इजराइल ने लेबनान में हिजबुल्लाह के साथ चल रहे युद्धविराम समझौते को स्वीकार कर लिया है। अमेरिका की मध्यस्थता से हुए इस समझौते के बाद दोनों देशों के बीच बुधवार तड़के संघर्षविराम हो गया। इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू पहले ही संघर्षविराम को मंजूरी दे चुके थे। ऐसे में मंगलवार देर रात इजराइल वॉर कैबिनेट की मीटिंग हुई, जिसमें दोनों के बीच 60 दिन के संघर्षविराम प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। हिजबुल्लाह ने भी इस समझौते का प्रारंभिक समर्थन व्यक्त किया है।
समझौते के तहत, 60 दिनों के लिए युद्धविराम का आह्वान किया गया है, जिसमें इजराइली सेना की वापसी और हिजबुल्लाह का दक्षिणी लेबनान से हटना शामिल है। इस संघर्ष के कारण 1.2 मिलियन से अधिक लेबनानी और 50,000 इजराइली विस्थापित हो चुके हैं। लेबनानी अधिकारियों के अनुसार, इजराइल की भारी बमबारी के चलते 3,700 से अधिक लोगों की मौत हुई है, जिनमें अधिकांश नागरिक हैं, जबकि इजराइल में भी 130 से अधिक मौतें हुई हैं।
समझौते की मुख्य शर्तें:
60 दिन का युद्धविराम: इस समझौते के तहत 60 दिनों के लिए युद्धविराम लागू होगा। इस दौरान इजराइली सेना सीमा के अपने हिस्से में लौटेगी,और हिजबुल्लाह दक्षिणी लेबनान में अपने सैन्य अभियानों को समाप्त करेगा।
लेबनानी सेना और यूएन शांति सेना की तैनाती: लितानी नदी के दक्षिण में हजारों लेबनानी सैनिकों और संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षकों की तैनाती की जाएगी।
अंतरराष्ट्रीय निगरानी समूह: अमेरिका के नेतृत्व में एक अंतरराष्ट्रीय निगरानी समूह इस बात की निगरानी करेगा कि सभी पक्ष समझौते का पालन करें।
इजराइल का विशेष अधिकार: इजराइल ने इस समझौते में यह अधिकार बरकरार रखा है कि अगर हिजबुल्लाह वादों का उल्लंघन करता है, तो वह कार्रवाई कर सकता है। लेबनान ने इस प्रावधान का विरोध किया है।
समझौते पर अमेरिका और ब्रिटेन की प्रतिक्रिया
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने इस समझौते को सकारात्मक खबर बताया। उन्होंने कहा, मैंने इजराइल और लेबनान के प्रधानमंत्रियों से बात की है और मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि उनके देशों ने अमेरिका द्वारा प्रस्तावित इस समझौते को स्वीकार कर लिया है।”
वहीं ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने भी दोनों देशों के संघर्षविराम पर खुशी व्यक्ति की। उन्होंने इसे लंबे समय से लंबित कदम बताते हुए कहा कि “हमें गाजा में युद्धविराम, सभी बंधकों की रिहाई और अत्यधिक जरूरी मानवीय सहायता पर लगे प्रतिबंधों को तुरंत हटाने की दिशा में प्रगति देखनी चाहिए।
My statement on the ceasefire between Israel and Lebanese Hizbollah. pic.twitter.com/ZAxApKpJIT
— Keir Starmer (@Keir_Starmer) November 26, 2024
हिजबुल्लाह ने सौदे पर क्या कहा?
हिजबुल्लाह के एक नेता ने कहा कि इस सौदे के लिए समूह का समर्थन इस बात पर निर्भर करेगा कि क्या इजराइल अपनी आक्रामकता को फिर से शुरू नहीं करेगा। हिजबुल्लाह की राजनीतिक परिषद के उपाध्यक्ष महमूद कमाती ने कहा, “हम दुश्मन सरकार द्वारा हस्ताक्षरित समझौते की समीक्षा करने के बाद देखेंगे कि हमारे द्वारा कही गई बातों और लेबनानी अधिकारियों द्वारा सहमत बिंदुओं के बीच मेल है या नहीं।” उन्होंने आगे कहा कि हम निश्चित रूप से युद्ध का अंत चाहते हैं, लेकिन यह लेबनान की संप्रभुता की कीमत पर नहीं होना चाहिए।”
समझौते से पूर्व मंगलवार को भी दोनों देशों के बीच युद्ध जारी रही। इजराइल ने बेरूत और लेबनान के अन्य हिस्सों में अपने सैन्य अभियान तेज कर दिया था जिससे 18 लोगों की मौत हो गई। दूसरी ओर हिजबुल्लाह ने भी इजराइल में रॉकेट दागने का सिलसिला जारी रखा था।