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जेरुसलेमः अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) ने इजराइल को फिलिस्तीन के रफाह में अपने सैन्य आक्रामक अभियानों को तुरंत रोकने का निर्देश दिया है। न्यायालय ने दक्षिण अफ्रीका द्वारा दायर एक आवेदन पर यह आदेश पारित किया। 13:2 मतों के बहुमत से पारित इस आदेश के बाद इजराइल समेत दुनिया के कई देशों ने इसपर अपनी प्रतिक्रिया दी।
साउथ अफ्रीका ने इजराइल पर नरसंहार का आरोप लगाते हुए अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में जंग को रोकने के लिए आवेदन दायर किया था। 15 जजों की टीम इस पर सुनवाई की जिसमें से 13 ने दक्षिण अफ्रिका के पक्ष में फैसला सुनाया। दो जज इसके खिलाफ थे। इजराइल ने आईसीजे के फैसले को न मानने की बात कही है। इजराइली वॉर कैबिनिट के मंत्री बेनी गैंट्ज ने कहा कि वे रफाह में जंग जारी रखेंगे।
इजराइल ने अस्तित्व की लड़ाई बताया
आईसीजे के आदेश के बाद इजराइली प्रधानमंत्री कार्यालय और विदेश मंत्रालय ने संयुक्ता बयान जारी किया। और दक्षिण अफ्रिका के आरोप को झूठा बताया। बयान में कहा गया कि 'नरसंहार' के संबंध में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में इजराइल के खिलाफ दक्षिण अफ्रीका के आरोप झूठे, अपमानजनक और घृणित हैं। इजराइल ने कहा कि उसने रफाह क्षेत्र में ऐसी कोई सैन्य अभियान नहीं चलाया है और नहीं चलाएगा जिससे फिलिस्तीनी नागरिक जनसंख्या के पूरे या अंशिक नाश की स्थिति बन सकती है।
वहीं, इजराइल के वित्त मंत्री बेजालेल स्मोट्रिज ने इसे अस्तित्व की लड़ाई बताया है। उन्होंने कहा कि जो लोग इजराइल से युद्ध रोकने की मांग कर रहे हैं, असल में वे इजराइल को खत्म करना चाहते हैं। लेकिन हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे। स्मोट्रिज ने आगे कहा कि जो लोग आईएसआईएस और हमास का साथ दे रहे हैं, इतिहास उन्हें माफ नहीं करेगा। जब तक हमारे अपने, बच्चे, 125 बंधक वापस नहीं आ जाते हम युद्ध नहीं रोकेंगे। वहीं, फैसले से पहले इजराइल सरकार के प्रवक्ता ने कहा था कि धरती पर कोई भी ताकत इजराइल को अपने नागरिकों की रक्षा करने और गाजा में हमास के खिलाफ युद्ध से नहीं रोक पाएगी"।
फैसले का हमास ने किया स्वागत
हमास अधिकारी बसीम नईम ने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के आदेश का स्वागत किया। उसने कहा कि यह पर्याप्त नहीं है। क्योंकि गाजा पट्टी और विशेष रूप से उत्तरी गाजा में इजराइल की आक्रामकता काफी क्रूर और खतरनाक है। इससे वहां के जीवन पर संकट आ गया है जिसमें अधिकांश बच्चे, महिलाओं और बूढ़े शामिल हैं। हमास ने राष्ट्र सुरक्षा परिषद से आईसीजे के आदेश को तुरंत व्यावहारिक रूप से लागू करने की मांग की है।
फिलिस्तीनी प्राधिकारी प्रवक्ता नबील अबू रूडीने ने भी अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के फैसले का स्वागत किया। और कहा कि यह आदेश गाजा पर चौतरफा युद्ध को रोकने की मांग पर एक अंतरराष्ट्रीय सहमति का प्रतिनिधित्व करता है। संयुक्त राष्ट्र में फिलिस्तीनी राजदूत रियाद मंसूर ने आईसीजे के आदेश को बिना सोच विचार के तुरंत लागू करने का आह्वान किया। गौरतलब है कि यह फैसला उस समय आया जब दो दिन पहले नॉर्वे, आयरलैंड और स्पेन ने औपचारिक रूप से फिलिस्तीन को मान्यता देने की घोषणा की थी।
यूरोपीय संघ ने क्या कहा?
