सना/यमन: यमन के हूती विद्रोहियों ने शनिवार को चेतावनी दी है कि यदि अमेरिका इजराFल के साथ मिलकर ईरान पर हमला करता है, तो वे लाल सागर में अमेरिकी जहाजों को निशाना बनाएंगे। यह चेतावनी हूती समूह के प्रवक्ता याह्या सारी ने एक वीडियो बयान में दी। गौरतलब है कि इजराइल और ईरान के बीच चल रहे संघर्ष को नौ दिन हो चुके हैं और इसके खत्म होने के कोई संकेत नहीं दिख रहे हैं।

अमेरिका और हूतियों के बीच मई 2025 में एक संघर्षविराम समझौता हुआ था, जिसके तहत दोनों पक्ष एक-दूसरे को निशाना नहीं बनाएंगे। इससे पहले हूतियों ने अक्टूबर 2023 में गाजा पर इजराइली हमले के जवाब में इजराइल से जुड़े जहाजों पर हमले किए थे।

इजराइल ने शनिवार को दावा किया कि उसने ईरान के कुद्स फोर्स के फिलिस्तीन कॉर्प्स के प्रमुख सईद इजादी को क़ुम शहर में एक मिसाइल हमले में मार गिराया। इजादी को हमास को वित्त और हथियार उपलब्ध कराने वाला प्रमुख व्यक्ति माना जाता था, जो 7 अक्टूबर 2023 को इजराइल पर हुए हमले में शामिल था।

इजराइली रक्षा मंत्री इजराइल काट्ज ने इसे “खुफिया एजेंसियों और वायुसेना की बड़ी सफलता” बताते हुए कहा कि यह 7 अक्टूबर के पीड़ितों के लिए न्याय है। हालांकि, ईरानी मीडिया ने इजादी की मौत की पुष्टि नहीं की, लेकिन खुर्रमाबाद में इजराइली हमलों में 5 रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के मारे जाने की जानकारी दी है। सईद इजादी पहले से ही अमेरिका और ब्रिटेन की प्रतिबंध सूची में शामिल थे।

शनिवार सुबह तेल अवीव और वेस्ट बैंक के कई हिस्सों में सायरन बजाए गए, जहां ईरानी मिसाइलें गिरने से पहले इंटरसेप्ट कर ली गईं। धमाकों की आवाजें सुनी गईं लेकिन किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। वहीं ईरानी सरकारी मीडिया के मुताबिक, इजराइली हमलों में अब तक 430 लोगों की मौत और 3,500 घायल हुए हैं। यूएस-आधारित एनजीओ, ह्यूमन राइट्स एक्टिविस्ट्स न्यूज एजेंसी ने शुक्रवार को बताया कि उसके स्रोतों और मीडिया रिपोर्टों के आधार पर ईरान में कम से कम 657 लोग मारे गए हैं, जिनमें 263 नागरिक शामिल हैं।

13 जून को इजराइल ने "ऑपरेशन राइजिंग लायन" की शुरुआत करते हुए ईरान पर हमले किए थे। उसका आरोप था कि ईरान परमाणु हथियारों के बेहद करीब पहुंच चुका है, जबकि ईरान का कहना है कि उसका परमाणु कार्यक्रम केवल शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए है।  

अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) ने पुष्टि की है कि इजराइल ने ईरान के इस्फहान शहर में स्थित सेंट्रीफ्यूज निर्माण संयंत्र पर हमला किया है। यह संयंत्र ईरान के परमाणु कार्यक्रम से जुड़ा एक महत्वपूर्ण गैर-सक्रिय केंद्र था।

IAEA प्रमुख राफेल ग्रोसी ने शुक्रवार को दिए एक बयान में कहा, “हम इस संयंत्र को भली-भांति जानते हैं। यहाँ कोई परमाणु सामग्री नहीं थी, इसलिए इस पर हुआ हमला किसी भी प्रकार के विकिरण का खतरा नहीं है।”

यह हमला 13 जून से शुरू हुए इजराइल के हमलों के दौरान तीसरे परमाणु-संबंधित केंद्र को निशाना बनाए जाने घटना है। ग्रोसी ने यह भी दोहराया कि IAEA के पास कोई ठोस प्रमाण नहीं है जिससे यह कहा जा सके कि ईरान फिलहाल परमाणु हथियार विकसित करने की दिशा में काम कर रहा है।

 गौरतलब बात है कि इजराइल को परमाणु शक्ति संपन्न देश माना जाता है, हालांकि वह इस बात की कभी आधिकारिक पुष्टि या खंडन नहीं करता। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को कहा कि अमेरिका अभी तय करेगा कि वह इजराल का साथ देगा या नहीं, और यह निर्णय अगले दो हफ्तों में लिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि ईरान "कुछ ही हफ्तों में परमाणु बम बना सकता है जिसे अमेरिका "किसी भी हालत में नहीं होने देगा।