'भारत को मिलनी चाहिए UNSC में स्थायी सदस्यता', संयुक्त राष्ट्र महासभा में बोले फ्रांस के राष्ट्रपति

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के आकार को बढ़ाने और ज्यादा प्रतिनिधित्व देने का समर्थन किया है। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए कहा कि भारत को UNSC का स्थायी सदस्य बनाया जाना चाहिए।

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'भारत को मिलनी चाहिए UNSC में स्थायी सदस्यता', संयुक्त राष्ट्र महासभा में बोले फ्रांस के राष्ट्रपति

भारत के UNSC में स्थायी सीट की मांग को फ्रांस का समर्थन (फोटो- X)

नई दिल्ली: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में भारत की स्थाई सदस्यता की मांग को बड़ा समर्थन फ्रांस की ओर से मिला है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने गुरुवार कहा है कि वे यूएनएससी के आकार को बढ़ाने और ज्यादा प्रतिनिधित्व देने के समर्थन में हैं। संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए मैंक्रों ने कहा, 'फ्रांस सुरक्षा परिषद के विस्तार के पक्ष में है।' उन्होंने कहा, 'जर्मनी, जापान, भारत और ब्राजील को स्थायी सदस्य बनाना चाहिए। साथ ही दो देश वो भी शामिल किए जाएं जिन्हें अफ्रीका अपना प्रतिनिधित्व करने के लिए नामित करेगा।'

फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने साथ ही कहा कि लेकिन केवल यह सुधार परिषद के प्रभाव को और बढ़ाने के लिए पर्याप्त नहीं होगा। उन्होंने परिषद के काम करने के तरीकों में बदलाव, सामूहिक अपराधों के मामलों में वीटो के अधिकार को सीमित करने और शांति बनाए रखने के लिए आवश्यक निर्णयों पर अधिक ध्यान देने का आह्वान किया।

फ्रांस के राष्ट्रपति ने कहा, 'जमीन पर बेहतर काम के लिए दक्षता हासिल करने का समय आ गया है।' वैसे भी हाल के वर्षों में कई वैश्विक संकटों से निपटने में संयुक्त राष्ट्र पूरी तरह सफल नहीं हुआ है। इसमें यूक्रेन और गाजा में युद्ध और मुद्दों को लेकर विभिन्न देशों में गतिरोध भी शामिल है। इन स्थितियों के कारण यूएनएससी की प्रभावशीलता और विश्वसनीयता बढ़ाने के लिए इसमें सुधार की मांग भी जोर-शोर से उठ रही है। भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी हाल में कहा था कि जैसे-जैसे संयुक्त राष्ट्र के कमजोर होने की धारणाएं बढ़ी हैं, वैसे-वैसे भारत की स्थायी सीट हासिल करने की संभावनाएं भी बढ़ रही हैं।

भारत को शामिल करने के लिए बढ़ रहा समर्थन

सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट के लिए भारत के प्रयास में हाल ही में काफी तेजी आई है। खासतौर पर क्वाड देशों, जिसमें भारत के साथ अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं, इन सभी ने समर्थन किया है।

हाल में हुए छठे समिट के बाद संयुक्त बयान में सभी देशों ने यूएनएससी में सुधार के लिए भारत के लिए समर्थन की बात कही। साथ ही इसे अधिक समावेशी और ज्यादा प्रतिनिधित्व ददेने की आवश्यकता पर जोर दिया गया। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने पीएम नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता के दौरान भी यूएनएससी के लिए भारत का समर्थन करने की बात कही।

इसके अलावा, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में हालिया शिखर सम्मेलन के दौरान भारत के लिए अमेरिका के समर्थन को दोहराया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यूएनएससी में सुधार में अफ्रीका और अन्य क्षेत्रों के प्रतिनिधित्व के साथ-साथ भारत, जापान और जर्मनी के लिए स्थायी सीटें शामिल होनी चाहिए।

अभी क्या है मौजूदा स्थिति?

वर्तमान में केवल पांच देश यूएनएससी के स्थायी सदस्य हैं और इनके पास वीटो शक्तियां हैं। ये देश हैं- अमेरिका, चीन, फ्रांस, रूस और ब्रिटेन। पांच स्थायी सदस्यों के अलावा यूएनएससी में दस गैर-स्थायी सदस्य भी होते हैं, जिन्हें संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा दो साल के लिए चुना जाता है।

चीन को छोड़कर सभी स्थायी सदस्यों ने किसी न किसी तरह से यूएनएससी के विस्तार का समर्थन किया है। मौजूदा संरचना के पुराने होने और वर्तमान भू-राजनीतिक वास्तविकताओं का प्रतिनिधित्व नहीं कर पाने के लिए अक्सर यूएनएससी आलोचनाओं के घेरे में रहता है। खासकर तब जब संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों की संख्या इसकी स्थापना के समय लगभग 50 से बढ़कर आज 193 हो गई है।

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