वाशिंगटनः अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आदेश के बाद दो अप्रैल से पूरी दुनिया पर पारस्परिक टैरिफ (रेसिप्रोकल टैरिफ) लागू हो जाएंगे। अब चीन, जापान और कोरिया ने इस पर प्रतिक्रिया को समन्वित करने पर सहमति दी है। चीन के सरकारी प्रसारक सीसीटीवी से जुड़े सोशल मीडिया के एक अकाउंट के जरिए यह जानकारी मिली है। 

बीते पांच सालों में तीनों देशों का यह पहली आर्थिक वार्ता है। रविवार को हुई इस बैठक में इन देशों ने ट्रंप की टैरिफ नीतियों पर चिंता के बीच क्षेत्रीय व्यापार को बढ़ावा देने की बात की है। 

तीनों देश व्यापारिक समझौते को बढ़ा रहे हैं

फर्स्टपोस्ट ने चीन के माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म वेइबो अकाउंट युयुआन के हवाले से लिखा है कि जापान और दक्षिणी कोरिया चीन से सेमीकंडक्टर का कच्चा माल आयात करने के बारे में विचार कर रहे हैं। वहीं, चीन इन देशों से चिप उत्पादों की खरीदारी में रुचि दिखा रहा है।

युयुआन द्वारा की गई पोस्ट के मुताबिक, तीनों ही देशों ने आपूर्ति श्रृंखला सहयोग बढ़ाने तथा निर्यात नियंत्रण पर आगे चर्चा करने पर भी सहमति जताई है। 

रविवार को हुई इस बैठक के बाद एक संयुक्त बयान जारी किया गया जिसका लब्बोलुआब है देशों के व्यापार मंत्रियों ने क्षेत्रीय और वैश्विक व्यापार को समर्थन देने के लिए दक्षिण कोरिया, जापान और चीन मुक्त व्यापार समझौते पर भी विचार व्यक्त किए हैं। इसको लेकर व्यापक और उच्च स्तरीय वार्ता के लिए निकट सहयोग करने की प्रतिबद्धता दर्शाई।

मंत्रियों की यह बैठक दो अप्रैल को ट्रंप की घोषणा से पहले हुई। गौरतलब है ट्रंप इस दिन को "मुक्ति दिवस" कह रहे हैं। डोनाल्ड ट्रंप वाशिंगटन की व्यापारिक साझेदारियों को खत्म कर रहे हैं। 

अमेरिका के बड़े साझेदार हैं ये देश

बीजिंग, सियोल और टोक्यो अमेरिका के सबसे बड़े साझेदार हैं। हालांकि वे क्षेत्रीय विवादों और जापान द्वारा बर्बाद हो चुके फुकुशिमा परमाणु ऊर्जा संयंत्र से अपशिष्ट जल छोड़े जाने जैसे मुद्दों पर आपस में झगड़ते रहे हैं। हालांकि अब अमेरिका द्वारा टैरिफ की बढ़ोतरी के ऐलान और रेसिप्रोकल टैरिफ के ऐलान के बाद ये देश एक साथ आ रहे हैं। 

दरअसल, ट्रंप ने सत्ता में वापसी के बाद कई देशों पर टैरिफ का ऐलान किया था। इसमें कनाडा, मैक्सिको 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ का ऐलान किया था तो वहीं चीन पर 10 प्रतिशत का ऐलान किया था। ट्रंप के टैरिफ वार के जवाब में चीन ने भी कुछ अमेरिकी उत्पादों पर टैरिफ बढ़ाने का ऐलान किया था और विश्व व्यापार संगठन डब्ल्यूटीओ में मुकदमा भी दायर किया है। 

वहीं, ट्रंप अन्य देशों जैसे भारत पर टैरिफ को लेकर हमलावर रहे हैं। हाल ही में व्हाइट हाउस में पीएम मोदी के साथ हुई बैठक में भी ट्रंप ने कहा था कि भारत सबसे ज्यादा टैरिफ लगाने वाले देशों में है।