तुर्की ने इजराइल के साथ सभी व्यापारिक गतिविधियों पर रोक लगा दी है। तुर्की के व्यापार मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी है। व्यापारिक संबंधोंं पर रोक के पीछे तुर्की ने गाजा पट्टी में "बदतर होती मानवीय त्रासदी" का हवाला दिया है। व्यापार मंत्रालय ने बताया कि गाजा पट्टी पर चल रहे इजराइली हमलों के चलते ये फैसला लिया गया है।

गौरतलब है कि तुर्की ने अप्रैल में इजराइल को 54 उत्पाद समूहों के निर्यात पर रोक लगा दी थी। कहा था कि यह तब तक प्रभावी रहेगा जब तक गाजा में युद्धविराम नहीं हो जाता। समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार मंत्रालय ने कहा कि इजरायली सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय युद्धविराम प्रयासों को अनदेखा किया है। उसने अपना आक्रामक व्यवहार जारी रखा है और फिलिस्तीन में मानवीय त्रासदी बदतर हो गई है।

मंत्रालय ने बताया कि इजराइल के साथ व्यापारिक संबंधों पर रोक का यह दूसरा चरण है। इजराइल के साथ सभी उत्पादों के आयात-निर्यात पर रोक लगा दी गई है। तुर्की ने कहा कि यह तब तक जारी रहेगा जबतक इजराइली सरकार गाजा को मानवीय सहायता के निर्बाध और पर्याप्त प्रवाह की अनुमति नहीं देती। तुर्की सांख्यिकी संस्थान के अनुसार, 2023 में दोनों देशों के बीच 6.8 अरब डॉलर का व्यापार हुआ था।

इजराइल के विदेश मंत्री इजराइल काट्ज ने तुर्की के राष्ट्रपति रेसे तैयप एर्दोगन पर तानाशाह की तरह काम करने का आरोप लगाया है। उन्होंने एक्स पर लिखा- "तुर्की के राष्ट्रपति लोगों और व्यापारियों के हितों की उपेक्षा कर रहे हैं और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार समझौतों की अनदेखी कर रहे हैं"।

इजराइल-तुर्की के बीच पहली बार कब रिश्ते खराब हुए?

गौरतलब है कि 1949 में, तुर्की इजराइल को मान्यता देने वाला पहला मुस्लिम-बहुल देश था। लेकिन पिछले दस सालों में दोनों देशों के बीच के रिश्ते खराब हुए हैं। 2010 में तुर्की ने इजराइल के साथ राजनयिक संबंध तोड़ दिए थे जब फिलिस्तीन समर्थक 10 तुर्की कार्यकर्ता इजराइली कमांडो के साथ झड़प में मारे गए थे। ये गाजा पट्टी पर इजराइल की समुद्री नाकाबंदी को तोड़ने की कोशिश कर रहे तुर्की के स्वामित्व वाले जहाज पर सवार थे। लेकिन 6 साल बाद 2016 में दोनों के बीच संबंध फिर से बहाल हुए। लेकिन गाजा-इजराइल सीमा पर विरोध प्रदर्शन के बीच इजराइल द्वारा फिलिस्तीनियों की हत्या के विवाद में उन्होंने 2018 में एक-दूसरे के शीर्ष राजनयिकों को निष्कासित कर दिया।

अमेरिका और ब्रिटेन सहित देशों के विपरीत, तुर्की हमास को आतंकवादी संगठन नहीं मानता है। पिछले साल जब 7 अक्टूबर को इजराइल पर हमास ने घातक हमले किए तो एर्दोगन इजराइल की आलोचनाओं में और तेजी ला दी। उन्होंने बार-बार इजरायली प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की आलोचना की है। उनकी तुलना एडॉल्फ हिटलर, बेनिटो मुसोलिनी और जोसेफ स्टालिन से की है और उन्हें "गाजा का कसाई" तक कह दिया।

युद्ध के बाद गाजा पट्टी की स्थितियों को लेकर इजराइल की आलोचना बढ़ रही है। संयुक्त राष्ट्र समर्थित एक आकलन में पिछले महीने कहा गया था कि 11 लाख लोग विनाशकारी भूख का सामना कर रहे हैं और मई तक गाजा में आकाल जैसी स्थिति बन जाएगी।  हमास द्वारा संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, जब से इजराइल-हमास युद्ध शुरू हुआ है, मरने वालों की कुल संख्या 34,568 हो गई और घायलों की संख्या 77,765 है।

इजराइल 2023 में तुर्की का 13वां सबसे बड़ा निर्यात बाजार था

इजराइल 2023 में तुर्की का 13वां सबसे बड़ा निर्यात बाजार था, जिसने पिछले साल तुर्की निर्यात का 2.1% प्राप्त किया था। पिछले साल तुर्की इजराइल के आयात का पांचवां सबसे बड़ा स्रोत था। तुर्की की सरकारी आंकड़ों वाली संस्था तुर्की स्टैटिस्टिकल इंस्टीट्यूट ने बताया है कि अप्रैल महीने में तुर्की में सालाना महंगाई की दर 69.8% तक पहुंच गई है। सबसे ज्यादा महंगाई शिक्षा पर पड़ी है, जिसकी कीमतों में साल भर में 103.86% का उछाल आया है। वहीं होटल, कैफे और रेस्टोरेंट में खाने-पीने की चीजों के दाम 95.82% बढ़ गए हैं। पिछले महीने के मुकाबले इस महीने महंगाई की दर 3.18% बढ़ी है। इसमें सबसे ज्यादा बढ़ोतरी शराब और सिगरेट और होटल, कैफे और रेस्टोरेंट में खाने-पीने की चीजों में हुई है।

अप्रैल महीने की यह महंगाई दर नवंबर 2022 के बाद सबसे ज्यादा है, जब महंगाई दर 85% के आसपास थी। हालांकि 70% के करीब महंगाई दर बहुत ज्यादा है, लेकिन कई आर्थिक विशेषज्ञों का मानना था कि यह और भी ज्यादा बढ़ सकती थी।  तुर्की के सेंट्रल बैंक ने देश में बढ़ती महंगाई को कम करने के लिए अपनी ब्याज दरों को बढ़ाकर 50% कर दिया है। बैंक ने मार्च में कहा था कि "जब तक मासिक महंगाई की दर में कमी नहीं आती है, तब तक सख्त मौद्रिक नीति बरकरार रखी जाएगी।"