डोनाल्ड ट्रंप के करीबी और FBI के अगले चीफ काश पटेल पर ईरानी साइबर हमला: रिपोर्ट

जून में ईरानी हैकरों ने डोनाल्ड ट्रंप के करीबी सहयोगी रोजर स्टोन के ईमेल तक पहुंच बनाई और एक वरिष्ठ अधिकारी के ईमेल को भी हैक करने की कोशिश की थी।

एडिट
former usa president donald Trump's close aide and next FBI Chief Kash Patel targeted by Iranian hackers says Report

डोनाल्ड ट्रंप के करीबी और FBI के अगले चीफ काश पटेल ईरानी हैकरों के निशाने पर: रिपोर्ट (फोटो- IANS)

वॉशिंगटन: हाल ही में अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल करने वाले डोनाल्ड ट्रंप ने पद संभालने से पहले भारतीय-अमेरिकी वकील काश पटेल को संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई-FBI) का प्रमुख नियुक्त किया था। अब काश पटेल के बारे में खबर आई है कि ईरानी हैकरों ने उन्हें निशाना बनाया है।

हैकरों ने उनके व्यक्तिगत और पेशेवर डेटा तक पहुंच बना ली थी। अंग्रेजी वेबसाइट टाइम्स ऑफ इंडिया के हवाले से यह खबर आई है कि ईरानी हैकरों ने उनकी बातचीत और डेटा चुराने की कोशिश की थी।

काश पटेल ट्रंप प्रशासन के दौरान ईरान से संबंधित नीतियों को तैयार करने में अहम भूमिका निभा चुके हैं, इसलिए उन्हें इस हमले का शिकार बनाया गया। उन्होंने ईरानी शासन के खिलाफ कई महत्वपूर्ण कदम भी उठाए थे।

हालांकि, इस हमले पर प्रतिक्रिया देते हुए ट्रंप के प्रवक्ता एलेक्स फिफर ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। उन्होंने केवल यह कहा कि पटेल को एफबीआई निदेशक के रूप में अमेरिकी सुरक्षा के लिए काम करने के लिए चुना गया था और वह अमेरिका के विरोधियों से सुरक्षा की नीतियों को लागू करेंगे।

डोनाल्ड ट्रंप के कई अन्य सहयोगी भी हैकिंग का शिकार बन चुके हैं

खबर के मुताबिक, यह घटना अकेली नहीं थी। पिछले कुछ महीनों में ट्रंप के कई अन्य करीबी सहयोगी भी विदेशी हैकिंग का शिकार बने हैं। पिछले महीने एफबीआई ने ट्रंप के एक अन्य अटॉर्नी टॉड ब्लैंच को सूचित किया कि उनके फोन को चीनी हैकरों ने निशाना बनाया था।

अगस्त में ट्रंप के वकील लिंडसे हॉलिगन को भी ईरानी हैकरों ने अपना लक्ष्य बनाया था। इसके अलावा, डोनाल्ड ट्रंप जूनियर ने यह भी बताया था कि एफबीआई ने उन्हें सूचना दी थी कि वह ईरान के प्रमुख निशाने पर हैं।

अमेरिका ने ईरान पर क्या आरोप लगाए गए हैं

खबर में बताया गया है कि ईरान पर आरोप है कि उसने अमेरिकी चुनावों में हस्तक्षेप किया था, हालांकि ईरान ने इन आरोपों को नकारा है। इस वर्ष ईरान ने ट्रंप के पहले प्रशासन के कुछ सदस्यों और जो बाइडेन के चुनावी अभियान से जुड़े लोगों को निशाना बनाया।

जून में ईरानी हैकरों ने ट्रंप के करीबी सहयोगी रोजर स्टोन के ईमेल तक पहुंच बनाई और एक वरिष्ठ अधिकारी के ईमेल को भी हैक करने की कोशिश की।

अमेरिका और ईरान के बीच संबंध पिछले कुछ वर्षों से तनावपूर्ण रहे हैं, खासकर जब से अमेरिका ने इजराइल को समर्थन और सैन्य वित्त पोषण दिया है। इस तनाव ने गाजा के साथ इजराइल और ईरान के बीच चल रहे संघर्ष को और बढ़ावा दिया है।

दोनों पक्ष युद्धविराम समझौतों की बात कर रहे हैं, लेकिन युद्ध की वजह से हताहतों की संख्या बढ़ती जा रही है। इस घटनाक्रम से अमेरिका और ईरान के रिश्तों की जटिलता और भविष्य में होने वाले संघर्षों का संकेत मिलता है।

यह भी पढ़ें
Here are a few more articles:
Read the Next Article