हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में विदेशी छात्रों के दाखिले पर ट्रंप प्रशासन ने लगाई रोक...भारत के कितने छात्र होंगे प्रभावित?

ट्रंप प्रशासन के फैसले का असर हार्वर्ड में मौजूदा विदेशी छात्रों पर भी पड़ेगा। मौजूदा छात्र-छात्राओं को या तो किसी और संस्थान में ट्रांसफर होना पड़ेगा या फिर वे अमेरिका में अपना लीगल स्टेटस गंवा सकते हैं।

harvard university files a lawsuit against trump administration

Photograph: (आईएएनएस)

वाशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने असाधारण कदम उठाते हुए हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में विदेशी छात्रों के दाखिले पर रोक लगा दी है। अमेरिका के होमलैंड सुरक्षा विभाग की ओर से हार्वर्ड विश्वविद्यालय में विदेशी छात्रों को प्रवेश देने के लिए जरूरी सर्टिफिकेशन को रद्द किया गया है। इस कदम से ट्रंप प्रशासन और अमेरिका के सबसे प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों में से एक हार्वर्ड के बीच कड़वाहट और बढ़ गई है। साथ ही इसका असर हजारों विदेशी छात्रों पर पड़ेगा।

सामने आई जानकारी के अनुसार होमलैंड सुरक्षा सचिव क्रिस्टी एल नोएम द्वारा जारी आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगी। यही नहीं, इसका असर मौजूदा विदेशी छात्रों पर भी पड़ेगा। मौजूदा छात्र-छात्राओं को या तो किसी और संस्थान में ट्रांसफर होना पड़ेगा या फिर वे अमेरिका में अपना लीगल स्टेटस गंवा सकते हैं।    

ताजा कदम ट्रंप प्रशासन और हार्वर्ड विश्वविद्यालय के बीच कई हफ्तों से जारी तनाव की एक और कड़ी है। नोएम की ओर से कहा गया है कि हार्वर्ड ने विदेशी छात्रों को कैंपस में 'अमेरिका विरोधी, आतंकवाद समर्थक' व्यवहार करने की अनुमति दे रखी है। ट्रंप प्रशासन के फैसले से हार्वर्ड पर व्यापक असर पड़ सकता है, जहां लगभग 27 प्रतिशत छात्र-छात्राएं अमेरिका के बाहर से आते हैं।

हार्वर्ड पर राष्ट्रीय सुरक्षा में बाधा डालने का आरोप

एक बयान में सचिव नोएम ने हार्वर्ड पर पिछले पांच वर्षों में हिंसक विरोध प्रदर्शनों या अवैध गतिविधियों में भाग लेने वाले विदेशी छात्रों के रिकॉर्ड देने के लिए संघीय अनुरोध का पालन करने में विफल रहने का आरोप लगाया।

उन्होंने कहा, 'विश्वविद्यालय ने जानबूझकर अमेरिका विरोधी, आतंकवाद समर्थक आंदोलनकारियों को लोगों को मानसिक और शारीरिक तौर पर परेशान करने की अनुमति दी, और इसके सम्मानित शिक्षण वातावरण को बाधित किया।' नोएम ने आगे आरोप लगाया कि हार्वर्ड ने चीन के अर्धसैनिक बलों के सदस्यों की मेजबानी की और उन्हें प्रशिक्षित किया, हालांकि इस दावे का समर्थन करने के लिए कोई सार्वजनिक सबूत जारी नहीं किया गया है।

हार्वर्ड ने फैसले को बताया गैरकानूनी

इस बीच गुरुवार को प्रकाशित एक बयान में हार्वर्ड के प्रवक्ता जेसन न्यूटन ने कहा कि ट्रंप प्रशासन का कदम "अवैध" है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय अपने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की रक्षा के लिए सभी रास्ते अपनाएगा।

साल 2024-25 शैक्षणिक वर्ष के दौरान हार्वर्ड में अंतर्राष्ट्रीय छात्रों की संख्या 6,793 थी, जो पिछले दो दशकों में लगातार वृद्धि को दर्शाती है। इससे पहले  ट्रंप के इसी कार्यकाल में हार्वर्ड के लिए 2.7 बिलियन डॉलर से अधिक की फेडरल फंडिंग पर रोक का सामना करना पड़ा है और विश्वविद्यालय वर्तमान में व्हाइट हाउस के साथ कानूनी लड़ाई में उलझा हुआ है। 

हार्वर्ड में भारत के कितने छात्र?

हार्वर्ड की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार हर साल 500 से 800 भारतीय छात्र और स्कॉलर विश्वविद्यालय का हिस्सा बनते हैं। अभी, भारत से 788 छात्र विश्वविद्यालय में नामांकित हैं। जाहिर है इस कदम से हार्वर्ड विश्वविद्यालय पर काफी असर पड़ सकता है। कुल मिलाकर लगभग 6,800 अंतरराष्ट्रीय छात्र अभी नामांकित हैं, जिनमें से अधिकांश स्नातक कार्यक्रमों में हैं। अब उन छात्रों को अपने अगले कदम के बारे में सोचने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है।

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