गाजा/तेल अवीवः गाजा पट्टी के दक्षिणी शहर रफाह में विस्थापित फिलिस्तीनियों के एक शिविर पर इजराइल ने रविवार जबरदस्त बमबारी की, जिसमें महिलाओं और बच्चों सहित कम से कम 45 लोग मारे गए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, रफाह में हजारों फिलिस्तीनी शरणार्थी टेंट में संयुक्त राष्ट्र राहत और कार्य एजेंसी के गोदामों के पास रह रहे हैं, जहां इजराइली सेना ने रविवार करीब आठ रॉकेट दागे।
इजराइल रक्षा बल (आईडीएफ) ने कहा कि उसने दो वरिष्ठ हमास आतंकवादियों को मार गिराया है और वह क्षेत्र में नागरिकों की मौत की परिस्थितियों की जांच कर रहा है। वहीं इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने घटना पर दुख जताते हुए इसे इसे “त्रासदी” कहा। हालांकि नेतन्याहू ने हमास के खिलाफ लड़ाई जारी रखने की कसम भी खाई।
इजराइली प्रधानमंत्री ने फिलिस्तीनी नागरिकों की मौत पर दुख जताया
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, सोमवार को इजराइली संसद में नेतन्याहू ने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि इजराइल गाजा में लड़ाई में फंसे नागरिकों की सुरक्षा के लिए हर संभव सावधानी बरते। लेकिन उन्होंने जोर देकर कहा कि आईडीएफ ने काफी कोशिश की कि जो लोग संघर्ष में शामिल नहीं हैं, उनको निशाना न बनाया जाए। नेतन्याहू ने अपने संबोधन में कहा कि लक्ष्य हासिल होने से पहले हमारा युद्ध खत्म करने का कोई इरादा नहीं है।
नेतन्याहू ने कहा कि हमले पहले करीब लगभग दस लाख नागरिकों को निकाल लिया गया था। नागरिकों को नुकसान न पहुंचाने के हमारे भरसक प्रयास के बावजूद, दुर्भाग्य से गलती हो गई। हम घटना की जांच कर रहे हैं।
हमास कैदी विनिमय समझौते पर कोई बातचीत नहीं करेगा
इस घटना के बाद हमास ने मध्यस्थों से कहा है कि वह अब इजराइल से युद्ध विराम या कैदी विनिमय समझौते पर कोई बातचीत नहीं करेगा। हमास के एक वरिष्ठ अधिकारी ओसामा हमदान ने सोमवार को बेरूत में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हम इजराइली बंधकों को नहीं छोड़ेंगे और अगर छोड़ेंगे तो अपनी शर्त पर। हमदान ने कहा कि स्थायी युद्ध विराम सहित किसी समझौते पर पहुंचने के लिए हमास की शर्तों में कोई बदलाव नहीं होगा। वहीं कतर ने भी चेतावनी दी कि यह हमला युद्धविराम और बंधकों की रिहाई के समझौते पर पहुंचने के लिए उसके मध्यस्थता प्रयासों को जटिल बना सकता है।
अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के आदेश के बावजूद इजराइल ने की बमबारी
हमास ने बमबारी की निंदा करते हुए इसे अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) के फैसले की पूर्ण अवज्ञा और अवहेलना बताया है। आईसीजे ने दक्षिण अफ्रिका के आवेदन पर सुनावई करते हुए इजराइल से रफाह में तत्काल युद्ध रोकने को कहा था। हालांकि इजराइल ने कहा था कि वह आईसीजे के फैसले नहीं मानेंगा और रफाह में जंग जारी रखेगा।
इजराइली सेना ने क्या कहा?
इजराइल रक्षा बल ने एक बयान में कहा कि उसके विमान ने रफाह में हमास परिसर पर हमला किया, जहां हमास आतंकवादी थे। अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत सटीक खुफिया जानकारी के आधार पर हमला किया गया। इससे पहले 7 मई को, इजराFली सेना ने घोषणा की थी कि उसने मिस्र की सीमा पर गाजा पट्टी के दक्षिण में रफा के पूर्वी क्षेत्र में स्थित क्रॉसिंग के फिलिस्तीनी हिस्से पर नियंत्रण कर लिया है, जिसके चलते गाजा में प्रवेश करने वाली सहायता रोक दी गई है। इजराइल रफाह को हमास का आखिरी गढ़ मानता है, जिसने 2007 से गाजा पट्टी को नियंत्रित किया हुआ है।
इजराइली हमले के बाद हमास ने रफाह से तेल अवीव की ओर आठ रॉकेट दागे जो जनवरी के बाद से मध्य इजराइली शहर पर पहली लंबी दूरी का हमला था। तीन हफ्ते पहले रफाह इजराइली जमीनी अभियान शुरू होने के बाद से लगभग 800,000 लोग ऱफाह छोड़कर जा चुके हैं। लेकिन माना जाता है कि हजारों लोग अभी भी वहाँ शरण लिए हुए हैं।
स्थानीय सूत्रों ने सिन्हुआ समाचार एजेंसी को बताया कि इजराइल ने जिस शिविर पर हमला किया वह विस्थापित परिवारों की घनी आबादी वाले इलाका है। हमले में प्लास्टिक और टिन से बने तंबू और साथ ही नागरिक वाहन भी नष्ट हो गए। फेसबुक पर प्रसारित वीडियो क्लिप में दिखाया गया है कि क्षेत्र में आग की लपटें तेजी से उठ रही हैं और आग ने तंबुओं को अपनी चपेट में ले लिया। इस हवाई हमले में फिलिस्तीनी नागरिकों की मौत को लेकर अंतरराष्ट्रीय जगत में उसकी खूब आलोचनाएं हो रही हैं।
आईएएनएस इनपुट के साथ