सीरिया की राजधानी दमिश्क के ईरानी दूतावास पर हमला, तोड़फोड़ और लूटपाट करते दिखे लोग: रिपोर्ट

सीरियाई प्रधानमंत्री मोहम्मद गाजी जलाली ने विद्रोहियों के दमिश्क में प्रवेश के दावे के बाद कहा कि वह जनता द्वारा चुने गए किसी भी नेतृत्व के साथ सहयोग को तैयार हैं।

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Iranian embassy attacked looted and vandalized in Syrian capital Damascus report

सीरियाई राजधानी में ईरानी दूतावास पर हमला, लूटपाट और तोड़फोड़ भी : रिपोर्ट (फोटो- IANS)

दमिश्क: सीरिया की राजधानी दमिश्क में ईरानी दूतावास कॉम्प्लेक्स पर कथित तौर पर कुछ सशस्त्र तत्वों ने हमला किया है। बशर अल-असद की सरकार की पतन के बाद यह घटना घटी है।

ईरान की आधिकारिक न्यूज एजेंसी आईआरएनए के मुताबिक, अल-अरबी टेलीविजन नेटवर्क ने रविवार को दमिश्क में ईरानी दूतावास की इमारत और संपत्ति को हुए नुकसान को दिखाते हुए फुटेज जारी किया। रिपोर्ट के मुताबिक, वीडियो में कुछ लोग ईरानी दूतावास में घुसकर लूटपाट और तोड़फोड़ करते हुए दिखाई दे रहे हैं।

विद्रोही लड़ाके रविवार तड़के राजधानी दमिश्क में घुसे थे- युद्ध निगरानी संस्था

सीरिया के विद्रोही गुटों ने दावा किया है कि उन्होंने राजधानी दमिश्क पर कब्जा कर लिया है। कई मीडिया आउटलेट्स ने विद्रोही ताकतों के हवाले से बताया कि सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद देश छोड़कर चले गए हैं।

ब्रिटेन स्थित युद्ध निगरानी संस्था सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स के अनुसार, सीरियाई विद्रोही गुटों ने कहा कि विद्रोही लड़ाके रविवार तड़के दमिश्क में घुस आए।

निगरानीकर्ता ने कहा कि सैकड़ों सरकारी सैनिकों को दमिश्क इंटरनेशनल एयरपोर्ट से हटने का आदेश दिया गया है। कुछ सरकारी सैनिक अपनी सैन्य वर्दी उतारकर नागरिक कपड़े पहने हुए देखे गए।

सीरियाई प्रधानमंत्री मोहम्मद ने वीडियो जारी कर क्या कहा

सीरियाई प्रधानमंत्री मोहम्मद गाजी जलाली ने विद्रोहियों द्वारा दमिश्क में प्रवेश करने के दावे के तुरंत बाद फेसबुक पर पब्लिश एक वीडियो में कहा कि वह लोगों द्वारा चुने गए किसी भी नेतृत्व के साथ 'सहयोग' करने के लिए तैयार हैं और उन्होंने नागरिकों से सार्वजनिक संपत्तियों में तोड़फोड़ न करने की अपील की।

अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रमुख विद्रोही गुट हयात तहरीर अल-शाम (एचटीएस) के कमांडर अबू मोहम्मद अल-जुलानी का कहना है कि सभी राज्य संस्थाएं अल-असद के प्रधानमंत्री की निगरानी में तब तक रहेंगी जब तक उन्हें आधिकारिक रूप से सौंप नहीं दिया जाता।

59 वर्षीय बशर अल-असद ने अपने पिता हाफिज अल-असद की मृत्यु के बाद साल 2000 में सत्ता संभाली। अल असद 1971 से देश का शासन संभाल रहे थे।

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