तेहरानः ईरान ने इजराइल की जासूसी एजेंसी मोसाद के लिए काम करने वाले तीन जासूसों को फांसी दी है। ईरान द्वारा यह कदम इजराइल के साथ जारी तनाव के बीच उठाया गया है। इसके अलावा 700 अन्य लोगों की गिरफ्तारी भी हुई है। इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 24 जून को दोनों देशों के बीच मध्यस्थता कराने के बाद युद्धविराम की घोषणा की थी। दोनों देशों ने इस पर सहमति भी जताई थी।
ईरान की न्यूज एजेंसी मिजान के मुताबिक, जिन तीन लोगों को फांसी दी गई है उन पर इजराइल की मोसाद के साथ सहयोग करने के साथ-साथ एक अज्ञात व्यक्ति की हत्या में इस्तेमाल किए गए हथियारों की तस्करी करने का भी आरोप था। हालांकि, इस बारे में अधिक जानकारी नहीं साझा की गई है।
700 अन्य लोगों की गिरफ्तारी
वहीं, 700 अन्य लोगों को इजराइल के साथ संपर्क में होने के चलते गिरफ्तार किया गया है। ईरान और इजराइल के बीच दशकों से संघर्ष जारी है। हाल ही में 12 दिन का युद्ध भी उसी संघर्ष का हिस्सा है। इससे पहले भी ईरान ने इजराइल के साथ संबंध रखने और मोसाद के संचालन में मदद करने वाले लोगों को फांसी की सजा दी है।
ईरान-इजराइल तनाव का हालिया दौर 12 जून से शुरू हुआ था जब इजराइल ने ईरान के परमाणु ठिकाने नतांज पर हमला बोला था। इस संघर्ष के कुछ दिनों बाद अमेरिका भी इसमें शामिल हुआ था और तीन परमाणु स्थलों नतांज, फोर्दो और इस्फहान पर हमला बोला था। अमेरिका के युद्ध में प्रवेश करने के बाद से ही युद्धविराम की बात शुरू हुई। हालांकि, युद्धविराम के बाद भी ईरान और इजराइल ने इसका उल्लंघन करने को लेकर एक-दूसरे पर आरोप लगाए। डोनाल्ड ट्रंप ने इसका विरोध किया और इस पर निराशा व्यक्त की।
डोनाल्ड ट्रंप ने बाद में अपने सोशल प्लेटफॉर्म ट्रुथ पर पोस्ट कर कहा कि युद्धविराम लागू है। इजराइल अब ईरान पर हमला नहीं करेगा और इसके विमान वापस लौट रहे हैं।