तेल अवीव: इजराइली डिफेंस फोर्स (आईडीएफ) ने गाजा जा रहे उस नौका को बीच में रोक दिया, जिसमें ग्रेटा थनबर्ग सहित कुछ और कार्यकर्ता सवार थे। यह नौका इजराइली नौसेना की घेराबंदी को नजरअंदाज करते हुए हुए गाजा पट्टी में प्रवेश करने की कोशिश कर रही थी। आईडीएफ ने नौका को इजराइल की ओर भेज दिया है। 

समाचार एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार मानवीय सहायता की भी कुछ चीजें अपने साथ लेकर जा रहे इस जहाज पर यूनाइटेड किंगडम का झंडा लगा हुआ था। इसका संचालन फिलिस्तीनी समर्थक फ्रीडम फ्लोटिला कोलिशन (एफएफसी) समूह कर रहा था। शिप का नाम मैडलीन है। इस समूह के टेलिग्राम अकाउंट पर बताया गया कि मैडलीन नौका 6 जून को सिसिली से रवाना हुई थी और दिन में गाजा पहुंचने की उम्मीद थी, हालांकि इजराइली सेना ने उसे रोक लिया।

'सेल्फी यॉट' पर सभी सुरक्षित: इजराइल

इस बीच इजराइल के विदेश मंत्रालय ने एक्स पर तंज भरे अंदाज में एक बयान में कहा, 'सेलिब्रिटीज' की 'सेल्फी यॉट' सुरक्षित रूप से इजराइल के तटों की ओर बढ़ रही है। यात्रियों के अपने देश वापस लौटने की उम्मीद है। 'सेल्फी यॉट' के सभी यात्री सुरक्षित हैं। उन्हें सैंडविच और पानी मुहैया कराया गया। शो खत्म हुआ।'

दूसरी ओर फ्रीडम फ्लोटिला कोलिशन ने इजराइल पर मैडलीन को 'जबरन रोकने' का आरोप लगाया। एफएफसी ने कहा कि उनके सहायता जहाज पर 'लगभग 3:02 बजे CET (सेंट्रल यूरोपियन टाइम) पर अवैध रूप से चढ़ाई की गई, इसके निहत्थे नागरिक चालक दल का अपहरण कर लिया गया। साथ ही इसमें रखे गए बेबी फॉर्मूला, भोजन और चिकित्सा आपूर्ति सहित जीवन रक्षक सामान को जब्त कर लिया गया।'

फ्रीडम फ्लोटिला गठबंधन के हुवैदा अराफ के अनुसार, 'इजरायल के पास मैडलीन पर सवार अंतरराष्ट्रीय स्वयंसेवकों को हिरासत में लेने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है।'

गाजा जा रहे शिप में कौन-कौन था सवार?

12 चालक दल के सदस्यों वाले इस याट में जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर काम करने वाली स्वीडेन की ग्रेटा थनबर्ग और यूरोपीय संसद की फ्रांसीसी सदस्य रीमा हसन जैसे लोग सवार थे। इस याट में कुछ मानवीय सहायता वाले सामान भी थे और इसे गाजा पट्टी के तट पर पहुंचना था। हालांकि, इजराइली सेना ने इसे रोकते हुए इजराइल की ओर मोड़ दिया।

इससे पहले इजराइली विदेश मंत्रालय ने कहा था कि उनकी नौसेना ने शिप को चेतावनी दी थी कि वह एक प्रतिबंधित इलाके की ओर जा रही है, इसलिए उसे रास्ता बदलना होगा। इजराइल का कहना है कि गाजा पर नाकाबंदी जरूरी है ताकि हमास तक किसी तरह के हथियार नहीं पहुंच सकें।