वॉशिंगटन: अमेरिकी में अवैध रूप से रहने वाले भारतीयों को किराए पर लिए गए एक चार्टर्ड फ्लाइट के जरिए भारत भेजा गया है। भारतीयों को अमेरिका से भारत तब भेजा गया है जब पांच नवंबर को वहां पर राष्ट्रपति का चुनाव होने वाला है और इस चुनाव में अवैध प्रवासन एक अहम मुद्दा बना हुआ है।

अमेरिकी होमलैंड सिक्योरिटी विभाग (डीएचएस) द्वारा 22 अक्टूबर को चार्टर्ड फ्लाइट भारत भेजी गई थी। डीएचएस ने कहा है कि भारत सरकार के सहयोग से यह कदम उठाया गया है। इसी महीने में डीएचएस चीन के नागरिकों को भी वापस उनके देश भेजा है, पिछले चार महीने में यह दूसरी बार है।

इसका उद्देश्य आव्रजन कानूनों को लागू करना और देश में अप्रवासियों के अवैध प्रेवश पर अंकुष लगाना लक्ष्य है। वित्तीय वर्ष 2024 में डीएचएस ने भारत सहित 145 से भी अधिक देशों के लिए 495 प्रत्यावर्तन उड़ानें चलाकर 160 हजार से भी अधिक अवैध अप्रवासियों को उनके देश वापस भेजा है।

अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन ने मैक्सिको की सीमा पर घुसपैठ को रोकने के लिए जून 2024 में एक उद्घोषणा को साइन किया है जिसे प्रोक्लेमेशन ऑन सिक्योरिंग बॉर्डर के नाम से जाना जाता है।

इसके साथ अंतरिम अंतिम नियम भी लागू किया गया है जिसमें दक्षिण-पश्चिम सीमा को घुसपैठ के लिए सुरक्षित करने का लक्ष्य है। इसके कारण सीमा पर घुसपैठ में 55 फीसदी की कमी आई है।

पिछले साल डीएचएस ने कोलंबिया, इक्वाडोर, पेरू, मिस्र, मॉरिटानिया, सेनेगल, उज्बेकिस्तान, चीन और भारत जैसे कई देशों के अप्रवासियों को उनके देश वापस भेजा था।

प्रवासियों के बारे में डीएचएस के वरिष्ठ अधिकारी ने क्या कहा

डीएचएस के वरिष्ठ अधिकारी क्रिस्टी ए कैनेगैलो ने कहा है अमेरिका आगे भी आव्रजन कानूनों को लागू करना जारी रखेगा और वह यहां आने वाले लोगों को सही तरीके इस्तेमाल करने पर प्रोत्साहित करेगा। क्रिस्टी ने यह भी कहा है कि इसके अलावा जो लोग यहां पर गैरकानूनी तरीके से रह रहे हैं, अमेरिका उनके देश उन्हें वापस भेजेगा।

भारतीयों को वापस भेजने पर बोलते हुए क्रिस्टी ने कहा, 'अमेरिका में रहने के लिए कानूनी आधार नहीं रखने वाले भारतीय नागरिकों को तुरंत निर्वासन का सामना करना पड़ेगा। साथ ही इच्छुक प्रवासियों को उन तस्करों के झूठ में नहीं फंसना चाहिए जो अन्यथा प्रचार करते हैं।'

अमेरिकी चुनाव में अवैध प्रवासन बना एक मुद्दा

इससे पहले पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने चुनाव अभियान को ध्यान में रखते हुए एक एक्स पोस्ट में कहा था कि सत्ता में आने के बाद वे अवैध प्रवासन को रोकेंगे और निर्वासन छूट को भी रद्द कर देंगे।

यही नहीं उन्होंने अमेरिका में गैर कानूनी तरीके से घुसने वाले और यहां पर अवैध रूप से रहने वालों को मिलने वाली सरकारी सुविधा को भी खत्म करने की बात कही थी।

पूर्व राष्ट्रपति ने सीबीपी वन ऐप को लेकर डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार और मौजूदा उपराष्ट्रपति कमला हैरिस पर निशाना भी साधा था और इसे उनका 'फोन ऐप' भी बताया था।

ट्रंप का दावा है कि ऐप के जरिए हैरिस अमेरिका में प्रवासियों की अवैध तस्करी करती हैं। ऐसे में सत्ता में आने के बाद उन्होंने ऐप को खत्म करने की बात कही है। वहीं दूसरी ओर मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडन की अगर बात करें तो उन्होंने अप्रवासियों के लिए तरह-तरह की प्रोग्राम लॉन्च किए हैं।

गौरतलब है कि सीबीपी वन ऐप एक ऐसा ऐप है जिसमें अमेरिका में शरण लेने वालों के लिए जनवरी 2023 में लॉन्च किया गया था। इस ऐप के जरिए मेक्सिको में मौजूद अप्रवासियों को मेक्सिको-अमेरिका के बॉर्डर के आठ में से एक क्रॉसिंग पॉइंटों पर अपॉइंटमेंट शेड्यूल करने की सुविधा देता है।

इन अप्रवासियों  के लिए यह ऐप फ्री है और इसके जरिए मानवीय परमिट जारी होता है जिससे अमेरिका में कानूनी तरीके से रहा जा सकता है।