हार्वर्ड ने ट्रंप प्रशासन के खिलाफ दायर किया मुकदमा Photograph: (आईएएनएस)
वाशिंगटनः हार्वर्ड विश्वविद्यालय और ट्रंप प्रशासन के बीच खींचतान जारी है। बीते दिनों ट्रंप प्रशासन ने कुछ मांगों को न मानने के चलते हार्वर्ड विश्वविद्यालय को दी जाने वाली 2.2 अरब डॉलर की फंडिग पर रोक लगा दी थी। अब विश्वविद्यालय ने ट्रंप प्रशासन के खिलाफ मुकदमा दायर किया है। विश्वविद्यालय ने ट्रंप प्रशासन द्वारा लगाई गई रोक पर तत्काल प्रभाव से रोकने की मांग की।
विश्वविद्यालय द्वारा उठाया गया यह कानूनी कदम देश के सबसे प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय और व्हाइट हाउस के बीच गतिरोध को दर्शाता है।
विश्वविद्यालय ने क्या कहा?
इस बाबत हार्वर्ड के अध्यक्ष एलन गार्बर ने एक बयान जारी कर कहा "पिछले सप्ताह के दौरान संघीय सरकार ने हार्वर्ड द्वारा अपनी अवैध मांगों को मानने के बाद कई कार्रवाई की गई है।"
गार्बर ने आगे कहा "कुछ समय पहले हमने फंडिंग पर रोक को रोकने के लिए मुकदमा दायर किया था क्योंकि यह गैरकानूनी है और सरकार के अधिकार क्षेत्र से बाहर है। "
हार्वर्ड ने जो मुकदमा दायर किया है उसमें कई अमेरिकी एजेंसियों को शामिल किया है जिसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, ऊर्जा, न्याय और सामान्य सेवा प्रशासन विभाग शामिल हैं।
विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा यह मुकदमा बोस्टन की संघीय अदालत में दायर किया गया है। इसमें लिखा है "सरकार ने यहूदी विरोधी चिंताओं और चिकित्सा, वैज्ञानिक, तकनीकी और अन्य शोध के बीच किसी भी तर्कसंगत संबंध की पहचान नहीं की है और न ही कर सकती है जिसका उद्देश्य अमेरिकी जीवन को बचाना, अमेरिकी सफलता को बढ़ावा देना, अमेरिकी सुरक्षा को बनाए रखना और नवाचार में वैश्विक नेता के रूप में अमेरिका की स्थिति में बनाए रखना है।"
इसमें आगे कहा गया है "न ही सरकार ने इस बात को स्वीकार किया है कि संघीय अनुसंधान निधि में अरबों डॉलर की अनिश्चितकालीन रोक से हार्वर्ड के अनुसंधान कार्यक्रमों, उस अनुसंधान के लाभार्थियों और अमेरिकी नवाचार और प्रगति को आगे बढ़ाने में राष्ट्रीय हित पर महत्वपूर्ण परिणाम होंगे।"
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, इस महीने की शुरुआत में अमेरिकी प्रशासन द्वारा हार्वर्ड को एक पत्र लिखा गया था विश्वविद्यालय की नीतियों में कुछ सुधार की मांगे की गईं थीं। इसमें एडमिशन की नीतियों में बदलाव भी शामिल थे। इसने विश्वविद्यालय से परिसर में विविधता के बारे में विचारों को ऑडिट करने तथा कुछ छात्र क्लबों को मान्यता देना बंद करने की भी मांग की।
हालांकि, प्रशासन ने इन मांगों को मानने से इंकार किया था। जिसके बाद ट्रंप प्रशासन ने विश्वविद्यालय की फंडिंग पर रोक का ऐलान किया था।