नई दिल्ली: भारतीय विदेश मंत्रालय (MEA) ने ढाका के खिलखेत में एक दुर्गा मंदिर को तोड़े जाने को लेकर बांग्लादेश की अंतरिम सरकार की आलोचना की है। विदेश मंत्रालय के साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान इस मुद्दे पर बोलते हुए प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, 'हमें पता चला है कि चरमपंथी ढाका के खिलखेत में दुर्गा मंदिर के विध्वंस के लिए लगातार मचा रहे थे। अंतरिम सरकार ने मंदिर को सुरक्षा देने की बजाय, इस घटना को अवैध तरह से भूमि के इस्तेमाल के मामले के रूप में पेश किया और आज मंदिर को गिराने की अनुमति दी।'
रणधीर जायसवाल ने आगे कहा कि मंदिर को गिराने के वजह से देवताओं की मूर्तियों को नुकसान पहुंचा है। इससे पहले मूर्तियों को दूसरी जगह स्थापित किया जा सकता था। ऐसी घटनाओं पर निराशा व्यक्त करते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, 'हिंदुओं, उनकी संपत्तियों और उनके धार्मिक संस्थानों की रक्षा करना बांग्लादेश की अंतरिम सरकार की जिम्मेदारी है।'
Watch: On the demolition of the Durga Mandir in Dhaka, MEA Spokesperson Randhir Jaiswal says, "We understand that extremists were clamoring for the demolition of the Durga temple in Khilkhet, Dhaka. The interim government, instead of providing security to the temple, projected… pic.twitter.com/4lRgCLjs8G
— IANS (@ians_india) June 26, 2025
गौरतलब है कि विदेश मंत्रालय की यह प्रतिक्रिया गुरुवार को ढाका में स्थानीय अधिकारियों द्वारा खिलखेत सर्वजनिन दुर्गा मंदिर को ध्वस्त करने के कुछ घंटों बाद आई। सामने आई जानकारी के अनुसार इस मंदिर को कथित तौर पर देश की बहुसंख्यक आबादी के दबाव में गिराने का फैसला किया गया, जो कई दिनों से इसे हटाने की बात कर रहे थे।
मंदिर की मूर्तियों को हटाने का भी नहीं मिला समय
इससे पहले गुरुवार को दिन में मंदिर में तोड़फोड़ के विरोध में एक हिंदू समूह इकट्ठा हुआ था। हालांकि बांग्लादेश की सेना के जवानों ने उन्हें तितर-बितर कर दिया। इसके बाद मंदिर को गिराने के लिए बुलडोजर का इस्तेमाल किया गया।
The demolition of the Sri Sri Durga Temple, including its idol, in Khilkshet is truly a heartbreaking incident.
— Abdullah Al Faisal (@fixerfaisal) June 26, 2025
There are many knowledgeable people in the country regarding laws and regulations, but the question remains couldn't the idol have been relocated elsewhere?
On the… pic.twitter.com/u5klaFRc8R
रिपोर्ट के अनुसार, हिंदू समुदाय ने देवता को दूसरी जगह ले जाने के लिए अतिरिक्त समय मांगा था, लेकिन इस अनुरोध को नजरअंदाज़ कर दिया गया। देवी काली और भगवान शिव सहित अन्य देवताओं की मूर्तियों को बुलडोजर के नीचे कुचल दिया गया।