न्यूयॉर्क: व्हाइट हाउस के ओवल ऑफिस में यूक्रेनी के राष्ट्रपति वलोदिमीर जेलेंस्की के साथ बहस के हाल के वाकये के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूक्रेन को सभी सैन्य सहायता रोकने का आदेश दिया है। व्हाइट हाउस की ओर से इसकी पुष्टि कर दी गई है।

व्हाइट हाउस की ओर से एक बयान में कहा कहा, 'राष्ट्रपति ने स्पष्ट किया है कि उनका ध्यान शांति पर है। हमें अपने साझेदारों को भी उस लक्ष्य के प्रति प्रतिबद्ध होने की आवश्यकता है।' व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने कहा, 'हम यह सुनिश्चित करने के लिए अपनी सहायता रोक रहे हैं और उसकी समीक्षा कर रहे हैं कि यह रास्ता समाधान में योगदान दे रहा है।'

समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार अधिकारी ने कहा कि सभी अमेरिकी सैन्य उपकरण, जो यूक्रेन में नहीं हैं, या विमान और जहाजों पर या पोलैंड में रखे गए हैं, उन्हें रोका जा रहा है।

इससे पहले शुक्रवार को व्हाइट हाउस में जेलेंस्की के साथ बहस के दौरान ट्रंप ने रूस के साथ युद्ध में यूक्रेन का समर्थन करने के लिए अमेरिका के पर्याप्त आभारी नहीं होने के लिए उनकी आलोचना की थी।

अमेरिकी राष्ट्रपति ने सोमवार को एक बार फिर अपने यूक्रेनी समकक्ष पर हमला करते हुए कहा कि जेलेंस्की ने 'सबसे खराब बयान जो दिया जा सकता था।' ट्रंप का इशारा जेलेंस्की के उस बयान के संदर्भ में था जिसमें उन्होंने कहा था कि रूस के साथ युद्ध का अंत 'बहुत, बहुत दूर' है।

अमेरिकी ने अब तक कितनी मदद भेजी है?

रूस के 2022 में यूक्रेन पर हमले के बाद से तीन साल गुजर चुके और यह जंग जारी है। इन तीन साल के दौरान अमेरिका दरअसल यूक्रेन को हथियार मुहैया कराने वाला सबसे बड़ा देश रहा है।

बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार जर्मन थिंक टैंक 'द किएल इंस्टट्यूट' ने बताया है कि 2022 से 2024 के अंत के बीच अमेरिका ने यूक्रेन को 69 अरब डॉलर (60,200 करोड़ से ज्यादा) की सैन्य सहायता मुहैया कराई। 

यूरोपीय देशों की बात करें तो जर्मनी ने 13.6 अरब डॉलर, यूके ने 10.8 अरब डॉलर, डेनमार्क ने 8.1 अरब डॉलर, नीदरलैंड ने 6.3 अरब डॉलर की सहायता दी है। इसके अलावा स्वीडन ने 5 अरब डॉलर, पोलैंड ने 3.9 अरब डॉलर और फ्रांस ने 3.8 अरब डॉलर की मदद भेजी है। कनाडा ने 2.8 अरब और फिनलैंड ने 2.5 अरब डॉलर की मदद यूक्रेन को भेजी है। इन आंकड़ों में हथियार, उपकरण और सैन्य उद्देश्यों के लिए भेजी गई वित्तीय सहायता शामिल है।

यदि सभी प्रकार की सहायता जिसमें सैन्य, मानवीय और अन्य वित्तीय सहायता शामिल हैं, इन्हें जोड़ा जाए तो पता चलता है कि अमेरिका ने लगभग 120 अरब डॉलर खर्च किए हैं। यह 2022 की शुरुआत से यूक्रेन को कुल समर्थन का 43% है। यूरोपीय संघ (ईयू) देशों ने लगभग 18.3% सहायता भेजी।

अमेरिका ने कई बड़े हथियार यूक्रेन को भेजे

यूक्रेनी और रूसी दोनों सेनाओं ने बड़े पैमाने पर जंग में तोप और गाइडेड मिसाइलों का इस्तेमाल किया है। यूक्रेन अमेरिका निर्मित एटीएसीएमएस (ATACMS) मिसाइलों का उपयोग कर रहा है जिनकी मारक क्षमता लगभग 190 मील (300 किमी) है।

इसके अलावा अमेरिका ने यूक्रेन को अब तक जो हथियार दिए हैं उनमें हॉक एयर डिफेस सर्विसेज, 31 अरबाम टैंक, 40 हाई मोबिलिटी रॉकेट सिस्टम्स (हिमार्स),  155एमएम होवित्जर तोप, सत्तर 105एमएम होवित्जर, 20 एमआई हेलीकॉप्टर, एंटी शिप मिसाइलें, 45 टी-72बी टैंक आदि अहम हैं।

अमेरिका ने इन हथियारों के अलावा मेडिकल उपकरण, केमिकल, बायोलॉजिकल, रेडियोलॉजिकल, न्यूक्लियर प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट, ठंड से बचने के कई अन्य साजोसामान सहित कई कलपुर्जे और दूसरी मदद पहुंचाई है।

इसके अलावा अगस्त 2023 में अमेरिका ने F-16 लड़ाकू विमानों को यूक्रेन भेजने की अनुमति दे दी। इसके बाद से पश्चिमी देश यूक्रेनी पायलटों को इन्हें उड़ाने का प्रशिक्षण दे रहे हैं। पिछले साल जुलाई के अंत में, यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा था कि उनकी वायु सेना ने पश्चिमी देशों से F-16 लड़ाकू जेट के एक बैच की डिलीवरी हासिल की है। उन्होंने कहा था कि अभी और भी बहुत कुछ की जरूरत है।

जुलाई 2023 में अमेरिका ने कहा था कि उसने यूक्रेन को क्लस्टर बमों की आपूर्ति की थी। ये हथियार एक साथ कई बम गिराते हैं, और नागरिकों के लिए जोखिम के कारण 100 से अधिक देशों द्वारा प्रतिबंधित हैं।