बर्लिन: जर्मनी की सरकार ने बुधवार (24 जुलाई) को हैम्बर्ग स्थित इस्लामिक सेंटर हैम्बर्ग (IZH) पर प्रतिबंध लगा दिया। जर्मन सरकार ने इससे संबद्ध उप-संगठनों पर भी ईरानी नेतृत्व की विचारधारा को बढ़ावा देने और लेबनान के हिजबुल्लाह आतंकवादी समूह का समर्थन करने के आरोप में बैन लगाया है।
यह प्रतिबंध इन संगठनों से जुड़े व्यक्तियों से संबंधित संपत्तियों पर पुलिस छापे के बाद लगाया गया है। जर्मनी के आंतरिक मंत्रालय के अनुसार, प्रतिबंध के बाद जर्मनी में चार शिया मस्जिदें बंद हो जाएंगी और IZH की संपत्ति जब्त कर ली जाएगी।
WION की रिपोर्ट के अनुसार ब्रेमेन, बवेरिया, मैक्लेनबर्ग-वेस्टर्न पोमेरानिया हेसे, लोअर सैक्सोनी, नॉर्थ राइन-वेस्टफेलिया और बर्लिन में IZH से संबद्ध संस्थानों की भी जांच की जा रही है। आंतरिक मंत्रालय ने कहा कि 53 संपत्तियों की तलाशी ली जा रही है और चार मस्जिदें बंद कर दी गई हैं।
पिछले साल नवंबर से जारी थी जांच
सामने आई जानकारी के अनुसार बैन लगाने का यह घटनाक्रम व्यापक जांच के बाद हुआ है। इसमें नवंबर में जांच में सामने आए नतीजे भी अहम वजह हैं। आंतरिक मंत्री नैन्सी फेजर ने कहा कि जांच के बाद एकत्रित सामग्री ने ‘इस हद तक गंभीर संदेह की पुष्टि की कि हमने आज प्रतिबंध का आदेश दे दिया।’
Germany has banned the Islamic Center Hamburg (IZH) and currently taking action against the associated Blue Mosque in Hamburg.
It’s considered extremist and an arm of lslamic regime in Germany. pic.twitter.com/8qqXWPyBgT
— Azat (@AzatAlsalim) July 24, 2024
फेजर के अनुसार, IZH ‘जर्मनी में एक इस्लामवादी-चरमपंथी, अधिनायकवादी विचारधारा को बढ़ावा देता है’ और इसके सहयोगी ‘हिजबुल्लाह के आतंकवादियों का समर्थन करते हैं और आक्रामक यहूदी विरोधी भावना फैलाते हैं।’
आंतरिक मंत्रालय ने आरोप लगाया कि IZH जर्मनी में ईरान के ‘इस्लामिक क्रांति के सर्वोच्च नेता’ के प्रत्यक्ष प्रतिनिधि के रूप में काम करता है। यह भी कहा गया कि यह ‘आक्रामक और उग्रवादी तरीके से इस्लामी क्रांति की विचारधारा’ का प्रसार करता है और जर्मनी के भीतर ऐसी स्थिति को भड़काने की कोशिश करता है।
बैन पर ईरान-जर्मनी के बीच तनातनी!
बाद में ईरान के आधिकारिक IRNA समाचार एजेंसी ने बताया कि ईरान के विदेश मंत्रालय ने IZH पर प्रतिबंध को लेकर तेहरान में जर्मन राजदूत को तलब किया। सूत्रों के अनुसार हैम्बर्ग में इमाम अली मस्जिद का संचालन करने वाला IZH लंबे समय से जर्मनी की घरेलू खुफिया एजेंसी की निगरानी में था।
इमाम अली मस्जिद जिसे स्थानीय तौर पर ब्लू मस्जिद के नाम से भी जाना जाता है, वो जर्मनी की सबसे पुरानी मस्जिदों में से एक है। बहरहाल, आरोपों के जवाब में IZH ने पहले एक बयान जारी कर कहा था कि वह ‘हर प्रकार की हिंसा और उग्रवाद की निंदा करता है और हमेशा शांति, सहिष्णुता और अंतरधार्मिक संवाद की वकालत करता है।’