बांग्लादेश की अंतरिम सरकार बैंक नोटों से हटा रही शेख मुजीबुर रहमान की तस्वीर: रिपोर्ट

बांग्लादेश बैंक की हुस्नेरा शिखा के अनुसार, नए डिजाइन वाले नोट 6 महीने में चलन में आएंगे।

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pm Sheikh Hasina reached India after deteriorating situation in Bangladesh sought asylum from England

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार नोटों से हटा रही शेख मुजीबुर रहमान की तस्वीर: रिपोर्ट (फाइल फोटो- IANS)

ढाका: बांग्लादेश के बैंक नोटों से देश के संस्थापक नेता शेख मुजीबुर रहमान की फोटो हटाने की प्रक्रिया शुरू हुई है। यह तब हो रहा है जब कुछ महीने पहले बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना देश छोड़कर भारत चली गई थीं।

दावा है कि बांग्लादेश बैंक नए नोट छाप रहा है, जिनमें शेख मुजीबुर रहमान की तस्वीर नहीं होगी। 'बंगबंधु' कहे जाने वाले शेख मुजीबुर रहमान की तस्वीर की जगह नए नोटों पर धार्मिक स्थल और बंगाली सांस्कृतिक प्रतीक से जुड़ी ग्रैफिटी दिखाई जाएगी।

बांग्लादेशी न्यूज साइट ढाका ट्रिब्यून ने बताया कि नए नोटों में शेख हसीना के कार्यकाल के दौरान हुए कोटा विरोधी आंदोलन को दर्शाया जाएगा। केंद्रीय बैंक 20, 100, 500 और एक हजार के ऐसे नोटों के डिजाइन तैयार कर रहा है, जिनमें शेख मुजीबुर रहमान की तस्वीर नहीं होगी।

गौरतलब है कि बांग्लादेश में कोटा विरोधी आंदोलन के दौरान भारी हिंसा हुई थी, जिसके चलते शेख हसीना को देश छोड़कर जाना पड़ा था। दावा है कि शेख हसीना भारत में अज्ञात जगह पर है।

अगले छह महीने में नए नोट आएंगे चलन में-बांग्लादेश बैंक

नए डिजाइन के नोट चार अलग-अलग मूल्यवर्गों से शुरू होंगे और धीरे-धीरे बाकी नोटों में भी यह बदलाव होगा। वित्त मंत्रालय ने सितंबर में इसका विस्तृत प्रस्ताव दिया था। बांग्लादेश बैंक की कार्यकारी निदेशक हुस्नेरा शिखा ने बताया कि नए डिजाइन वाले नोट अगले छह महीने में चलन में आ जाएंगे।

कोटा विरोधी आंदोलन के समय शेख मुजीबुर रहमान की हुई थी भारी आलोचना

बांग्लादेश में राष्ट्रपिता के रूप में जाने जाने वाले शेख मुजीबुर रहमान की कोटा विरोधी आंदोलन के दौरान काफी आलोचना हुई थी। अशांति के दौरान उनकी मूर्तियों और भित्तिचित्रों को निशाना बनाया गया, और यह तब हुआ जब शेख हसीना देश छोड़कर भारत चली गई थीं।

अपदस्थ होने के बाद अपने पहले सार्वजनिक संबोधन में, शेख हसीना ने मोहम्मद यूनुस पर हिंदुओं सहित अल्पसंख्यकों की रक्षा करने में विफल रहने का आरोप लगाया। हसीना की टिप्पणियों को बांग्लादेश के अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण द्वारा "घृणास्पद भाषण" के रूप में लेबल किया गया, जबकि यूनुस की सरकार का दावा है कि उन्हें बदनाम करने के लिए ऐसे अभियान चलाए जा रहे हैं।

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