तेहरान: ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मौत को लेकर इजराइल ने कहा है कि उसका इसमें कोई हाथ नहीं है। समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, इजराइल के एक अधिकारी ने अपना नाम सार्वजनिक नहीं करने की शर्त पर बताया हादसे के पीछे उनका हाथ नहीं है। दरअसल, रईसी की मौत के बाद से ही इजराइल का नाम काफी चर्चा में है। रईसी के मौत को लेकर सोशल मीडिया पर भी अलग-अलग थ्योरी चल रही है।
कुछ ईरानियों का यह मानना है कि इस हादसे के पीछे इजराइल का हाथ हो सकता है। कुछ लोगों का यह भी कहना है कि इसके पीछे इजराइल की खुफिया एजेंसी मोसाद जिम्मेदार है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि पिछले कुछ महीनों से ईरान और इजराइल के बीच तनाव की स्थिति है। इससे पहले दोनों देश एक दूसरे पर हमला भी कर चुके हैं।
हादसे के शिकार राष्ट्रपति की पहचान कट्टरपंथी के तौर पर होती रही है। वे अपने कड़े रुख और सख्त फैसले के लिए जाने जाते थे। 63 साल के रईसी का निधन उस समय हुआ जब वे अजरबैजान से वापस आ रहे थे। उनके कफिले में कुल नौ लोग सवार थे। राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी और विदेश मंत्री हुसैन अमीर-अब्दुल्लाहियान की हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मौत की पुष्टि के बाद ईरानी मंत्रिमंडल ने आपात बैठक बुलाई है। यह 24 घंटे से भी कम समय में मंत्रिमंडल की दूसरी आपात बैठक थी।
ईरानियों का क्या मानना है
अचानक जिस तरीके से राष्ट्रपति रईसी की हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मौत हुई है इससे कई सवाल खड़े हो रहे हैं। इकोनॉमिस्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, जिस तरीके से पिछले कुछ महीने से ईरान और इजराइल के बीच तनाव बढ़ा है और दोनों देशों ने एक दूसरे पर हमले किये हैं, उससे ऐसे शक गहरा रहे हैं।
दोनों देशों के ऐतिहासिक दुश्मनी को देखते हुए कुछ ईरानियों का यह मानना है कि हादसे के पीछे इजराइल का हाथ है। इजराइल ने हाल ही में जिस तरीके से दमिश्क में ईरानी जनरल की हत्या की और फिर उसके बाद ईरान ने भी पलटवार किया तथा हाल के इजराइल और हमास संघर्ष को देखते हुए ईरानियों के इस दावे को बल मिलता है।
बडे़ नेता की हत्या मतलब युद्ध को दावत देना
दोनों देशों के बीच दुश्मनी तो है लेकिन इजराइल की खुफिया एजेंसी मोसाद ने कभी भी ईरान के किसी प्रमुख नेता को निशाना नहीं बनाया है। हालांकि इससे पहले मोसाद पर ईरान के कई नेताओं की हत्या का आरोप लग चुका है।
हादसे पर जानकारों की भी अलग राय है और उनका कहना है कि इजराइल इस तरह का कदम नहीं उठा सकता है। उनके अनुसार, ईरान के किसी बड़े नेता की हत्या करने का मतलब है सीधा युद्ध को दावत देना और इजराइल अभी ऐसा नहीं कर सकता है।
इजराइल की क्या रही है रणनीति
शुरू से इजराइल की रणनीतिक ध्यान परंपरागत रूप से हाई-प्रोफाइल राजनीतिक हत्याओं के बजाय सैन्य और परमाणु लक्ष्यों पर होता है। ऐसे में इजराइल इतना बड़ा कदम नहीं उठा सकता है।
रिपोर्ट के अनुसार, हादसे के पीछे इजराइल का हाथ नहीं हो सकता है। इसका सबसे बड़ा प्रमाण यह है कि वह कभी भी किसी देश के प्रमुख नेता की हत्या करने के हद तक नहीं गया है।