वॉशिंगटनः अमेरिका के कोलंबिया विश्वविद्यालय में फिलिस्तीनी समर्थक विरोध प्रदर्शन में शामिल भारतीय शोधार्थी रंजनी श्रीनिवासन ने वीजा रद्द होने के बाद सेल्फ डिपोर्ट कर लिया है। होमलैंड सुरक्षा विभाग ने इसकी जानकारी दी है।
विभाग ने कथित तौर पर रंजनी का एक वीडियो जारी किया है जिसमें वह एयरपोर्ट पर दिखाई देती है। वाशिंगटन टाइम्स ने होमलैंड सुरक्षा विभाग के हवाले से लिखा है कि रंजनी ने मंगलवार यानी 11 मार्च को वापसी कर ली थी।
रंजनी का रद्द कर दिया गया था वीजा
गौरतलब है कि विदेश विभाग ने रंजनी का वीजा बीते सप्ताह रद्द कर दिया था। समाचार एजेंसी एशोसिएटेड प्रेस के अनुसार, अमेरिकी न्याय विभाग भी यह जांच करने में जुटा है कि क्या कोलंबिया विश्वविद्यालय ने परिसर में "अवैध विदेशियों" को छुपाया था। ट्रंप प्रशासन ने फिलिस्तीनी समर्थक प्रदर्शनों में भाग लेने वाले विदेशियों को निर्वासित करने का अभियान तेज कर दिया था।
होमलैंड सुरक्षा विभाग के एजेंटों ने गुरुवार शाम को वारंट के साथ दो विश्वविद्यालय आवासों की तलाशी ली। इसमें कहा गया कि किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया और यह स्पष्ट नहीं था कि अधिकारी किसकी तलाश कर रहे हैं? हालांकि शुक्रवार दोपहर अमेरिकी अधिकारियों ने प्रदर्शनों में शामिल जिन लोगों की तलाश की थी, उन लोगों से संबंधित घटनाक्रम की घोषणा की थी।
रंजनी श्रीनिवासन कोलंबिया विश्वविद्यालय की शोधार्थी हैं। रंजनी का वीजा ट्रंप प्रशासन द्वारा रद्द कर दिया गया था। इसके बाद वह भारत वापस आ गईं। इसी तरह एक फिलिस्तीनी महिला को गिरफ्तार किया गया था। उसे न्यूजर्सी में फेडरल आव्रजन अधिकारियों द्वारा गिरफ्तार किया गया था कि वीजा की अवधि समाप्त होने के बाद भी वह वहां रुकीं थीं।
डिप्टी अटॉर्नी जनरल टॉड ब्लांच ने न्याय विभाग के समक्ष बोलते हुए कहा कि यह सब राष्ट्रपति के "इस देश में यहूदी-विरोधी भावना को समाप्त करने के मिशन" का हिस्सा था।
ट्रंप प्रशासन के गहरे दबाव में है विश्वविद्यालय
बीते कुछ हफ्तों से कोलंबिया विश्वविद्यालय ट्रंप प्रंशासन के गहरे दबाव में है। सरकार ने विश्वविद्यालय को दी जाने वाली 400 मिलियन डॉलर यानी करीब 35 अरब की संघीय अनुदान पर रोक लगाई। इस राशि का अधिकतर हिस्सा मेडिकल रिसर्च में खर्च होता था। ट्रंप प्रशासन की तरफ से यह सख्ती विश्वविद्यालय में इजराइल द्वारा गाजा पर की गई कार्रवाई की छात्रों और शिक्षकों द्वारा विरोध के बाद की गई।
राष्ट्रपति ट्रंप और अन्य अधिकारियों ने आंदोलनकारियों पर हमास समर्थित होने का आरोप लगाया है। ज्ञात हो कि हमास ने सात अक्तूबर 2023 को इजराइल पर हमला किया था।
विश्वविद्यालय में बीते दिनों फिलिस्तीनी कार्यकर्ता महमूद खलील की गिरफ्तारी की गई थी। खलील ने इजराइल के विरोध में किए गए प्रदर्शनों में मदद की थी।
ट्रंप प्रशासन ने रंजनी का वीजा यह कहते हुए रद्द कर दिया कि उसने "हिंसा और आतंकवाद" की वकालत की थी। विभाग के मुताबिक, श्रीनिवासन ने खुद को निर्वासित करने का रास्ता चुना। हालांकि अधिकारियों ने यह नहीं बताया कि उनके पास क्या सबूत हैं कि श्रीनिवासन ने हिंसा की वकालत की थी।
एक न्यूज रिलीज के मुताबिक, रंजनी ने अमेरिका में एफ-1 वीजा के साथ प्रवेश किया था। इसमें लिखा गया है कि रंजनी हमास समर्थित जो कि एक आतंकी संगठन है कै समर्थन करने वाली गतिविधियों में शामिल थी। पांच मार्च को अमेरिकी विदेश विभाग द्वारा उसका वीजा रद्द कर दिया गया था।