नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ वाली धमकियां जारी हैं। ट्रंप ने अब कहा है कि वे उन देशों से सभी आयातों पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाएंगे जो वेनेजुएला से तेल या गैस खरीदते हैं। ट्रंप द्वारा सोमवार को जारी किए गए आदेश के अनुसार वेनेजुएला के तेल के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष खरीदारों पर 25 प्रतिशत शुल्क 2 अप्रैल से प्रभावी होगा।
इससे पहले ट्रंप हाल ही में 2 अप्रैल को अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए 'मुक्ति दिवस' (Liberation Day) करार दे चुके हैं। इसी तारीख से वे हर व्यापारिक साझीदार देश के लिए पारस्परिक टैरिफ लगाने की बात कर चुके हैं। बहरहाल, विशेषज्ञों के अनुसार वेनेजुएला को लेकर ट्रंप के नए ऐलान का असर भारत पर भी नजर आएगा। भारत भी वेनेजुएला से बड़ी मात्रा में तेल खरीदता है। जाहिए इससे न केवल देश के ऊर्जा क्षेत्र को नुकसान होगा, बल्कि इसकी तेल आयात रणनीति भी प्रभावित होगी।
वेनेजुएला क्यों आया है ट्रंप के निशाने पर?
ट्रंप ने सोमवार कहा कि अमेरिका वेनेजुएला से तेल खरीदने वाले किसी भी देश से सभी आयातों पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाएगा। अपने सोशल मीडिया अकाउंट ट्रुथ सोशल पर ट्रंप ने लिखा कि टैरिफ लगाने के 'कई कारण' हैं।
ट्रंप ने लिखा, 'वेनेजुएला ने जानबूझकर और धोखे से अमेरिका में हजारों अंडरकवर और अन्य अपराधियों को भेजा है, जिनमें से कई हत्यारे और बहुत हिंसक स्वभाव के लोग हैं।' ट्रंप ने लिखा कि अमेरिका में भेजे गए गिरोहों में ट्रेन डे अरागुआ (Tren de Aragua) भी शामिल है, जिसे 'विदेशी आतंकवादी संगठन' करार दिया गया है।
ट्रंप ने आगे लिखा, 'इसके अलावा वेनेजुएला संयुक्त राज्य अमेरिका और हमारे द्वारा समर्थित स्वतंत्रता के प्रति बहुत शत्रुतापूर्ण रहा है। इसलिए, कोई भी देश जो वेनेजुएला से तेल और/या गैस खरीदता है, उसे हमारे देश के साथ किए जाने वाले किसी भी व्यापार पर संयुक्त राज्य अमेरिका को 25 प्रतिशत का टैरिफ देना होगा। सभी दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए जाएंगे और उन्हें पंजीकृत किया जाएगा, और टैरिफ 2 अप्रैल को अमेरिका में 'मुक्ति दिवस' पर लागू होगा। इस अधिसूचना को यह दर्शाने के लिए उपयोग करें कि हमारे देश के भीतर होमलैंड सुरक्षा विभाग, सीमा गश्ती और अन्य सभी कानून प्रवर्तन एजेंसियों को इस बारे में सूचित कर दिया गया है। इस मामले पर आपका ध्यान देने के लिए धन्यवाद!'
बाद में पत्रकारों से बात करते हुए ट्रंप ने साफ तौर पर कहा कि वेनेजुएला के कच्चे तेल के खरीदारों पर 25 प्रतिशत टैरिफ मौजूदा शुल्कों के अतिरिक्त होगा।
अमेरिका खुद है वेनेजुएला की तेल का बड़ा खरीदार
दिलचस्प ये भी है कि अमेरिका खुद वर्तमान में वेनेजुएला के तेल का बड़ा खरीदार बना हुआ है। आंकड़ों के अनुसार यह देश अमेरिका के शीर्ष विदेशी आपूर्तिकर्ताओं में से एक है। साल 2024 में, अमेरिका ने इस लैटिन अमेरिकी देश से 5.6 बिलियन डॉलर का तेल और गैस खरीदा।
यह जो बाइडन प्रशासन द्वारा 2023 में वेनेजुएला के तेल पर कुछ प्रतिबंध हटा दिए जाने के बाद शुरू हुआ। हालांकि, अप्रैल 2024 में प्रतिबंधों को फिर से लागू किया गया जब अमेरिका ने देश के नेता निकोलस मादुरो (Nicolás Maduro) पर स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने में विफल रहने का आरोप लगाया।
हालांकि, वेनेजुएला का तेल अमेरिका पहुंचना जारी रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि अमेरिका स्थित शेवरॉन को वेनेजुएला में तेल पंप करने के लिए संयुक्त उद्यम के तहत लाइसेंस दिया गया था, जिसे 27 मई तक बढ़ा दिया गया है।
बहरहाल, ट्रंप के ताजा कदम पर वेनेजुएला से भी प्रतिक्रिया सामने आई है। वेनेजुएला ने इसे वाशिंगटन द्वारा 'नया आक्रमण' कहा है। राष्ट्रपति निकोलस मादुरो ने रेडियो और टेलीविजन पर प्रसारित एक कार्यक्रम के दौरान कहा, 'वे जो चाहें उस पर प्रतिबंध लगा सकते हैं और टैरिफ लगा सकते हैं, लेकिन वे वेनेजुएला के लोगों के प्यार और देशभक्ति को प्रतिबंधित नहीं कर सकते।'
वेनेजुएला पर एक्शन...भारत पर क्या असर होगा?
