है। बता दें कि नवंबर में अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव होने हैं। जनमत सर्वेक्षणों से पता चलता है कि मिशिगन जैसे प्रमुख राज्यों में कई युवा मतदाता और अरब-अमेरिकी इजराइली युद्ध में राष्ट्रपति बाइडडन के समर्थन से नाखुश हैं। वहीं अमेरिका के विश्वविद्यालयों में फिलिस्तीनी समर्थक छात्र भी बाइडन के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शनकारी छात्र गाजा पर इजराइल के हमले में अमेरिका द्वारा दी जा रही सैन्य मदद को रोकने की मांग कर रहे हैं।
वह अपने विश्वविद्यालों से इजराइली कंपनियों से अपने आर्थिक रिश्ते तोड़ने की भी मांग कर रहे हैं। छात्रों का कहना है कि कंपनियां और उसमें निवेश कर रहे अमेरिकी संस्थान एक तरह से गजा में जारी जंग के भागीदार हैं। दो हफ्तों से भी अधिक समय से दर्जनों विश्वविद्यालों में कक्षाएं बंद हैं और छात्र परिसर में ही शिविर लगाकर प्रदर्शन कर रहे हैं। जिसके लिए विश्वविद्यालय के प्रशासन को पुलिस का सहारा लेना पड़ा रहा है।
गाजा पर इजराइल क्यों कर रहा हमला
दरअसल हमास ने 7 अक्टूबर 2023 को दक्षिणी गाजा पर हमला किया था। जिसमें 1200 लोग मारे गए थे और 252 लोग बंधक बना लिए गए थे। इजराइल ने फिर अक्रामक तरीके से गजा पर जवाबी हमला शुरू कर दिया था। हमास की ओर से संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट की मानें तो इस युद्ध में अब तक 34,900 लोग मारे जा चुके हैं।