अली शादमानी की मौत के बाद ईरान ने इजराइल की खुफिया एजेंसी मोसाद के मुख्यालय पर किया मिसाइल हमला

ईरान-इजराइल संघर्ष लगातार बढ़ता जा रहा है। अब तक ईरान में 200 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि इजराइल में भी दर्जनभर नागरिक मारे गए हैं। मंगलवार को ईरानी सशस्त्र बलों ने चेतावनी दी कि नई और उन्नत हथियारों से लैस एक और आक्रामक हमला जल्द शुरू होगा।

Mossad HQ, Iranian strikes hit Israel's intelligence agency Mossad

Photograph: (X)

तेल अवीलः ईरानी सरकारी मीडिया के अनुसार, ईरान ने अपने मिसाइल हमलों में इजराइल की खुफिया एजेंसी मोसाद के मुख्यालय को निशाना बनाया है। रिपोर्टों के मुताबिक, यह हमला तेल अवीव के पास हर्जीलिया स्थित मोसाद के मुख्य कार्यालय पर हुआ, जिसे इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) ने अंजाम दिया। आईआरजीसी ने मीडिया को दिए बयान में यह भी कहा कि उसने मिलिट्री इंटेलिजेंस से जुड़ी खुफिया एजेंसी अमान की बिल्डिंग को भी निशाना बनाया है।

इस हमले के बाद इजराइल की सेना ने नुकसान को मामूली बताते हुए कहा कि एक बस पार्किंग में हल्की क्षति हुई है। लेकिन ईरानी मीडिया का दावा है कि हमले में मोसाद के साथ-साथ अमान लॉजिस्टिक्स सेंटर जैसे रणनीतिक सैन्य ठिकानों को भी निशाना बनाया गया। ईरान ऑब्जर्वर ने एक्स पर इस दावे के साथ एक वीडियो भी पोस्ट किया है कि यह खुफिया एजेंसी के ऑफिस पर हमले का है।

ईरान की यह कार्रवाई युद्धकालीन चीफ ऑफ स्टाफ अली शादमानी की हत्या के बाद की। इजराइल ने दावा किया है कि उसने ईरानी कमांडर अली शादमानी को एक हवाई हमले में मार गिराया। 

इजराइली रक्षा बलों (आईडीएफ) ने एक्स पर जारी बयान में कहा, “रात को मिली सटीक खुफिया जानकारी और मौके का फायदा उठाते हुए एयरफोर्स के लड़ाकू विमानों ने तेहरान के केंद्र में स्थित एक मानवयुक्त मुख्यालय पर हमला किया और अली शादमानी को मार गिराया।”

कुछ दिन पहले ही शादमानी को अपने पूर्ववर्ती की हत्या के बाद यह पद सौंपा गया था। इजराइल ने कहा कि शादमानी न केवल ईरान की आपातकालीन सैन्य कमान के प्रमुख थे, बल्कि इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) और ईरानी सेना के अभियानों की निगरानी भी उन्हीं के अधीन थी। कुछ दिनों पहले उनके पूर्ववर्ती जनरल गोलाम अली राशिद को भी इज़राइल ने मार गिराया था, जिसे ऑपरेशन राइजिंग लॉयन के तहत अंजाम दिया गया।

IDF ने कहा कि शादमानी की मौत ईरानी सेना की कमान की रीढ़ पर एक और बड़ा झटका है। खातेम-अल-अनबिया नामक आपातकालीन कमान, जिसकी देखरेख शादमानी कर रहे थे, इजराइल के खिलाफ हमलों और मिसाइल योजनाओं को स्वीकृति देने के लिए जिम्मेदार मानी जाती है।

मोसाद मुख्यालय पर ईरानी हमला

शादमानी की हत्या के तुरंत बाद, ईरान ने मोसाद के खिलाफ प्रतिशोधी हमला किया। ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड्स (IRGC) ने पुष्टि की कि उनकी एयरोस्पेस इकाई ने मंगलवार तड़के इज़राइल की खुफिया एजेंसी पर हमला किया। तसनीम न्यूज एजेंसी के मुताबिक, यह हमला इजराइल के केंद्रीय तटीय क्षेत्रों में स्थित रणनीतिक और खुफिया ठिकानों को निशाना बनाकर किया गया। ईरानी मीडिया के अनुसार, मोसाद का जो केंद्र निशाना बना, वहां आग भड़क गई है और व्यापक क्षति की आशंका है। सोशल मीडिया पर इस दावे के कई वीडियो शेयर किए जा रहे हैं।

200 से ज्यादा ईरानी नागरिकों की मौत

ईरान-इजराइल संघर्ष को पांच दिन हो चुके हैं और हालात और अधिक गंभीर हो गए। अब तक ईरान में 200 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि इजराइल में भी दर्जनभर नागरिक मारे गए हैं। मंगलवार को ईरानी सशस्त्र बलों ने चेतावनी दी कि नई और उन्नत हथियारों से लैस एक और आक्रामक हमला जल्द शुरू होगा। इजराइली डिफेंस फोर्स (IDF) ने कहा है कि उन्होंने मंगलवार को ईरान द्वारा छोड़े गए 30 मिसाइलों में से कई को रोका, लेकिन कुछ ने रक्षा प्रणाली को भेद दिया। 

सीजफायर नहीं, युद्ध का असली अंत चाहिएः ट्रंप

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि वह ईरान-इजराइल संघर्ष के लिए सिर्फ सीजफायर नहीं, बल्कि “एक असली अंत” चाहते हैं। उन्होंने ट्रुथ सोशल पर लिखा, “मैंने ईरान से किसी भी तरह की शांति वार्ता के लिए संपर्क नहीं किया है। उन्हें पहले ही जो प्रस्ताव दिया गया था, उसे स्वीकार कर लेना चाहिए था।”  

ट्रंप ने लिखा- मैंने ईरान से किसी भी रूप में 'शांति वार्ता' के लिए संपर्क नहीं किया है। ये पूरी तरह से मनगढ़ंत और झूठी खबरें हैं! अगर वे बात करना चाहते हैं, तो उन्हें पता है कि मुझसे कैसे संपर्क करना है। उन्हें वही समझौता स्वीकार कर लेना चाहिए था जो पहले से टेबल पर था, इससे कई जिंदगियां बच सकती थीं!" ट्रंप ने यह भी साफ किया कि वे सिर्फ युद्धविराम नहीं, बल्कि ईरान की “पूर्ण आत्मसमर्पण” की मांग कर रहे हैं।

इससे पहले ट्रंप ने कहा था, “ईरान को वही समझौता मान लेना चाहिए था, जो मैंने सुझाया था। अफसोस की बात है- यह मानव जीवन की बर्बादी है। सीधी बात है: ईरान को किसी भी हाल में परमाणु हथियार नहीं मिल सकता। मैं यह बार-बार कह चुका हूं। सभी लोगों को तुरंत तेहरान खाली कर देना चाहिए।”

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