इजराइली हमले में मृत घोषित किए गए खामेनेई के सलाहकार शामखानी हैं जिंदा, ईरानी मीडिया ने की पुष्टि

शामखानी लंबे समय से ईरान की क्षेत्रीय सुरक्षा नीतियों के प्रमुख रणनीतिकार रहे हैं। उनकी चोट को ईरानी नेतृत्व के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा था, लेकिन अब उनकी हालत स्थिर होने की खबर से राजनीतिक हलकों में राहत देखी जा रही है।

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अयातुल्ला अली खामेनेई के सलाहकार रियर एडमिरल अली शामखानी X/Iran Armed Forces

तेहरान में 12 जून को हुए इजराइली हमलों के बाद ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के सलाहकार रियर एडमिरल अली शामखानी को मृत घोषित कर दिया गया था। लेकिन अब ईरानी सरकारी मीडिया और रिवोल्यूशनरी गार्ड्स से जुड़ी एजेंसियों ने पुष्टि की है कि शामखानी जीवित हैं और अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी हालत स्थिर है।

तस्नीम न्यूज एजेंसी के अनुसार, डॉक्टरों की लगातार निगरानी और इलाज से शामखानी में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है। तेहरान में एक उच्च स्तरीय सुरक्षा ठिकाने पर हुए लक्षित हमले में उन्हें गंभीर चोटें आई थीं। वह पहले ईरान की सुप्रीम नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल के सचिव भी रह चुके हैं। 

मैं बलिदान के लिए तैयार हूंः शामखानी

सरकारी मीडिया के जरिए जारी एक संक्षिप्त संदेश में शामखानी ने कहा, “मैं जीवित हूं और बलिदान के लिए तैयार हूं।” 

शामखानी ने एक भावनात्मक संदेश जारी कर ईरानी जनता और सर्वोच्च नेता को संबोधित करते हुए कहा है, “हम आशा और गरिमा का राष्ट्र हैं। हम चोट खाते हैं, पर झुकते नहीं। हमारे शहीद कमांडर, वैज्ञानिक, और योद्धा कभी अनुपस्थित नहीं होते, वे इस राष्ट्र की नसों में रक्त की तरह बहते हैं। अब उनके पवित्र झंडे को हमने थामा है, और यह कभी नीचे नहीं गिरेगा।”

उन्होंने आगे लिखा,“मैं तैयार हूं, न सिर्फ एक बार, बल्कि सौ बार, इस भूमि और इसके अतुलनीय लोगों के लिए बलिदान देने के लिए। प्रिय ईरानी नागरिकों, मैंने ये कुछ पंक्तियाँ सिर्फ यह बताने के लिए लिखीं कि आप अकेले नहीं हैं।” शामखानी ने यह भी कहा कि ईरान के दुश्मनों को यह समझ लेना चाहिए कि “ईरान से टकराना आग से खेलने जैसा है, जो अंततः उन्हें राख में बदल देगा।”

शामखानी लंबे समय से ईरान की क्षेत्रीय सुरक्षा नीतियों के प्रमुख रणनीतिकार रहे हैं। उनकी चोट को ईरानी नेतृत्व के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा था, लेकिन अब उनकी हालत स्थिर होने की खबर से राजनीतिक हलकों में राहत देखी जा रही है।

यह हमला ईरान और इजराइल के बीच बढ़ते टकराव के बीच हुआ था। पिछले एक सप्ताह से दोनों देशों के बीच लगभग रोज़ाना मिसाइल और ड्रोन हमलों का सिलसिला जारी है। ईरानी अधिकारियों ने आरोप लगाया है कि इज़राइल जानबूझकर वरिष्ठ अधिकारियों को निशाना बना रहा है ताकि ईरान के रणनीतिक तंत्र को कमजोर किया जा सके।

सैय्यद अब्बास अरागची की हत्या की साजिश नाकाम

इस बीच एक और बड़ा घटनाक्रम सामने आया है- ईरानी विदेश मंत्री सैय्यद अब्बास अरागची की हत्या की एक बड़ी साजिश को विफल कर दिया गया है। ईरान के विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी मोहम्मद हुसैन रंगबरान ने शुक्रवार को इस संबंध में ट्वीट कर जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जब यह घोषणा हुई कि विदेश मंत्री जिनेवा रवाना होंगे ताकि यूरोपीय ट्रोइका से वार्ता कर सकें, तब से आशंका जताई जा रही थी कि उन्हें निशाना बनाया जा सकता है।

रंगबरान के अनुसार, “यह खतरा न केवल वास्तविक था बल्कि जारी भी है। लेकिन अराक़ची खुद को मातृभूमि का सिपाही मानते हैं… यदि ईरान की खुफिया एजेंसियों ने सतर्कता नहीं दिखाई होती, तो कुछ दिन पहले ही एक बड़ा इज़राइली षड्यंत्र तेहरान में सफल हो जाता।” उन्होंने अपील की कि “हमें अराक़ची और ईरान के कूटनीतिक योद्धाओं के लिए प्रार्थना करनी चाहिए, ताकि इस अमानवीय दुनिया में वे इस्लामी ईरान के अधिकारों की रक्षा में सफल हो सकें।”

 

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