ओटावाः कनाडा में भारतीय मूल के सांसद चंद्र आर्य ने गुरुवार को प्रधानमंत्री पद के लिए अपनी उम्मीदवारी की घोषणा की। उन्होंने यह घोषणा कनाडा के पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के इस्तीफे के कुछ दिनों बाद की। चंद्र आर्य ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि वह कनाडा के अगले प्रधानमंत्री बनकर देश के पुनर्निर्माण और समृद्धि की दिशा में काम करना चाहते हैं।
चंद्र आर्य ने लिखा, “मैं कनाडा के अगले प्रधानमंत्री पद के लिए चुनाव लड़ रहा हूं, ताकि अपने देश का पुनर्निर्माण कर सकूं और भावी पीढ़ियों के लिए समृद्धि सुनिश्चित कर सकूं।” उन्होंने कहा कि कनाडा को ऐसे नेतृत्व की आवश्यकता है जो बड़े और साहसिक निर्णय लेने से डरता न हो। आर्य ने यह भी कहा कि कनाडा को आज कठिन फैसलों की आवश्यकता है, ताकि देश की अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित किया जा सके और सभी कनाडाई नागरिकों के लिए समान अवसर मिल सकें।
चंद्र आर्य का जन्म कर्नाटक के तुमकुर जिले के द्वारलू गांव में हुआ था और उन्होंने धारवाड़ के कर्नाटक विश्वविद्यालय से एमबीए किया। 2006 में कनाडा जाने के बाद, उन्होंने पहले इंडो-कनाडा ओटावा बिजनेस चैंबर के अध्यक्ष के रूप में काम किया और बाद में 2015 के कनाडाई संघीय चुनाव में नेपियन राइडिंग से सांसद बने। उन्हें 2019 और 2021 में भी दोबारा चुना गया।
I am running to be the next Prime Minister of Canada to lead a small, more efficient government to rebuild our nation and secure prosperity for future generations.
We are facing significant structural problems that haven’t been seen for generations and solving them will require… pic.twitter.com/GJjJ1Y2oI5— Chandra Arya (@AryaCanada) January 9, 2025
चंद्र आर्य की राजनीति में सक्रियता विशेष रूप से भारतीय समुदाय और कनाडा के समाज के महत्वपूर्ण मुद्दों पर रही है। उन्होंने 2022 में कनाडा के हाउस ऑफ कॉमन्स में अपनी मातृभाषा कन्नड़ में भाषण दिया और टोरंटो में हिंदू मंदिरों की तोड़फोड़ के मामलों में भी मुखर रूप से अपनी आवाज उठाई। इस हमले के लिए उन्होंने खालिस्तानी चरमपंथियों को जिम्मेदार ठहराया।
‘कनाडा को एक ऐसे नेतृत्व की जरूरत है जो बड़े और साहसिक फैसले ले सके’
अपने प्रधानमंत्री बनने के इरादे के बारे में आर्य ने कहा कि कनाडा को एक ऐसे नेतृत्व की जरूरत है जो बड़े और साहसिक फैसले ले सके, जैसे कि अर्थव्यवस्था का पुनर्निर्माण, देश में समृद्धि की बहाली और सभी कनाडाई नागरिकों के लिए समान अवसर पैदा करना। उन्होंने कहा, “साहसिक राजनीतिक निर्णय अब वैकल्पिक नहीं, बल्कि आवश्यक हैं।”
आर्य ने यह भी कहा कि यदि वह लिबरल पार्टी के नेता बनते हैं, तो वह कठिन और साहसिक निर्णय लेंगे, जो कनाडा के भविष्य के लिए जरूरी हैं। उन्होंने कनाडा को एक संप्रभु गणराज्य बनाने का वादा किया और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए खास कदम उठाने की बात की।
कनाडा में आज कई लोग विशेष रूप से युवा पीढ़ी गंभीर आर्थिक समस्याओं का सामना कर रहे हैं। मध्यम वर्ग के लोग संघर्ष कर रहे हैं और कई कामकाजी परिवार गरीबी में जा रहे हैं। इन मुद्दों को हल करने के लिए आर्य ने कहा कि उन्हें ऐसे फैसले लेने होंगे जो अगले कुछ दशकों तक देश की समृद्धि सुनिश्चित करें।
जीडीपी को 25 वर्षों में 5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा
आर्य ने यह भी प्रस्तावित किया कि कनाडा का वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद अगले 25 वर्षों में 5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा जाएगा। इसके अलावा, उन्होंने सेवानिवृत्ति की आयु को दो वर्ष बढ़ाने और वैज्ञानिकों, इंजीनियरों और अन्य पेशेवरों को जलवायु परिवर्तन और आर्थिक विकास की दिशा में प्रमुख भूमिका निभाने का अवसर देने की बात की।
कनाडा की राजनीति में यह कदम एक महत्वपूर्ण मोड़ हो सकता है क्योंकि चंद्र आर्य लिबरल पार्टी के पहले सदस्य हैं जिन्होंने पार्टी के नेतृत्व के लिए अपनी उम्मीदवारी की घोषणा की है। फिलहाल, लिबरल पार्टी के अन्य नेता जैसे फ्रैंक बेलिस, स्टीव मैककिनन, मेलानी जोली और जोनाथन विल्किंसन ने भी पार्टी नेतृत्व के लिए अपनी उम्मीदवारी पर विचार किया है।
जस्टिन ट्रूडो ने पहले ही घोषणा की है कि वह पार्टी के नए नेता के चयन के बाद प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देंगे। हालांकि, लिबरल पार्टी ने अभी तक आगामी नेतृत्व चुनाव के नियमों का ऐलान नहीं किया है।
(यह खबर आईएएनएस समाचार एजेंसी की फीड द्वारा प्रकाशित है। )