मौलवी ने दी सिर ढकने की नसीहत, गुस्साई ईरानी महिला ने उछाल दी उसी की पगड़ी

ईरानी पत्रकार मासिह अलीनेजाद ने वीडियो को सोशल मीडिया पर साझा करते हुए महिला को बहादुर बताया और कहा कि ईरानी महिलाएं लैंगिक भेदभाव से थक चुकी हैं और गुस्से में हैं।

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Woman and cleric at Tehran airport (Photo- X/Video grab)

तेहरान एयरपोर्ट पर महिला और मौलवी (फोटो- X/वीडियो ग्रैब)

तेहरान: ईरान की राजधानी के मेहराबाद हवाईअड्डे का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस वीडियो में महिला एक मौलवी की पगड़ी उछालती और उसे स्कार्फ की तरह पहनती नजर आ रही है। इस घटना का वीडियो किसी शख्स ने बनाया और अब यह वायरल हो रहा है। बताया जा रहा है कि मौलवी ने महिला को हिजाब पहनने की नसीहत दी थी। मौलवी की बातों का जबर्दस्त विरोध जताते हुए महिला ने ये कदम उठाया।

महिला ने मौलवी की पगड़ी खींचकर अपने सिर पर रख ली और चिल्लाते हुए उससे पूछा, 'तो क्या अब तुम्हारे पास सम्मान बचा है?' वीडियो में वह महिला से ये पूछती हुई भी दिख रही है, 'तुमने मेरे पति के साथ क्या किया?'

रिपोर्ट ईरानी पत्रकार मासिह अलीनेजाद ने वीडियो को सोशल मीडिया पर साझा किया है। उन्होंने वीडियो के साथ लिखा, 'तेहरान के मेहराबाद हवाई अड्डे पर एक बहादुर महिला ने हिजाब न पहनने के लिए उसे परेशान करने वाले एक मौलवी का सामना किया। उसने साहसिक कदम उठाते हुए उसकी पगड़ी उतार दी और उसे स्कार्फ की तरह पहन लिया। ये उत्पीड़न को प्रतिरोध में बदलना है।'

उन्होंने आगे कहा, 'वर्षों से मौलवी कहते रहे हैं कि उनकी पगड़ी और वस्त्र पवित्र और नहीं छूने के लिए हैं, लेकिन इस महिला के विरोध प्रदर्शन करते हुए उस मिथक को तोड़ दिया। ईरानी महिलाएं लैंगिक भेदभाव से थक चुकी हैं और गुस्से में हैं।'

ईरान में हिजाब के सख्त कानून और प्रदर्शन

दशकों से ईरानी सरकार ने महिलाओं और लड़कियों के लिए सख्त ड्रेस कोड को प्राथमिकता दी है। हालांकि, पिछले कुछ सालों में हिजाब और ड्रेस कोड को लेकर कड़े विरोध प्रदर्शन ईरान में हो चुके हैं। इसके बावजूद सरकार नियमों में ढील देने की बजाय इसे और सख्त करने में जुटी है। पिछले ही महीने ड्रेस कोड के सख्ती से पालन नहीं होने पर जेल और मौत की सजा तक का प्रावधान कानून में करने की खबरें सामने आई थीं।

इससे करीब दो साल पहले ही बड़ी संख्या में ईरान में महिलाओं ने हिजाब की अनिवार्यता का कड़ा विरोध किया था। पूरे ईरान में हिजाब के विरोध में तब बड़ा आंदोलन खड़ा हो गया था। सितंबर 2022 में ईरान की कुख्यात मोरैलिटी पुलिस की हिरासत में एक युवा ईरानी महिला महसा अमिनी की मौत के बाद देश भर में बड़े पैमाने पर हिजाब प्रतिबंधों के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए जिन्हें भारी मशक्कत के बाद सरकार ने शक्ति से दबा दिया था।

अमिनी को सरकारी मानकों के अनुसार हिजाब नहीं पहनने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। सरकार का दावा था कि उसे एक पुलिस स्टेशन में दिल का दौरा पड़ा, वह गिर गई, और अस्पताल ले जाने से पहले वह कोमा में चली गई। हालांकि, अमिनी के साथ हिरासत में ली गई महिलाओं सहित प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि उसे बुरी तरह पीटा गया था और पुलिस की बर्बरता के परिणामस्वरूप उसकी मौत हो गई।

पिछले ही साल नवंबर में एक ईरानी लड़की की तस्वीर वायरल हुई थी, जिसने वहां की यूनिवर्सिटी कैंपस में अपने कपड़े उतार दिए थे। युवती को गिरफ्तार कर लिया गया था। बाद में ऐसी खबरें आई कि युवती को किसी अज्ञात स्थान पर मनोरोग अस्पताल ले जाया गया था। अधिकारियों ने तब से ड्रेस कोड का उल्लंघन करने वाली महिलाओं के लिए ‘हिजाब क्लीनिक’ स्थापित करने की योजना की भी घोषणा की है।

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