ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने अमेरिकी राष्ट्रपति के नए निकनेम का जिक्र करते हुए इजरायल पर जोरदार तंज कसा है। अब्बास अराघची ने कहा कि इजराइल के पास ईरानी मिसाइलों से बचने के लिए 'डैडी' के पास भागने के अलावा कोई चारा नहीं था। शनिवार को एक पोस्ट में अराघची ने ट्रंप से यह भी कहा कि अगर अमेरिका ईरान के साथ परमाणु समझौता करने के बारे में गंभीर है तो उन्हें सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खामेनेई के प्रति "अपमानजनक लहजे" का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए।
हाल ही में ईरानी विदेश मंत्री सईद अब्बास अराघची का बयान इस कूटनीतिक संघर्ष को और अधिक तीखा बनाता है। अराघची ने स्पष्ट रूप से कहा है कि अगर अमेरिका वास्तव में ईरान से समझौता चाहता है तो उसे ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खामेनेई के प्रति अपनी भाषा में सम्मान दिखाना होगा।
अराघची ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा कि ईरानी लोगों की जटिलता और दृढ़ता हमारे कालीनों की तरह है पर हमारी राष्ट्रीय भावना सीधी और स्पष्ट है। हम अपनी स्वतंत्रता को जानते हैं और किसी को हमारे भाग्य का निर्धारण करने की इजाजत नहीं देते। यह बयान ऐसे समय आया है जब अमेरिका की तरफ से ऑपरेशन मिडनाइट हैमर के तहत तीन ईरानी परमाणु स्थलों पर हमले की खबरें भी सामने आ रही हैं।
ट्रंप के बयान पर ईरान का रिएक्शन
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का कार्यकाल ईरान के साथ परमाणु समझौते से अलग होने और अधिकतम दबाव की नीति पर केंद्रित रहा है, लेकिन अब जब अमेरिका कूटनीति और बातचीत कर रहा है तो ईरान इस बदलाव को केवल भाषा में नहीं बल्कि व्यवहार में भी देखना चाहता है। अराघची ने कहा, "अगर ट्रंप वास्तव में सौदा चाहते हैं तो उन्हें खामेनेई और उनके लाखों अनुयायियों का सम्मान करना होगा। इससे पहले ट्रंप ने कहा था कि उन्होंने ईरान की सारी न्यूक्लिकर ठिकानों को तबाह कर दिया है।
अराघची का बयान संकेत देता है कि ईरान अब महज बातचीत से संतुष्ट नहीं होगा, बल्कि अमेरिका से ठोस बदलाव की अपेक्षा करता है। यह भी ध्यान देने योग्य है कि ट्रंप प्रशासन की पूर्ववर्ती रणनीतियां, जैसे आर्थिक प्रतिबंध और सैन्य दबाव, ईरान की रणनीतिक सोच में विश्वास की कमी पैदा कर चुकी हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का बयान
हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि खामेनेई को हत्या से बचाया था। दावा किया कि खामेनेई की मौत गंदी तरीके से हो सकती थी। इसके अलावा ट्रंप ने ईरानी सुप्रीम लीडर पर अहसान फरामोश होने का आरोप लगाया और कहा कि खामेनेई इजरायल पर जीत का झूठा दावा कर रहे हैं।