बर्लिन: जर्मनी के कोलोन हवाई अड्डे के पास एक जर्मन सैन्य अड्डे को सील कर देने की खबर सामने आई है। इसी के साथ बेस पर काम करने वाले हजारों सैनिकों को नल से आने वाले पानी पीने से मना किया गया है। बेस में जल की आपूर्ति के दूषित होने की आशंका पर यह कदम उठाया गया है।
बता दें कि बेस में तोड़फोड़ की घटना सामने आई है जिसके बाद इस तरह की आशंका जताई जा रही है कि इस हमले में बेस की जल आपूर्ति को दूषित किया गया है। घटना को लेकर पुलिस, सैन्य पुलिस और सैन्य खुफिया एजेंसी जांच कर रही है।
क्या है पूरा मामला
एक रिपोर्ट के अनुसार, बेस पर 4300 सैनिक और 1200 कर्मचारी रहते हैं। दावा है कि तोड़फोड़ कर परिसर में घूसने और संभावित पानी सप्लाई को प्रभावित करने की कोशिश की गई है।
रिपोर्ट के मुताबिक, अधिकारियों ने बेस पर मैजूद सैनिक और कर्मचारियों को नल का पानी नहीं पीने को कहा है। उनका मानना है कि नल का पानी दूषित हो गया है। उनका यह भी दावा है कि अंजान लोगों द्वारा परिसर के बाड़ को नुकसान पहुंचाया गया है।
प्रादेशिक कमान के प्रवक्ता ने क्या कहा है
पुलिस ने प्रभावित क्षेत्र एक बडे़ हिस्से को घेर लिया है और बेस में किसी के प्रवेश और बाहर निकलने को प्रतिबंधित कर दिया गया है। बर्लिन में प्रादेशिक कमान के एक प्रवक्ता ने बेस को सील करने की पुष्टि की है लेकिन इस बारे में और ज्यादा जानकारी देने से इनकार किया है।
कोलोन-वाहन बेस कई मायनों में बहुत की खास है। बता दें कि जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज और उनके मंत्रियों द्वारा इस बेस को इस्तेमाल किया जाता है। उनके सैन्य विमानों का बेड़ा यहीं पर ठहरता है। सैन्य खुफिया एजेंसी और स्थानीय पुलिस ने अभी तक इस घटना पर कोई भी टिप्पणी नहीं की है।
गिलेंकिर्चेन बेस को भी किया गया है बंद-दावा
जर्मन सैन्य प्रवक्ता ने पहले कहा था कि जर्मनी के हेन्सबर्ग में स्थित गिलेंकिर्चेन बेस को बंद कर दिया गया है। लेकिन बाद में गिलेंकिर्चेन में एक नाटो प्रवक्ता ने कहा है कि बेस कभी भी बंद नहीं हुआ है। बेस के पानी सप्लाई की भी चांज की गई है और यह पूरी तरह से सुरक्षित है।
नाटो ने पहले ही दी थी चेतावनी
हालांकि अभी यह साफ नहीं हो पाया है कि इस तोड़फोड़ को किसने अंजाम दिया है और इसकी अभी जांच जारी है। वहीं गिलेंकिर्चेन में नाटो हवाई अड्डे पर सुरक्षा स्तर को बढ़ा दिया गया है।
इससे पहले नाटो ने जर्मनी को इस तरह की घटनाओं के लिए चेतावनी दी थी। चेतावनी जारी करते हुए नाटो ने कहा था कि आने वाले दिनों में यहां पर तोड़फोड़ और साइबर हमले जैसे घटनाएं घट सकती है।
जून में नाटो महासचिव जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने कहा था कि पश्चिमी सैन्य गठबंधन ने एक पैटर्न को नोट किया जिसमें रूसी खुफिया गतिविधियों के सक्रिय होने के सबूत मिले हैं। इससे पहले इस तरह की घटनाओं के बारे में पोलैंड, ब्रिटेन और चेक गणराज्य जैसे अन्य यूरोपिय देशों ने भी सूचनाएं दी है।