सोल: दक्षिण कोरिया इन दिनों गंभीर राजनीतिक संकट से गुजर रहा है। हाल ही में राष्ट्रपति यूं सुक येओल के कार्यालय पर छापा और पूर्व रक्षा मंत्री किम योंग-ह्यून की गिरफ्तारी ने स्थिति को और पेचीदा बना दिया है।
राष्ट्रपति यूं सुक येओल पर आरोप है कि उन्होंने हाल ही में मार्शल लॉ लागू कर नागरिक शासन को निलंबित कर दिया। उनके इस कदम से संसद में विशेष बल तैनात किए गए ताकि मार्शल लॉ को रद्द करने का प्रस्ताव पारित न हो सके। हालांकि, सांसदों ने इस आदेश को रद्द कर दिया।
एनडीटीवी की खबर के मुताबिक, विशेष बल के प्रमुख क्वाक जोंग-ग्यून ने खुलासा किया कि राष्ट्रपति ने सांसदों को संसद में इकट्ठा होने से रोकने का आदेश दिया था। इस कदम ने संवैधानिक संकट को जन्म दिया और राष्ट्रपति की आलोचना बढ़ गई।
राष्ट्रपति पर जांच का शिकंजा, यात्रा प्रतिबंध भी लगा
खबर के अनुसार, मार्शल लॉ की जांच के तहत बुधवार को पुलिस ने राष्ट्रपति कार्यालय पर छापा मारा। राष्ट्रपति पर विद्रोह के दौरान नागरिक अधिकारों का दुरुपयोग और संवैधानिक व्यवस्था को बाधित करने का आरोप है। इसके चलते उन पर यात्रा प्रतिबंध भी लगाया गया है।
पूर्व रक्षा मंत्री की गिरफ्तारी और जान देने की कोशिश
मार्शल लॉ लागू करने में भूमिका निभाने के आरोपों के चलते पूर्व रक्षा मंत्री किम योंग-ह्यून को गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तारी से पहले हिरासत में रहते हुए किम ने आत्महत्या करने की कोशिश की। उन्होंने कपड़ों और इनरवियर का इस्तेमाल करके जान देने की कोशिश की, लेकिन सुरक्षा कर्मियों की सतर्कता से उनकी जान बचा ली गई।
मुख्य विपक्षी दल ने राष्ट्रपति के खिलाफ दूसरा महाभियोग प्रस्ताव लाने की योजना बनाई है। इससे पहले सात दिसंबर को लाया गया पहला प्रस्ताव विफल रहा था। पीपुल्स पावर पार्टी के कुछ सदस्यों ने भी इस प्रस्ताव का समर्थन करने की बात कही है।
दक्षिण कोरिया एशिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। फिलहाल वह इन घटनाओं के चलते अस्थिरता का सामना कर रहा है। मार्शल लॉ, आत्महत्या के प्रयास और राष्ट्रपति कार्यालय पर छापे ने राजनीतिक और संवैधानिक संकट को और गहरा कर दिया है।