13 साल की उम्र से हैकिंग करने से लेकर यूरोप के मोस्ट वांटेड क्रिमिनल बनने तक, जानें कौन हैं जूलियस किविमाकी जिसे कोर्ट ने दी 6 साल की सजा

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From hacking at age of 13 to becoming Europe most wanted criminal know who finland Julius Kivimaki sentenced to 6 years by court

प्रतिकात्मक फोटो (फोटो- IANS)

एक फिनिश हैकर को कोर्ट ने छह साल की सजा सुनाई है। बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, हैकर जूलियस किविमाकी पर आरोप है कि उसने 33 हजार मरीजों की निजी जानकारियों को हैक करने के बाद उन्हें ब्लैकमेल कर रहा था।

रिपोर्ट में हैकर जूलियस के बचपन का जिक्र किया गया है जब वह 13 साल का था और उसने पहली बार हैंकिग की थी। दावा है कि हैकिंग के शुरुआती स्टेज में वह बच्चों के हैकर गैंग में शामिल हुआ था और वहीं से इसकी शुरुआत हुई थी।

फ्रांस से फिनलैंड लाया गया था जूलियस

बिजनेस इनसाइडर के मुताबिक, सभी मामलों में दोषी करार होने पर सोमवार को पश्चिमी यूसीमा के जिला न्यायालय ने हैकर जूलियस को छह साल और तीन महीने की सजा सुनाई है। उस पर व्यक्तिगत गोपनीयता का उल्लंघन करते हुए सूचना प्रसारित करने के 9,231 मामले और गंभीर जबरन वसूली के प्रयास के 20,745 मामलों में सजा सुनाई गई है।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि जूलियस को पहले फ्रांस से फिनलैंड लाया गया था और फिर पिछले साल अक्टूबर में उस पर आरोप तय किए गए थे। ऐसे में तब से यह केस चल रहा था जिसमें अब जाकर फैसला आया है।

क्या है पूरा मामला

फिनलैंड न्यायपालिका द्वारा जारी बुलेटिन में बताया गया है कि कैसे हैकर जूलियस ने साल 2018 में वास्टामो नामक एक निजी फिजियोथेरेपी सेंटर जिसके फिनलैंड में कई ब्रांच है, उसे हैक कर लिया था।

बुलेटिन में आगे कहा गया है कि हैकिंग के बाद जूलियस ने मरीजों के डेटाबेस का एक्सेस लिया था, जिसमें उनकी निजी जानकारियां, मरीजों के सोशल सिक्योरिटी नंबर और मरीज और डॉक्टरों के बीच हुई बातचीत के नोट्स भी शामिल थे।

बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, हैकिंग के बाद जूलियस ने साल 2020 में थेरेपी कंपनी को ब्लैकमेल किया था और उससे चार लाख यूरो या $426,818 (₹3,55,88,362) से अधिक रकम की फिरौती मांगी थी।

वहीं कुछ फिनिश मीडिया ने यह भी दावा किया है कि उसने साढ़े चार लाख यूरो ($534,000) की मांग की थी। यही नहीं उसने फिरौती की रकम को बिटकॉइन में जमा करने का बात कही थी।

मामले से जुड़े एक मरीज की हो गई है मौत-रिपोर्ट

मामले में बीबीसी की रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि जब थेरेपी कंपनी ने फिरौती देने से इंकार कर दिया था तब जूलियस ने मरीजों को ईमेल कर उनसे पैसे मांगे थे। जूलियस ने हर मरीज को मेल कर उनसे 200 यूरो या 213 डॉलर की मांग की थी और यह भी कहा था कि अगर पैसे 24 घंटे में नहीं मिले तो यह रकम 500 ​​यूरो तक हो जाएगी।

दावा है कि जूलियस के धमकी देने के बाद कथित तौर पर मरीजों की निजी जानकारियों डार्क वेब पर उपलब्ध हो गई थीं।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि घटना के बाद एक मरीज ने आत्महत्या की थी जिसे इस मामले से जोड़कर देखा जा रहा है। हालांकि जूलियस ने खुद पर लगाए गए सभी आरोपों से इनकार किया है।

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