भारत ने तीन साल से ज्यादा समय के अंतराल के बाद दिसंबर 2023 में वेनेजुएला से कच्चे तेल का आयात फिर से शुरू किया था। ऐसा इसलिए क्योंकि अमेरिका ने वेनेजुएला के तेल क्षेत्र पर प्रतिबंधों में अस्थायी रूप से ढील दी थी। 2024 में भारत ने लैटिन अमेरिकी राष्ट्र से 22 मिलियन बैरल आयात किया, जो देश की कुल कच्चे तेल की खरीद का 1.5 प्रतिशत है।
आंकड़ों से पता चलता है कि दिसंबर 2023 में भारत ने वेनेजुएला से लगभग 191,600 बैरल प्रति दिन (बीपीडी) आयात किया। अगले महीने वेनेजुएला का तेल आयात बढ़कर 254,000 बीपीडी से अधिक हो गया। वास्तव में इन दो महीनों (दिसंबर-2023 और जनवरी-2024) के लिए भारत दरअसल वेनेजुएला के कच्चे तेल का शीर्ष खरीदार बन गया था।
हालांकि, अब आयात उतना महत्वपूर्ण नहीं है जितना पहले हुआ करता था। इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत ने जनवरी में लगभग 65,000 बैरल प्रति दिन (बीपीडी) वेनेजुएला के कच्चे तेल का आयात किया और फरवरी में यह 93,000 बीपीडी था।
अगर वेनेजुएला से तेल पर खरीद से अतिरिक्त टैरिफ की ट्रंप की योजनाएँ लागू होती हैं, तो इससे खरीद लागत बढ़ जाएगी और आपूर्ति श्रृंखलाएँ बाधित होंगी। ऐसे में भारत को अपनी तेल आयात रणनीति फिर से विचार करने पर मजबूर होना होगा।
कई जानकार ये भी मानते हैं कि टैरिफ भारत के लिए महत्वपूर्ण होगा क्योंकि इसकी तेल पर निर्भरता बढ़ रही है। भारत के पेट्रोलियम नियोजन और विश्लेषण सेल के अनुसार अप्रैल-फरवरी में भारत की तेल आयात निर्भरता 88.2 प्रतिशत थी, जो 2024 की इसी अवधि में 87.7 प्रतिशत से ज्यादा थी। ऐसे में इस बात की बहुत अधिक संभावना है कि भारत को तेल के अहम स्रोत के रूप में रूस पर फिर से विचार करना होगा। इसके अलावा, टैरिफ से तेल की कीमतों में वृद्धि हो सकती है। ऐसे में भारत में मुद्रास्फीति पर इसका ज्यादा दबाव दिख सकता है।
चीन पर होगा सबसे ज्यादा असर!
वेनेजुएला से तेल खरीद पर ट्रंप के 25 प्रतिशत टैरिफ का असर सिर्फ भारत पर ही नहीं पड़ेगा। चीन को सबसे ज़्यादा नुकसान होने की आशंता। ऐसा इसलिए है क्योंकि वेनेजुएला का तेल चीन के लिए किसी भी दूसरे देश से ज्यादा अहम हो जाता है। लिपो ऑयल एसोसिएट्स द्वारा उपलब्ध कराए गए डेटा के अनुसार 2024 में वेनेजुएला द्वारा उत्पादित 921,000 बैरल कच्चे तेल (प्रतिदिन) में से पिछले साल 351,000 बैरल प्रतिदिन केवल चीन को भेजे गए।
ट्रंप ने पहले ही अमेरिका में प्रवेश करने वाले सभी चीनी सामानों पर 20 प्रतिशत टैरिफ लागू कर दिया है। साथ ही स्टील और एल्युमीनियम आयात पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाया जा रहा है। ताजा टैरिफ को देखते हुए, अगर चीन वेनेजुएला से तेल खरीदना जारी रखता है, तो 25 प्रतिशत टैरिफ का मतलब होगा कि अमेरिका में आयातित चीनी सामानों पर करीब 45 प्रतिशत टैरिफ लगेगा।