डोनाल्ड ट्रंप ( फाइल फोटो- IANS)
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वॉशिंगटन: पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अभियान ने दावा किया है कि ईरान से उनकी जान को खतरा है। दावे में अभियान ने कहा है कि अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने डोनाल्ड ट्रंप को ईरान से उनकी जान को होने वाले 'वास्तविक और विशिष्ट' खतरे के बारे में सूचित किया गया है।
अभियान के अनुसार, एजेंसियों ने कहा है कि इस तरह के हमले का उद्देश्य देश में अराजकता फैलाना और अमेरिका को अस्थिर करना है। हालांकि ट्रंप अभियान ने इस पर और ज्यादा जानकारी नहीं दी है। अभियान द्वारा यह भी खुलासा नहीं किया है कि यह धमकियां नई हैं या फिर पूर्व में हुए हमलों के बारे में है।
लेकिन बुधवार को ट्रंप ने सोशल मीडिया एक्स के अपने आधिकारिक अकाउंट पर इन धमकियों का जिक्र किया है। ट्रंप ने आरोप लगाते हुए कहा है कि ईरान द्वारा पहले भी उन पर हमला हो चुका है जिसे नाकाम किया जा चुका है।
पूर्व राष्ट्रपित ने आगे कहा कि भविष्य में उन पर और भी हमले होने की संभावना है। इन खतरों के मद्देनजर ट्रंप ने सीक्रेट सर्विस की फंडिंग बढ़ाने के लिए कांग्रेस को धन्यवाद भी किया है। पूर्व राष्ट्रपति के ताजा आरोपों पर ईरान के तरफ से अभी तक कोई भी प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।
ट्रंप की चुनावी अभियान ने क्या दावा किया है
ट्रंप की चुनावी अभियान के संचार निदेशक स्टीवन च्यांग ने मंगलवार रात को कहा है कि आज सुबह राष्ट्रपति ट्रंप को राष्ट्रीय खुफिया निदेशालय की ओर से ईरान से उन्हें हत्या के प्रयासों के बारे में जानकारी दी गई है।
खुफिया अधिकारियों ने इन लगातार और समन्वित हमलों की पहचान की है, जो पिछले कुछ महीनों में बढ़े हैं। सभी कानून प्रवर्तन एजेंसियां डोनाल्ड ट्रंप की सुरक्षा सुनिश्चित करने और नवंबर के चुनावों में किसी भी प्रकार के हस्तक्षेप से बचने के लिए काम कर रही हैं।
नवंबर में होगा राष्ट्रपति का चुनाव
स्टीवन च्यांग ने आगे कहा कि कोई गलती न करें, ईरान का आतंकवादी शासन कमला हैरिस की कमजोरी को पसंद करता है और राष्ट्रपति ट्रंप की ताकत और संकल्प से टेरिफाइड है। वह अमेरिकी लोगों के लिए लड़ने और अमेरिका को महान बनाने में किसी भी चीज को अपने रास्ते में आने नहीं देंगे।
बता दें कि अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव पांच नवंबर को होने जा रहे हैं, जिसमें ट्रंप का सामना डेमोक्रेटिक पार्टी की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार उपराष्ट्रपति कमला हैरिस से होगा।
दो बार ट्रंप पर हो चुका है हमला
पूर्व राष्ट्रपति के अभियान द्वारा इन खतरों का ऐलान तब हुआ है जब इससे पहले जुलाई में ट्रंप पर जानलेवा हमला हो चुका है। ट्रंप पर पहला असफल हत्या का प्रयास 13 जुलाई को पेंसिल्वेनिया में एक रैली के दौरान हुआ था, जब एक गोली उनके कान के पास से गुजरी थी।
हालांकि हमले के पीछे हमलावर का क्या मकसद था, इसका अभी भी आधिकारिक तौर पर खुलासा नहीं हो पाया है। सुरक्षा एजेंसियां द्वारा घटना की अभी भी जांच की जा रही है।
उस समय अमेरिकी मीडिया में यह खबर चलाई गई थी कि घटना को लेकर अमेरिकी अधिकारियों को ईरानी साजिश के बारे में खुफिया जानकारी मिली है। इस पर ईरान ने उस समय अपनी प्रतिक्रिया दी थी और कहा था हमले में उसका हाथ नहीं है।
दूसरी बार हमले में भी ईरान के शामिल होने की पुष्टि नहीं
जुलाई में हुए हमले के बाद दूसरा प्रयास 15 सितंबर को फ्लोरिडा के वेस्ट पाम बीच में ट्रंप इंटरनेशनल गोल्फ क्लब में हुआ था। 58 वर्षीय रायन वेस्ली रुथ, जो गोल्फ कोर्स के बाहर बंदूक के साथ देखा गया था, उसे मंगलवार को एक प्रमुख राष्ट्रपति उम्मीदवार की हत्या के प्रयास के लिए औपचारिक रूप से आरोप लगाया गया था।
इसमें भी ईरान के शामिल होने के अभी तक कोई सबूत नहीं मिले हैं।
हाल में ट्रंप का ईरान पर आरोप
ईरान द्वारा ट्र्ंप पर हमले के आलावा पूर्व राष्ट्रपति के चुनावी अभियान को हक करने का भी उस पर आरोप लगा है। पिछले महीने ट्रंप के अभियान ने आरोप लगाया था कि उसके कुछ आंतरिक संचार को हैक कर लिया गया है। इसके पीछे अभियान ने ईरान को जिम्मेदार ठहराया था।
इससे पहले साल 2022 में ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशन गार्ड कॉर्प्स के एक सदस्य पर एक अमेरिकी अधिकारी को मारने का भी आरोप लगा था। अमेरिका ने ट्रंप के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन को मारने की साजिश रचने का आरोप लगाया था।
उस समय अमेरिकी न्याय विभाग ने कहा था कि शाहराम पौरसाफी नामक एक शख्स ने इस साजिश को फंड किया था। आरोप है कि शाहराम ने इस हत्या के लिए एक शख्स को तीन लाख अमेरिकी डॉलर (250.65 लाख रुपए) दिया था। अमेरिकी हमले में ईरानी सैन्य कमांडर कासिम सोलेमानी की मौत का बदला लेने के लिए यह साजिश रचने का आरोप लगा था।
समाचार एजेंसी आईएएनएस के इनपुट के साथ