यरूशलेमः इजराइल और हमास के बीच युद्धविराम पर समझौता हो गया है। इजराइली मीडिया ने बताया कि प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने शुक्रवार को इसकी पुष्टि कर दी। कतर में इजराइल और हमास टीमों के बीच गाजा में बंधकों की रिहाई और युद्ध विराम लागू करने के लिए यह समझौता हुआ है।

टाइम्स ऑफ इजराइल ने बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय के एक बयान का हवाला देते हुए कहा कि इजराइली प्रधानमंत्री ने डील पर मतदान करने के लिए शुक्रवार को सुरक्षा कैबिनेट की बैठक बुलाई है, जिसके बाद आधिकारिक मंजूरी के लिए पूर्ण कैबिनेट सत्र होगा। नेतन्याहू को इजराइली वार्ता टीम ने जानकारी दी कि समझौता सफलतापूर्वक पूरा हो गया है। उन्होंने टीम की कोशिशों के लिए उन्हें धन्यवाद दिया।

इस समझौते को 15 महीने से चल रहे संघर्ष को समाप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इसके तहत जहां इजराइल बंदी बनाए गए फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा करेगा तो वहीं हमास बंधक बनाए गए कई लोगों को मुक्त करेगा।

चरणबद्ध तरीके से डील होगी पूरी

नेतन्याहू के कार्यालय ने बताया कि शेष 98 बंधकों के परिवारों को जानकारी दे दी गई है और उनकी वापसी की तैयारी चल रही है। पीएम कार्यालय ने कहा, "इजराइल युद्ध के सभी लक्ष्यों को हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध है, जिसमें हमारे सभी बंधकों, (जीवित और जिनकी मौत हो गई है) की वापसी शामिल है।"

बुधवार को मध्यस्थता करने वाले देश कतर, अमेरिका और मिस्र समझौता होने का ऐलान किया था। इसके तहत इजराइल बंधकों और फिलिस्तीनी कैदियों की चरणबद्ध रिहाई होगी और गाजा में लड़ाई में भी विराम लगेगा। पहले फेज में इजराइल के 33 बंधकों को रिहा किया जाएगा।  बदले में इजराइल भी 250 फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा करेगा। इसके बाद इजराइली सेना (आईडीएफ) गाजा से पीछे हटेगी।

कब लागू होगा संघर्षविराम?

इस बीच टाइम्स ऑफ इजराइल ने नेतन्याहू के प्रवक्ता के हवाले से बताया कि पूरी कैबिनेट की बैठक शनिवार रात तक नहीं होगी। इसके पीछे कारण यह बताया गया है: "समझौते के विरोधियों को उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल करने के लिए 24 घंटे का समय दिया जाना चाहिए, और शुक्रवार दोपहर की बैठक पर्याप्त समय प्रदान नहीं कर पाएगी क्योंकि उनमें से कई धार्मिक हैं और सब्बाथ का पालन करते हैं।"

इसका मतलब यह हो सकता है कि संघर्षविराम सोमवार तक लागू नहीं होगा, जो कि पहले निर्धारित समय से एक दिन बाद होगा। अखबार ने आगे लिखा, "शनिवार को पूर्ण कैबिनेट की बैठक करने का अर्थ है कि याचिका दाखिल करने की 24 घंटे की समय सीमा रविवार देर रात तक समाप्त नहीं होगी, जिससे समझौता सोमवार तक लागू नहीं हो पाएगा।"

गौरतलब है कि सुरक्षा कैबिनेट के 11 सदस्यों में से आठ नेतन्याहू की लिकुड पार्टी से हैं। सुरक्षा कैबिनेट में दो अति दक्षिणपंथी गठबंधन सहयोगी, राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री इटमार बेन-ग्वीर और वित्त मंत्री बेजेल स्मोट्रिच ने इस सौदे का खुलकर विरोध किया है।

जी7 देशों ने इजराइल और हमास के बीच युद्धविराम का पूर्ण समर्थन किया

शुक्रवार को जी7 देशों ने इजराइल और हमास के बीच हुए युद्धविराम समझौते का पूरी तरह समर्थन किया है। समाचार एजेंसी रॉयटर के मुताबिक, ईरान से इजराइल पर और हमले करने से बचने की अपील की गई है। जी7 देशों ने अपने बयान में कहा, "हम ईरान और उसके सहयोगियों से आग्रह करते हैं कि वे इजराइल पर और हमले करने से बचें।" उन्होंने यह भी कहा कि "इन खतरों के सामने हम इजराइल की सुरक्षा का समर्थन करते हैं।"

हमास-इजराइल युद्ध में 46 हजार लोगों की मौत

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक गाजा में स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि घोषणा के बाद से इजराइली हमलों में दर्जनों फिलिस्तीनी मारे गए हैं। हमास ने 7 अक्टूबर 2023 को दक्षिणी इजराइल पर हमला किया था जिसमें लगभग 1,200 लोग मारे गए और 251 लोगों को बंधक बनाकर गाजा ले जाया गया था। इसके बाद इजराइल ने फिलिस्तीनी ग्रुप के कब्जे वाले गाजा पट्टी पर सैन्य हमले शुरू कर दिए। हमास द्वारा संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इजराइली हमलों में 46,000 से अधिक फिलिस्तीनियों की मौत हो गई।

आईएएनएस इनपुट के साथ