IDF का दावा- ईरान में 35 से अधिक मिसाइल भंडारण और लॉन्च ठिकानों को इजराइली वायुसेना ने किया तबाह

इजराइली सेना ने बताया कि तेहरान और इस्फहान के कई इलाकों में स्थित ईरानी मिसाइल प्रणालियों और रडार ठिकानों को भी निशाना बनाया गया।

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तेल अवीव/तेहरानः इजराइल डिफेंस फोर्स (IDF) ने शुक्रवार सुबह दावा किया कि उसने ईरान के केर्मानशाह और टिबेरियास क्षेत्रों में मौजूद 35 से अधिक मिसाइल भंडारण और लॉन्च स्थलों को ध्वस्त कर दिया है। इस सैन्य कार्रवाई में 25 से अधिक इजराइली फाइटर जेट्स ने हिस्सा लिया। हमले बेहद सटीक खुफिया जानकारी के आधार पर किए गए।

आईडीएफ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर बताया कि आज सुबह एयर फोर्स ने ईरानी शासन के सैन्य ठिकानों पर एक और बड़ा हमला पूरा किया। इस चरण में 25 से अधिक लड़ाकू विमानों ने केर्मानशाह और टिबेरियास क्षेत्रों में 35 से ज्यादा मिसाइल भंडारण और लॉन्च स्थलों पर बमबारी की।”

इस्फहान और तेहरान में भी हमले

इजराइली सेना ने यह भी बताया कि तेहरान और इस्फहान के कई इलाकों में स्थित ईरानी मिसाइल प्रणालियों और रडार ठिकानों को भी निशाना बनाया गया। ये रडार सिस्टम इजराइली विमानों की गतिविधियों को बाधित करने के लिए तैयार किए गए थे। आईडीएफ ने कहा कि यह कार्रवाई ईरानी हवाई क्षेत्र में “हवाई वर्चस्व” स्थापित करने के उनके लक्ष्य का हिस्सा है।

बीती रात तेहरान में 50 से अधिक इजराइली फाइटर जेट्स ने ईरान के परमाणु हथियार कार्यक्रम और मिसाइल निर्माण से जुड़ी औद्योगिक इकाइयों को निशाना बनाया। इनमें ईरानी रक्षा नवाचार और अनुसंधान संगठन (SPND) का मुख्यालय भी शामिल था।

आईडीएफ के अनुसार, एसपीएनडी मुख्यालय उन तकनीकों और हथियारों के विकास में लगा था जो ईरानी सेना की शक्ति बढ़ाते हैं। इसकी स्थापना वर्ष 2011 में ईरानी परमाणु हथियार कार्यक्रम के जनक फखरी जादेह ने की थी।”

इजराइली सेना ने बताया कि हमले में जिन ठिकानों को निशाना बनाया गया, उनमें वे औद्योगिक केंद्र थे, जहां मिसाइलों के कंपोनेंट और रॉकेट इंजनों के लिए कच्चा माल तैयार किया जाता था। इजराइली सेना ने यह भी दावा किया कि उसने हाल ही में ईरानी सीमा से इजराइल पर दागे जाने वाले तीन मिसाइल लॉन्चरों और उन्हें संचालित कर रहे एक सैन्य कमांडर को हमले में निशाना बनाकर नष्ट किया।

इस पूरे अभियान की शुरुआत 14 जून को इजराइली प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू द्वारा ‘ऑपरेशन राइजिंग लायन’ की घोषणा से हुई थी। यह ऑपरेशन ईरान के बढ़ते परमाणु खतरे के खिलाफ एक पूर्व-नियोजित जवाबी कार्रवाई के रूप में शुरू किया गया। इसके बाद ईरान ने भी आक्रामक प्रतिक्रिया दी, जिससे दोनों देशों के बीच युद्ध की आशंका और गहरा गई है।

 

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