न्यूयॉर्कः अमेरिका में कोविड-19 वैक्सीन को लेकर विवाद जारी है। इस महीने की शुरुआत में, कंसास के अटॉर्नी जनरल क्रिस कोबाक के फार्मा दिग्गज फाइजर पर मुकदमा दायर करने के बाद अब, चार और अमेरिकी राज्यों ने मुकदमा दायर किया है। फाइजर पर आरोप है कि उसने जनता को यह कहकर गुमराह किया कि उसके पास ‘सुरक्षित और प्रभावी’ कोविड-19 वैक्सीन है। यह राज्य के उपभोक्ता संरक्षण कानूनों का उल्लंघन है।
कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट के विवाद के बाद, राष्ट्रपति पद के निर्दलीय उम्मीदवार रॉबर्ट एफ. कैनेडी जूनियर ने एक्स पर फाइजर की आलोचना की। कहा, राज्य ने फाइजर पर कोविड-19 वैक्सीन के मार्केटिंग में भ्रामक और धोखाधड़ीपूर्ण बयानों के लिए नागरिक मौद्रिक दंड, हर्जाने और निषेधाज्ञा राहत की मांग की है।
कैनेडी जूनियर ने अपनी पोस्ट में लिखा, “पांच राज्य – टेक्सास, यूटा, कंसास, मिसिसिपी और लुइसियाना – फाइजर पर मुकदमा कर रहे हैं। क्योंकि उन्होंने वैक्सीन के कारण मायोकार्डिटिस, पेरीकार्डिटिस, असफल गर्भधारण और मौतों के बारे में जानकारी छिपाने का आरोप लगाया है। यह अमेरिका के 10 प्रतिशत राज्यों के बराबर है। स्थिति बदल रही है।”
Five states — Texas, Utah, Kansas, Mississippi, and Louisiana — suing Pfizer for knowing and concealing the vaccine causing myocarditis, pericarditis, failed pregnancies and deaths. That’s 10% of US states. The tide is turning.
— Robert F. Kennedy Jr (@RobertKennedyJr) June 25, 2024
कैनेडी जूनियर ने एक अन्य पोस्ट में कहा था कि तीन साल पहले, मैंने और दूसरे असंतुष्टों ने लोगों को बताया था कि कोविड-19 शायद किसी लैब से फैला होगा। सरकारी डॉक्टरों ने, जिनकी अगुवाई डॉ. फौसी कर रहे थे, ये कहा कि हमारी बातें गलत हैं और “फेक न्यू” हैं। पर अब, संसद, अखबार-चैनल सब डॉ. फौसी पर शक कर रहे हैं। वो कह रहे हैं कि वो न सिर्फ गलत थे, बल्कि जानबूझकर लोगों को गुमराह भी कर रहे थे।
Three years ago, other dissidents and I told the public that Covid-19 likely originated in a lab leak. Public health officials, led by Dr. Anthony Fauci, said that our concerns were unscientific, that they were “misinformation” and “conspiracy theories.” Now, Congress, the… pic.twitter.com/fhJHbJ6gPS
— Robert F. Kennedy Jr (@RobertKennedyJr) June 11, 2024
फाइजर ने गर्भवती महिलाओं के लिए वैक्सीन के जोखिम छुपाए
कंसास के अटॉर्नी जनरल कोबाक ने आरोप लगाया कि फार्मा कंपनी ने कोविड-19 वैक्सीन के बारे में जानकारी छुपाई। उसने इसकी जानकारी नहीं दी कि गर्भवती महिलाओं के लिए, विशेष रूप से दिल की समस्याओं के मामले में यह सबसे गंभीर है। मुकदमे में कहा गया है कि फाइजर ने अपनी वैक्सीन को गर्भवती महिलाओं के लिए सुरक्षित बताया। इसके अलावा, वैक्सीन के विभिन्न वैरिएंट के खिलाफ प्रभाव और संक्रमण को रोकने की क्षमता के बारे में भी जानकारी छुपाई गई।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, फरवरी 2021 तक 458 गर्भवती महिलाओं ने प्रेग्नेंसी के दौरान फाइजर की कोविड-19 वैक्सीन ली थी। आधी से ज्यादा गर्भवती महिलाओं ने कोई ना कोई परेशानी बताई। इनमें से 10 प्रतिशत से ज्यादा महिलाओं को गर्भपात हुआ।
