इस्लामाबाद: पाकिस्तानी सेना ने सोमवार को पूर्व इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के प्रमुख फैज हमीद को सैन्य हिरासत में ले लिया है। उन्हें एक आवास योजना घोटाले में हिरासत में लिया गया है। इसके साथ उनके कोर्ट मार्शल की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है।
पाकिस्तानी अखबार डॉन की एक रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी पूर्व खुफिया प्रमुख को कोर्ट मार्शल का सामना करना पड़ रहा है।
हमीद को पूर्व प्रधान मंत्री इमरान खान का करीबी सहयोगी माना जाता है। पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने हमीद पर लगे सभी आरोपों को “बेहद गंभीर” बताया है। मामले में हमीद के अलावा अन्य पूर्व आईएसआई अधिकारियों पर भी आरोप लगे हैं।
इस घोटाले में हमीद के भाई पर भी आरोप लगे हैं और इस सिलसिले में उसे 14 दिन तक जेल की सजा भी हुई थी।
बयान में क्या कहा गया है
दरअसल, टॉप सिटी हाउसिंग स्कीम में हुए घोटाले के सिलसिले में सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद के खिलाफ शिकायतों की गई थी। इन शिकायतों के बाद पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने इसके जांच के आदेश दिए थे।
जांच के आधार पर पाकिस्तानी सेना ने हमीद को हिरासत में लिया है और उनकी कोर्ट मार्शल की प्रक्रिया शुरू की गई है। सेना ने कहा है कि हमीद फिलहाल सैन्य हिरासत में हैं और उनके खिलाफ पाकिस्तान आर्मी एक्ट के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा रही है।
Former DG ISI Faiz Hameed taken into military custody for misusing authority: reports
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— ANI Digital (@ani_digital) August 12, 2024
क्या है पूरा मामला
डॉन ने एक रिपोर्ट में कहा कि एक निजी आवास योजना टॉप सिटी के प्रबंधन और उसके मालिक मोईज खान के यहां छापे किए गए थे। ये छापे उनके कार्यालयों और आवास पर पाकिस्तान रेंजर्स और आईएसआई अधिकारियों द्वारा की गई थी। इस छापेमारी को हमीद लीड कर रहे थे।
इस सिलसिले में 12 मई 2017 को एक याचिका दायर की गई थी और हमीद पर गंभीर आरोप लगाए गए थे। आरोप है कि कथित आतंकवाद के एक मामले में उनके यहां की गई छापेमारी में सोना, हीरे के गहने और पैसे जैसी कीमती चीजें जब्त की गई थी।
आरोप यह भी है कि हाउसिंग सोसाइटी के अवैध अधिग्रहण में पूर्व आईएसआई अधिकारी इरतजा हारून, सरदार नजफ, वसीम ताबिश, जाहिद महमूद मलिक और मोहम्मद मुनीर भी शामिल थे।
सुप्रीम कोर्ट ने क्या निर्देश दिया था
तब से कोर्ट में यह केस चलता रहा और इस सिलसिले में पिछले साल नवंबर में सुप्रीम कोर्ट ने मोईज खान को यह निर्देश दिया था कि वे इस मामले में रक्षा मंत्रालय से संपर्क करें।
इस दौरान कोर्ट ने यह चेतावनी दी थी कि इन कामों के चलते सरकार, सशस्त्र बलों, आईएसआई और पाकिस्तान रेंजर्स की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंच सकता है।
कोर्ट के निर्देश के बाद मोईज ने रक्षा मंत्रालय से संपर्क किया और इस मामले में एक नई जांच शुरू हुई थी जिसमें पुराने जांच की रिपोर्ट को आधार बनाकर एक फाइनल रिपोर्ट तैयार की गई थी।
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हमीद के भाई पर भी लगे थे आरोप
इससे पहले मार्च 2023 में तत्कालीन आंतरिक मंत्री राणा सनाउल्लाह ने हमीद और उनके भाई नजफ हमीद को इस घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाया था। ऐसे में इस केस में इसी साल मार्च में हमीद के भाई सेवानिवृत्त नायब तहसीलदार नजफ को अदियाला जेल में 14 दिन की न्यायिक हिरासत में रखा था।
नजफ और उसके अन्य सह-आरोपियों ने रावलपिंडी में भ्रष्टाचार निरोधक प्रतिष्ठान (एसीई) द्वारा दायर एक मामले में गिरफ्तारी से पहले जमानत की मांग की थी। इस मामले में एफआईआर में आरोप लगाया गया था कि पूर्व खनिज संसाधन मंत्री हाफिज अम्मार यासिर ने बिचौलियों के माध्यम से अरबों रुपए की संपत्ति हासिल की थी।
इमरान खान ने बनाया था हमीद को आईएसआई प्रमुख
पूर्व प्रधान मंत्री इमरान खान का करीबी सहयोगी कहे जाने वाले हमीद को पीटीआई नेता ने अपने कार्यकाल के दौरान उन्हें आईएसआई का प्रमुख बनाया था। इमरान खान को साल 2022 में अविश्वास प्रस्ताव के जरिए उन्हें पीएम पद से हटा दिया गया था।
बाद में खान ने यह आरोप लगाया था कि उन्हें सेना द्वारा इस पद से हटाया गया है, हालांकि सेना ने इससे इनकार किया था।
साल 2022 में हमीद उन शीर्ष छह जनरलों में शामिल थे जिन्हें प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ द्वारा सर्वोच्च सैन्य पदों पर तैनाती होने वाली थी। लेकिन इससे पहले उन्होंने शीघ्र सेवानिवृत्ति का विकल्प चुना था और अपना इस्तीफा सौंप दिया था।