कई दिनों से जारी तनातनी के बीच आखिरकार इजराइल ने शुक्रवार को ईरान पर हमला बोल दिया। इजराइल की ओर से मिसाइल और ड्रोन से ईरान पर स्ट्राइक करने की जानकारी सामने आई है। अमेरिका के एबीसी न्यूज के अनुसार एक अमेरिकी अधिकारी ने इस बात की पुष्टी की है कि इजराइल की ओर से मिसाइल अटैक ईरान पर किया गया है।

दूसरी ओर ईरानी मीडिया की ओर से कहा गया है कि इस्फहान के पास धमाकों की आवाज के बाद 'कोई बड़ी क्षति' नहीं हुई है। ईरान के आधिकारिक आईआरएनए समाचार एजेंसी ने कहा, 'रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि किसी भी हवाई खतरे के प्रभाव से कोई बड़ी क्षति नहीं हुई है या बड़ा विस्फोट नहीं हुआ है।' ईरान की ओर से यह भी कहा गया है कि उसने कुछ ड्रोन को मार गिराया है। इजराइल-ईरान के जंग को लेकर क्या कुछ हुआ और कैसे ये युद्धा भड़का....जानिए 10 बड़े अपडेट..

1. ईरानी स्टेट टेलीविजन ने इस्फहान के आसपास की स्थिति पर जानकारी देते हुए कहा कि शुक्रवार तड़के शहर के ऊपर आकाश में तीन ड्रोन देखे गए। इसके बाद वायु ईरान की एयर डिफेंस सिस्टम सक्रिय हो गई और उन्होंने आसमान में ही इन ड्रोनों को नष्ट कर दिया।

2. दुनिया भर के कई मीडिया रिपोर्ट्स में ईरान पर इजराइल की ओर से मिसाइल अटैक की बात कही गई है। हालांकि, शुरुआती बयान में ईरान ने कहा कि फिलहाल कोई मिसाइल हमला नहीं हुआ है। ईरान ने यह जरूर कहा कि उसने कई ड्रोन को मार गिराया है और इस्फहान के पास विस्फोटों की आवाज सुनी गई है। ईरान की अंतरिक्ष एजेंसी के प्रवक्ता होसैन डेलिरियन ने भी मिसाइल अटैक की बात से इनकार किया है।

3. ताजा घटनाक्रम के बाद ईरान के कुछ शहरों में उड़ानों को रद्द किया गया है। जिन मुख्य शहरों में उड़ानें रद्द हुई है, उनमें तेहरान, शिराज और इस्फहान शामिल हैं।

4. ईरान का इस्फहान प्रांत कई मायनों में अहम है। बताया जाता है कि यहां ईरानी के कई परमाणु ठिकाने हैं। इसमें नतान्ज (Natanz) भी शामिल है जिसे ईरान के यूरेनियम संवर्धन कार्यक्रम का केंद्र बिंदु बताया जाता रहा है। इस्फहान में ईरान की सेना का बड़ा एयर बेस भी है।

5. फ्लाइट ट्रैकिंग वेबसाइट Flightradar24 पर सामने आई जानकारी के अनुसार कुछ अमीरात और फ्लाईदुबई की उड़ानें जो शुक्रवार की सुबह ईरान के ऊपर से उड़ान भर रही थीं, अचानक उन्होंने रास्ता बदल लिया ईरान के हवाई क्षेत्र से दूर निकल गईं।

6. इस बीच ईरान के सरकारी मीडिया के हवाले से कहा गया है कि परमाणु हथियारों से जुड़े ठिकाने सुरक्षित हैं।

7. अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी ने भी इस बात की पुष्टि की है कि ईरान के परमाणु स्थलों को कोई नुकसान नहीं हुआ है।

8. इस बीच ऑस्ट्रेलिया ने शुक्रवार को फिलिस्तीनी क्षेत्रों के लिए चेतावनी जारी करते हुए अपने नागरिकों से कहा है कि यदि संभव हो तो वे इन इलाकों को छोड़ दें। विदेश मामलों के विभाग ने एक ट्रैवल एडवायजरी अपडेट में कहा, 'हम इजरायल या अधिकृत फिलिस्तीनी क्षेत्रों में आस्ट्रेलियाई लोगों से आग्रह करते हैं कि यदि ऐसा करना सुरक्षित है तो वे निकल जाएं।'

9. इस बीच जानकारों ने इजराइल-गाजा युद्ध के क्षेत्र के अन्य हिस्सों में फैलने का अंदेशा जताया है। दरअसल, ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी ने शुक्रवार के हमले से पहले इजराइल को चेतावनी दी थी कि तेहरान अपने ऊपर किसी भी हमले का 'उचित जवाब' देगा।

10. वहीं, ईरान के विदेश मंत्री होसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन का बयान भी गुरुवार को सामने आया था जिसमें उन्होंने कहा था कि उनका देश क्षेत्र में तनाव बढ़ाना नहीं चाहता है। ईरानी विदेश मंत्रालय से जारी बयान के अनुसार, ईरान के विदेश मंत्री ने मंगलवार को इंडोनेशिया के विदेश मंत्री रेटनो मार्सुडी के साथ फोन पर बातचीत के दौरान यह बयान दिया।

ईरान और इजराइल में तनातनी कैसे बढ़ी?

दरअसल, ईरान ने पिछले ही सप्ताह के अंत में बैलिस्टिक मिसाइल और ड्रोन से इजराइल पर हमला किया था। हमले मुख्य रूप से यरूशलेम, दक्षिण में नेगेव रेगिस्तान और डेड सी, उत्तर में इजरायली-कब्जे वाले गोलन हाइट्स और साथ ही कब्जे वाले वेस्ट बैंक में किए गए। हमले ड्रोन से किए गए थे। लॉन्च किए गए लगभग 400-500 में से लगभग 100 ड्रोन को अमेरिका, जॉर्डन और ब्रिटिश सेनाओं सहित सहयोगी देशों द्वारा इजराइल पहुंचने से पहले ही रोक दिया गया था।

इससे पहले अप्रैल की शुरुआत में सीरिया के दमिश्क में ईरानी कांसुलर भवन पर हमला किया गया था। ईरान ने इसका आरोप इजराइल पर लगाया था। इस घटना में सात ईरानी अधिकारियों की मौत हो गई थी। ईरान ने इसी का बदला लेने के लिए इजराइल पर हमले किए थे।