लेकिन, अप्रैल 2021 में “न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन” नाम की एक जानी-मानी पत्रिका में छपी एक रिसर्च में बताया गया कि शुरूआती जांच में प्रेग्नेंट महिलाओं को दी जाने वाली mRNA कोविड-19 वैक्सीन से कोई खतरा नहीं पाया गया। रिसर्च में ये भी कहा गया कि गर्भपात होना आम बात नहीं है और ऐसा वैक्सीन की वजह से होने की संभावना कम ही है।
कंसास राज्य ने थॉमस काउंटी के जिला न्यायालय में दायर किया है मुकदमा
अटॉर्नी जनरल क्रिस ने फाइजर के खिलाफ यह मुकदमा थॉमस काउंटी के जिला न्यायालय में दायर किया है। मुकदमे में फाइजर पर वायरस संचरण पर इसके प्रभाव का अध्ययन न करने के बावजूद अपने टीके के सुरक्षित और प्रभावी होने का दावा करके जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया गया है।
मुकदमे के अनुसार, फाइजर ने अपने टीके की सुरक्षा का प्रचार किया, जबकि कथित तौर पर गर्भावस्था संबंधी जटिलताओं, जैसे गर्भपात और हृदय संबंधी सूजन, विशेष रूप से मायोकार्डिटिस और पेरिकार्डिटिस को इससे जोड़ने वाले साक्ष्य को छिपा दिया। शिकायत में दावा किया गया है कि फाइजर ने 2021 की शुरुआत में वैक्सीन के लॉन्च से ही इन दावों को जारी रखा।
मुकदमे में दावा किया गया है कि फाइजर के कार्यों ने कंसास उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम का उल्लंघन किया है। इसमें कहा गया है कि 7 फरवरी, 2024 तक फाइजर ने कंसास में 3.5 मिलियन से अधिक वैक्सीन खुराकें दी हैं।
फाइजर का क्या कहना है?
फाइजर (Pfizer) कंपनी का कहना है कि उन्होंने वैक्सीन के बारे में जो जानकारी दी थी वो सही और पूरी तरह से शोध पर आधारित थी। कंपनी का दावा है कि उनके वैक्सीन को अब तक दुनियाभर में डेढ़ अरब से ज्यादा लोगों को लगाया जा चुका है और ये पूरी तरह सुरक्षित है। वहीं दूसरी तरफ, कंसास राज्य का कहना है कि फाइजर ने गलत जानकारी दी और उनकी वजह से लोगों को परेशानी हुई। राज्य कंपनी को दंड देना चाहता है।
एस्ट्राजेनेका के कोविशील्ड पर भी उठे थे सवाल?
फाइजर से पहले फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका के कोविड टीके पर सवाल खड़े हो चुके हैं। इस कंपनी पर भी मुकदमा हुआ है। आरोप है कि उसके कोविशील्ड टीके से कुछ लोगों की मौत हुई और कुछ गंभीर रूप से बीमार हो गए। दायर याचिका में ये भी आरोप हैं कि कोविशील्ड से टीटीएस – थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम के साथ थ्रोम्बोसिस – सिंड्रोम जैसी समस्याओं से कुछ लोगों को जूझना पड़ा। इस सिंड्रोम के कारण लोगों में रक्त के थक्के बनते हैं और उनके प्लेटलेट्स भी तेजी से गिरते हैं।
फरवरी में यूके की एक अदालत में जमा किए गए दस्तावेजों में, एस्ट्राजेनेका कंपनी ने स्वीकार किया वैक्सीन से थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम जैसे साइड इफेक्ट हो सकते हैं। लेकिन ये बहुत दुर्लभ स्थिति है। इसने कहा था, “यह स्वीकार किया जाता है कि AZ वैक्सीन, बहुत ही दुर्लभ मामलों में, टीटीएस का कारण बन सकती है। कारण तंत्र ज्ञात नहीं है।” हालांकि, कागजों में कंपनी ने यह भी कहा था कि भले ही कोई टीकाकरण न हो, टीटीएस हो सकता है, साथ ही कहा कि प्रत्येक व्यक्तिगत मामले में कारण निर्धारित करने के लिए विशेषज्ञ की गवाही की आवश्यकता होगी।