इस्लामाबाद: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) को बैन किया जाएगा। पाकिस्तान में कथित देश विरोधी गतिविधियों के आरोप बताते हुए मौजूदा पाक सरकार ने यह फैसला किया है। पाकिस्तान के सूचना मंत्री अता तरार ने सोमवार को इस संबंध में जानकारी दी। उन्होंने कहा, ‘सरकार इमरान खान की पीटीआई पार्टी पर प्रतिबंध लगाने के लिए केस आगे बढ़ाएगी।
तरार ने आगे कहा, ‘नौ मई के दंगे, साइफर मामला और विदेशी फंडिंग के आरोपों को ध्यान में रखते हुए हमारा मानना है कि ऐसे सबूत हैं जिनके दम पर पीटीआई को प्रतिबंधित किया जा सकता है। तरार ने ये भी कहा कि इमरान खान ने अपनी राजनीतिक इच्छाओं के लिए देश के दूसरे देशों के साथ राजनयिक संबंधों को भी खराब करने की कोशिश की।
The federal government of Pakistan has decided to ban the party of former Prime Minister Imran Khan , Pakistan Tehreek-e-Insaf (PTI). Federal Minister for Information Atta Tarar stated that they are going to impose a ban on PTI, saying that Pakistan and PTI cannot coexist. They… pic.twitter.com/YMpvrabtIX
— Ghulam Abbas Shah (@ghulamabbasshah) July 15, 2024
तरार ने कहा कि पाकिस्तान की सरकार पिछले सप्ताह के सुप्रीम कोर्ट उस फैसले के खिलाफ एक समीक्षा याचिका भी दायर करेगी जिसमें कहा गया था कि पीटीआई महिलाओं और अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित सीटों के लिए पात्र है।
पाकिस्तान के अखबार द डॉन की रिपोर्ट के अनुसार एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में तरार ने कहा कि अगर देश को आगे बढ़ना है तो ऐसा पीटीआई के अस्तित्व में रहते नहीं हो सकता है।
पिछले हफ्ते इमरान को सुप्रीम कोर्ट से मिली थी राहत
पाकिस्तानी सरकार का मौजूदा चौंकाने वाला फैसला तब आया है जब हाल में यहां की सुप्रीम कोर्ट ने पीटीआई को ‘आरक्षित सीट केस’ में बड़ी राहत दी थी। साथ ही इमरान खान को भी इद्दत केस (गैर इस्लामिक विवाह) में बरी कर दिया गया था।
आरक्षित सीट केस में फैसले के बाद पीटीआई का पाकिस्तान के नेशनल असेंबली में सबसे बड़ी पार्टी होना तय हो गया है। वहीं, फिलहाल सत्ता पर काबिज गठबंधन सरकार को अपना दो तिहाई बहुमत खोता हुआ नजर आ रहा है।
पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दिए फैसले में पीटीआई को महिलाओं और अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित सीटों के लिए पात्र घोषित कर दिया था। इसे प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के सत्तारूढ़ गठबंधन को बड़ा झटका माना जा रहा है। यह फैसला सुप्रीम कोर्ट 13 सदस्यीय पीठ ने सुनाया था।
दूसरी ओर गैर-इस्लामिक विवाह मामले में भी एक अदालत द्वारा जेल में बंद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी को बरी किया गया। हालांकि, इस फैसले के कुछ देर बाद पुलिस ने इमरान खान को पिछले साल नौ मई को हुई हिंसा में आतंकवाद से जुड़े मामले में फिर गिरफ्तार कर लिया था।
बता दें कि इस्लामाबाद की एक अदालत में 8 फरवरी को हुए आम चुनाव से कुछ दिन पहले बुशरा बीबी के पूर्व पति खावर फ़रीद मेनका ने शिकायत की थी। मेनका ने आरोप लगाया था कि इमरान खान ने बुशरा बीबी से उनकी ‘इद्दत’ की अवधि के दौरान शादी की थी। इस्लाम में, एक महिला तलाक या अपने पति की मृत्यु के चार महीने बाद तक पुनर्विवाह नहीं कर सकती है।
इस मामले में सुनाई गई सजा के खिलाफ इमरान ने राजधानी इस्लामाबाद में एक जिला और सत्र अदालत में अपील की थी। वहां अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश अफ़ज़ल मजोका ने मामले की सुनवाई की और इमरान व बुशरा को रिहा करने का आदेश दिया।
1996 में बनी थी तहरीक-ए-इंसाफ
दिग्गज क्रिकेटर रहे इमरान खान खान ने 1996 में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ या पीटीआई का गठन किया था। इस पार्टी ने कई सालों के संघर्ष के बाद 2018 में पहली बार पाकिस्तान में सरकार बनाई थी। हालांकि, कई विवाद और फिर अविश्वास प्रस्ताव हारने के बाद अप्रैल 2022 में इमरान की सरकार गिर गई थी।