यरुसलम: फिलिस्तिनी आंतकी संगठन हमास ने मंगलवार को इजराइल पर दो रॉकेट दागे हैं। ये रॉकेट इजराइल के शहर तेल अवीव में गिरे हैं। हालांकि इस हमले में अभी तक किसी के हताहत होने की खबर सामने नहीं आई है।

इस हमले की जिम्मेदारी हमास ने ली है। हमले पर बोलते हुए हमास ने कहा है कि जिस तरीके से इजराइल द्वारा नरसंहार और हमारे लोगों को अपने घरों से बेघर किया जा रहा है, यह उसके जवाब में किया गया है।

बता दें कि हमास ने आखिरी बार तेल अवीव पर इसी साल मई में रॉकेट दागे थे। इसके बाद अब फिर रॉकेट दागे गए हैं। एक और रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि ईरान सैन्य अभ्यास कर रहा है। हाल में वरिष्ठ हिज़्बुल्लाह और हमास के नेताओं की हत्याओं के बाद पूरे मध्य पूर्व में तनाव बढ़ा हुआ है।

यहां गिरे हैं हमास के दो रॉकेट

स्थानियों ने "एम90" रॉकेट के दागे जाने की आवाज सुनी है लेकिन कोई साइरन नहीं बजा है क्योंकि यह रॉकेट वहां पर गिरा है जहां पर आबादी नहीं थी। इजराइली रक्षा बलों ने हमले की पुष्टि की है और कहा है कि हमास द्वारा दो रॉकेट दागे गए हैं।

इजराइल के रक्षा बलों के अनुसार, पहला रॉकेट समुद्र में गिरा है जबकि दूसरा रॉकेट इजराइल के सीमा को पार नहीं कर सका है। इजराइल पर हमले की आंशका को देखते हुए इजराइली रक्षा बल अलर्ट मोड पर है।

ईरान कर रहा है सैन्य अभ्यास-रिपोर्ट

एक रिपोर्ट के अनुसार, ईरान देश के उत्तर में एक सैन्य अभ्यास कर रहा है। हालांकि इस सैन्य अभ्यास को लेकर ज्यादा जानकारी अभी सामने नहीं आई है। गंभीर पश्चिमी दबाव और कई दौर की वार्ता के बावजूद भी ईरान इजराइल पर हमला करने के अपने वादे से पीछे नहीं हट रहा है।

किसी का नहीं सुन रहा है ईरान

सोमवार को जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज और ब्रिटिश प्रधानमंत्री सर कीर स्टार्मर ने ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियान के साथ इस मुद्दे पर बातचीत की थी। बातचीत में इस बात पर जोर दिया गया कि था ईरान इजराइल पर हमला न करें। लेकिन ईरान किसी का सुनने को तैयार नहीं है।

इस पर ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियान ने जवाब देते हुए कहा था कि ईरान को इजराइल पर हमला करने का हक है।

क्यों ईरान करना चाहता है इजराइल पर हमला

दरअसल, इससे पहले 31 जुलाई को तेहरान में हमास नेता इस्माइल हनिया की हत्या कर दी गई थी। इसके बाद बेरूत में हिजबुल्ला के प्रमुख कमांडर फौद शुकर की भी हत्या कर दी गई थी।

इन हत्याओं से पूरे मध्य पूर्व में तनाव बढ़ा हुआ है। इन हत्याओं के लिए ईरान अमेरिका और इजराइल को जिम्मेदार ठहरा रहा है और उसने इजराइल को सबक सिखाने की बात कही है। दावा है कि हिजबुल्ला भी इजराइल से बदला लेने की तैयारी कर रहा है।