यूरोपिय संघ के शीर्ष राजनयिक जोसेप बोरेल ने आईसीजे के फैसले पर कहा कि हमें कानून के शासन की अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं को अपना समर्थन या इजराइल को अपना समर्थन, दोनों में से किसी एक को चुनना होगा। बेल्जियम के विदेश मंत्री हदजा लहबीब ने कहा कि अदालत ने इजराइल को रफाह में अपने सैन्य आक्रमण को रोकने का आदेश दिया है। बेल्जियम ने निर्णय को तत्काल लागू करने का आह्वान किया है। गाजा में हिंसा और मानवीय पीड़ा रुकनी चाहिए। हम युद्धविराम, बंधकों की रिहाई और दो राज्यों के लिए बातचीत का आह्वान करते हैं।
तुर्की ने फैसले का किया समर्थन
तुर्की और सऊदी अरब ने भी आईसीजे के फैसले को अपना समर्थन दिया है। तुर्की के विदेश मंत्रालय ने आदेश का स्वागत करते हुए कहा कि दुनिया में कोई भी देश कानून से ऊपर नहीं है। हम उम्मीद करते हैं कि न्यायालय द्वारा लिए गए सभी निर्णयों को इजराइल तुरंत लागू करेगा। हम चाहते हैं कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद अदालत के फैसले को व्यावहारिक रूप में लागू कराए।
अमेरिकी-इस्लामी संबंध परिषद ने क्या कहा?
अमेरिकी-इस्लामी संबंध परिषद ने भी आईसीजे के फैसला की सराहन की। परिषद ने कहा कि अमेरिका इस हमले में इजराइल का अकेला साथ दे रहा है। इजराइल स्पष्ट रूप से गाजा को निर्जन बनाने का प्रयास कर रहा है। इसे इस राक्षसी लक्ष्य को पूरा करने से रोका जाना चाहिए। परिषद ने कहा कि राष्ट्रपति जो बाइडन को इजराइल के नरसंहार के लिए सभी सैन्य सहायता को तुरंत समाप्त करके इस महत्वपूर्ण फैसले का सम्मान करना चाहिए।
रफाह में इजराइल के हमले जारी
अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के फैसले के बाद भी इजराइल ने रफाह में अपनी कार्रवाई नहीं रोकी है। बल्कि और तेज कर दी है। इजराइल रक्षा बलों (आईडीएफ) ने मध्य गाजा पट्टी में हवाई हमले में हमास के एक डिप्टी कमांडर को मार गिराया है। आईडीएफ ने मारे गए हमास कमांडर की पहचान जियाद अल-दीन अल-शरफा के रूप में की है। इजराइली सेना ने कहा कि वरिष्ठ हमास नेता की हत्या शिन बेट और सैन्य खुफिया के बीच एक ज्वाइंट ऑपरेशन के माध्यम से की गई।
अल-शरफा को गाजा पट्टी में हमास का प्रमुख आतंकवादी माना जाता था। इजरायल रक्षा बल अब विशेष रूप से हमास के वरिष्ठ नेताओं पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक, आईडीएफ ने यूसुफ अल-शोबाकी को भी मार गिराया है। वह गाजा में हमास आतंकवादी समूह के औद्योगिक सुरक्षा विभाग का नेतृत्व कर रहा था।
इजराइल और हमास के बीच यह युद्ध 7 अक्टूबर 2023 को शुरू हुआ था। इस युद्ध में अब तक करीब 36 हजार से ज्यादा फिलिस्तीनी नागरिक मारे जा चुके हैं। इस युद्ध में ज्यादातर बच्चे हताहत हुए हैं। करीब 8 लाख लोग रफाह शहर छोड़कर जा चुके हैं। इजराइल ने हमास को मिटाने का संकल्प लिया है।